KCC से लेकर PM Kisan स्कीम तक, प्रधानमंत्री ने राज्यसभा में गिनाई उपलब्धियां

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर जवाब दे रहे हैं. उन्होंने कहा कि 10 साल के बाद कोई एक सरकार की फिर से वापसी हुई है. भारत के लोकतंत्र के 6 दशक के बाद हुई ये घटना असामान्य घटना है. कुछ लोग जानबूझ करके मुंह फेर के बैठे हुए हैं, कुछ लोग हो हल्ला करने में लगे हैं. विपक्ष पर हमला बोलते हुए पीएम मोदी ने कहा कि देश की जनता के इस निर्णय को कैसे black out किया जाए, इसकी कोशिश की जा रही है.

पीएम मोदी ने किसानों की बात करते हुए कहा कि बीज, खाद और फसल बीमा का लाभ दिया जा रहा है. खाद का उचित दाम हो, सरकार की हमेशा कोशिश है. किसानों की उपज को बाजार तक पहुंच मिले, इसके लिए सरकार ने हर कोशिश की है. किसान क्रेडिट पर कहा कि इसे सरकार ने व्यापक स्वरूप में देखा है और इसमें मछुआरा को भी शामिल किया गया है. किसान क्रेडिट कार्ड से किसानों की खेती और उसके विस्तरा को मजबूती मिली है. पीएम किसान स्कीम के तहत देश के किसानों के खाते में हजारों करोड़ रुपये जमा कराए गए हैं.

किसानों की मदद में सरकार

प्रधानमंत्री ने कहा कि दुनिया में खाद का संकट था, लेकिन सरकार ने अपने किसानों को 12 लाख करोड़ रुपये खाद की सब्सिडी दी है. हमने एमएसपी में भी रिकॉर्ड बढ़ोतरी की है. खरीद में रिकॉर्ड बनाया है. पहले से अनेक गुना ज्यादा किसानों से खरीद की गई है. इससे किसानों को सामर्थ्यवान बनाया गया है. धान और गेहूं किसानों तक ढाई गुना अधिक पैसा पहुंचाया गया है. आने वाले 5 साल में हम इसमें वृद्धि करने के अलावा और भी कई क्षेत्रों में काम किया जाएगा. अनाज भंडारण में बड़ा काम किया जा रहा है. इसमें और तेजी आएगी. किसान फल और सब्जी की तरफ मुड़े, इसके लिए सरकार बड़े इंफ्रास्ट्रक्चर की दिशा में काम कर रही है.

कर्जमाफी पर विपक्ष को घेरा

प्रधानमंत्री ने राज्यसभा में कहा, पिछले 10 वर्षों में हमने जो किया है, उसकी गति भी बढ़ाएंगे, उसका विस्तार भी करेंगे. गहराई भी होगी, ऊंचाई भी होगी और हम इस संकल्प को पूरा करेंगे. मैं किसानों को लेकर सभी सदस्यों का और उनकी भावनाओं का आदर करता हूं. पीएम मोदी ने कहा, बीते 10 वर्षों में हमारी खेती लाभकारी हो, किसान को लाभकारी हो, इस पर हमने हमारा ध्यान केंद्रित किया है और अनेक योजनाओं से उसको ताकत देने का प्रयास किया है. एक प्रकार से बीज से बाजार तक हमने किसानों के लिए हर व्यवस्था को बहुत माइक्रो प्लानिंग के साथ मजबूती देने का भरसक प्रयास किया है और व्यवस्था को हमने चाक चौबंद किया है.

जब किसान कल्याण हमारी सरकार के हृदय के केंद्र में हो तो नीतियां कैसे बनती हैं और लाभ कैसे होता है, उसका सदन को उदाहरण देना चाहता हूं. हमारी योजना का लाभ 10 करोड़ किसानों को हुआ है. तीन लाख करोड़ हम किसानों को दे चुके हैं. हमने कृषि को एक व्यापक स्वरूप में देखा है और मछुआरों को भी किसान क्रेडिट कार्ड मुहैया कराया है. 

पीएम मोदी ने कहा, वैश्विक संकटों की वजह से कुछ समस्याएं उत्पन्न हुईं, लेकिन हमने 12 हजार करोड़ रुपये की सब्सिडी देकर इसका असर किसानों पर नहीं पड़ने दिया. हमने कांग्रेस के मुकाबले कहीं अधिक पैसा किसानों तक पहुंचाया. अन्न भंडारण का विश्व का सबसे बड़ा अभियान हमने हाथ में लिया और इस दिशा में काम चल पड़ा है.

प्रधानमंत्री ने कहा, कांग्रेस के कार्यकाल में 10 साल में एक बार किसानों की कर्जमाफी हुई और किसानों को गुमराह करने का भरसक प्रयास किया गया था और 60 हजार करोड़ की कर्जमाफी का इतना हल्ला मचाया था. उसके लाभार्थी सिर्फ तीन करोड़ किसान थे. गरीब किसान का तो नाम-ओ-निशान नहीं था. उनको लाभ पहुंच भी नहीं पाया था.

नमो ड्रोन दीदी योजना के बारे में पीएम मोदी ने कहा कि इससे महिला किसानों को बहुत लाभ मिला है. ड्रोन दीदियों का कहना है कि पहले वे साइकिल चलाना भी नहीं जानती थीं, लेकिन अब वे ड्रेन की पायलट बन गई हैं. ड्रोन से कृषि के क्षेत्र में बड़ा बदलाव देखा जाएगा.

हार की हैट्रिक पर तंज

अपने शुरुआती भाषण में पीएम मोदी ने कहा, मैं कांग्रेस के कुछ साथियों का हृदय से धन्यवाद करना चाहता हूं. नतीजे आए तब से हमारे एक साथी की ओर से (हालांकि उनकी पार्टी उनका समर्थन नहीं कर रही थी) बार-बार ढोल पीटा गया था कि एक तिहाई सरकार… इससे बड़ा सत्य क्या हो सकता है कि हमारे 10 साल हुए हैं, 20 और बाकी हैं. एक तिहाई हुआ है, दो तिहाई और बाकी है और इसलिए उनकी इस भविष्यवाणी के लिए उनके मुंह में घी शक्कर.

इस बीच हमारे कांग्रेस के लोग भी खुशी में मग्न हैं, लेकिन मैं समझ नहीं पा रहा हूं कि इस खुशी का कारण क्या है? क्या ये खुशी हार की हैट्रिक पर है? क्या ये खुशी नर्वस 90 का शिकार होने की है? क्या ये खुशी एक और असफल लॉन्च की है? इस चुनाव नतीजों से कैपिटल मार्केट में तो उछाल नजर ही आ रहा है, लेकिन दुनिया में भी उमंग और आनंद का माहौल है.

प्रधानमंत्री ने कहा, लोकसभा में जब हमारी सरकार की तरफ से कहा गया कि हम 26 नवंबर को संविधान दिवस के रूप में मनाएंगे तो मैं हैरान हूं कि जो आज संविधान की प्रति लेकर घूमते रहते हैं, दुनिया में लहराते रहते हैं, उन्होंने विरोध किया था कि 26 जनवरी तो है, फिर संविधान दिवस क्यों लाएं? उन्होंने कहा, आज संविधान दिवस के माध्यम से स्कूलों और कॉलेजों ​को संविधान की भावना को, संविधान की रचना में क्या भूमिका रही है, देश के गणमान्य महापुरुषों ने संविधान के निर्माण में किन कारणों से कुछ चीजों को छोड़ने का निर्णय किया और किन कारणों से कुछ चीजों को स्वीकार करने का निर्णय किया इसके विषय में विस्तार से चर्चा हो. एक व्यापक रूप से संविधान के प्रति आस्था का भाव जगे और संविधान के प्रति समझ विकसित हो. संविधान हमारी प्रेरणा रहे इसके लिए हम कोशिश करते रहे हैं.