31 मार्च से अपना ट्रैक्टर बिजनेस बंद कर रही  फोर्स मोटर्स

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ट्रैक्टर बिजनेस को लेकर एक बड़ी खबर है. किसानों के लिए यह खबर अच्छी नहीं है क्योंकि ट्रैक्टर बनाने वाली देश की एक बड़ी कंपनी 31 मार्च यानी कि रविवार से अपना ट्रैक्टर बिजनेस बंद करने जा रही है. कंपनी ने इसका आधिकारिक ऐलान कर दिया है. इस कंपनी का नाम है फोर्स मोटर्स. आपने यह नाम जरूर सुना होगा क्योंकि यह कंपनी ऐसी गाड़ियों के लिए इंजन बनाती है जिनका नाम पूरी दुनिया में है और इन गाड़ियों की कीमत लाखों में है.

भारत की कंपनी फोर्स मोटर्स ने शुक्रवार को कहा कि वह कृषि ट्रैक्टर के बिजनेस और उससे जुड़े काम को 31 मार्च से बंद करने जा रही है. बंद करने के पीछे कोई बहुत खास वजह नहीं बताई गई है, लेकिन कंपनी ने इतना जरूर कहा है कि प्रोडक्ट रेशनलाइजेशन प्रोग्राम के तहत यह कदम उठाया जा रहा है. इसका मतलब हुआ कि कंपनी अपने प्रोडक्ट के निर्माण में कुछ बदलाव करेगी और फोकस बदलेगी.

क्या है वजह?

ट्रैक्टर बिजनेस बंद करने के पीछे वजह के बारे में फोर्स मोटर्स ने कहा है कि अब वह अपने कोर सेगमेंट बिजनेस पर फोकस करेगी. इसमें शेयर्ड मोबिलिटी ट्रांसपोर्टेशन, लास्ट माइल मोबिलिटी और कुछ खास गाड़ियों का निर्माण तेज किया जाएगा. ये गाड़ियां सिविल और डिफेंस से जुड़ी होंगी. कंपनी ने अपने एक बयान में इस बात की जानकारी दी है. ‘बिजनेस स्टैंडर्ड’ ने इस बात की एक रिपोर्ट प्रकाशित की है.

कैसा है बिजनेस?

अब आइए जानते हैं कि इस कंपनी का ट्रैक्टर बिजनेस कैसा रहा है. फोर्स मोटर्स ने कहा है, वित्त वर्ष 2023 में  कंपनी की कुल कमाई में कृषि ट्रैक्टर की बिक्री की हिस्सेदारी 3.66 परसेंट रही है. यानी 4 परसेंट से कम बिक्री ट्रैक्टरों की होती रही है. फोर्स मोटर्स का नाम मल्टी सीटर पैसेंजर गाड़ी बनाने में प्रमुखता से लिया जाता है. सड़कों पर इस कंपनी की कई गाड़ियां दिख जाएंगी, यहां तक कि ट्रैक्टर भी. लेकिन अब ट्रैक्टर का बिजनेस 31 मार्च से बंद हो रहा है.

मुनाफे में कंपनी

फोर्स मोटर्स ही वह कंपनी है जो भारत में BMW और Mercedes कारों के लिए इंजन बनाती है. इस कंपनी का बिजनेस बताता है कि इसकी कुल कमाई में गाड़ियों की बिक्री की हिस्सेदारी 48 फीसद है. इसके अलावा 36 फीसद कमाई कांट्रैक्ट इंजन मैन्युफैक्चरिंग से आती है. कांट्रेक्ट मैन्युफैक्चरिंग में ही बीएमडब्ल्यू और मर्सडीज कार के इंजन बनाए जाते हैं. कंपनी की एनुअल रिपोर्ट देखें तो अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में लगातार चौथी बार मुनाफा दर्ज किया गया है. कोरोना के बाद इस कंपनी के मुनाफे में बड़ा उछाल दर्ज किया गया. यह कंपनी मूल रूप से महाराष्ट्र की है.