सफलता की यह कहानी राजस्थान के सबसे खूबसूरत उदयपुर शहर के रहने वाले और अपने इरादों में लोहे सी मज़बूती रखने वाले धुन के धनी और ऊर्जावान युवा आकाशदीप वैष्णव की है। आज से कुछ साल पहले आकाश अकाउंटेंट की नौकरी किया करते थे, उनकी अच्छी खासी सैलरी भी थी, साथ ही उनके सेठ लोग भी उन्हें अपने बच्चे की तरह प्यार देते थे।
श का मन नौकरी से भर गया। वे अपने पिता के पास जाकर बोले,“अब नौकरी नहीं करेंगे!” नौकरी नहीं करोगे तो क्या करोगे? पिता का सवाल वाजिब था! आकाश ने जवाब दिया,“वे खुद का बिज़नेस करेंगे!” किस चीज़ का बिज़नेस करेंगे यह तक तय नहीं था। भविष्य का कोई प्लान नहीं था। घरवालों ने समझाने में कोई कमी नहीं रखी, पर वे ज़िद्दी थे, माने नहीं।
बचपन से ही उन्हें पेड़ पौधों और हरियाली से लगाव था! और यही लगाव उन्हें नर्सरी व्यवसाय की ओर ले जाने की प्रेरणा बना। राहें इतनी आसान भी नहीं थीं! उन्हें इस काम का कोई अनुभव नहीं था, अनुभव के अभाव में पहले ही काम में ज़बरदस्त नुकसान उठाया!
हालांकि उनकी शुरुआत अपने दोस्तों और पिता से उधार लिए रुपयों से हुई लेकिन आज उन्होंने अपनी मेहनत के बल पर आत्मनिर्भरता की ओर कदम बढ़ाया है। सारा कर्ज़ कभी का उतार दिया, साथ ही कई युवाओं को रोजगार भी दिया।
अगस्त 2016 में उनका पहला प्रोजेक्ट मात्र 2500/- रुपए का था, इसे पूरा करने में उन्होंने 5000/- रुपए खर्च कर दिए! इस घटना ने उन्हें और एडवांस बनाने की बड़ी भूमिका निभाई! गार्डनिंग की विधिवत ट्रेनिंग ली गई। कई बड़े शहरों में वे गए और नर्सरी और बागवानी की शिक्षा लेकर दिमागी रूप से सफल होकर लौटे! आज आकाश अपने माता-पिता, छोटे भाई प्रयाग और बहन के सहयोग से उदयपुर संभाग की सबसे हाईटेक नर्सरी के मालिक बन गए हैं।
पीवीए गार्डेनिंग सॉल्यूशन (पिता पारसमल, माता विद्या और खुद के नाम को जोड़कर) एवं अक्षयवट नर्सरी के नाम से उनकी दो फर्म्स हैं। साल का कोई 30 लाख रुपए से ज़्यादा का टर्न ओवर करने वाले आकाश इस बात से परेशान रहते हैं कि लोग मेहनत से तो जी चुराते हैं, पर जब यह सुनते कि अमुक इंसान इतना कमाता है या इतना टर्न ओवर है तो यह जरूर पूछते हैं कि यह कैसे किया? हमें भी सिखाओ। इस पर वे कहते हैं टर्न ओवर कमाई नहीं होती और कुछ भी नामुमकिन नहीं, आप अपने उद्देश्य में ईमानदारी और मेहनत से जुटे रहें तो एक दिन सफलता अवश्य मिलकर रहती है।
पिता की नज़रों में–
आकाशदीप बचपन से ही जिद्द का पक्का है। वो जो भी काम करने की ठान लेता है, कर के ही मानता है! उसने एकाउंटिंग में भी अपने सेठजी का दिल और भरोसा जीता। नर्सरी के काम में भी लाख तकलीफों के बाद भी हार नहीं मानी। मुझसे और दोस्तों से उधार लिए रुपये लौटा दिए। आज भी लोन चल रहे हैं उसके, पर वह उन्हें भी निपटा देगा। मुझे मेरे बेटों आकाश-प्रयाग (राजकमल) पर नाज़ है।
पारसमल, आकाश के पिता
मिलने लगे हैं पुरस्कार
हाल ही में महाराणा प्रताप गौरव केंद्र, उदयपुर की ओर से आयोजित 4 दिवसीय पुष्प प्रदर्शनी में आकाश की अक्षयवट नर्सरी ने पहला पुरस्कार प्राप्त कर 11000/- रुपए का नगद पुरस्कार जीता। जुनून के साथ शुरू हुआ उनकी हौसले की उड़ान का सफर अब आकाश छू रहा है।
संपर्क करें-
अक्षयवट नर्सरी,
भैरवगढ़ रिसोर्ट के पास,
चित्रकूट नगर, उदयपुर
मोबाइल- 09610962012
प्रस्तुति: मोईनुद्दीन चिश्ती