किसान विरोध प्रदर्शन अब नए मोड़ पर पहुंचता हुआ नजर आ रहा है. एक रिपोर्ट के मुताबिक अब प्रदर्शनकारी किसानों ने 30 जून को फिल्लौर के पास लाढोवाल टोल प्लाजा पर ताले लगाने के लिए लुधियाना की ओर कूच करने का फैसला किया है. बताया जा रहा है कि इसमें अंबाला के कपड़ा व्यापारियों, शंभू बॉर्डर के करीब रहने वाले निवासियों और ढाबा मालिकों के साथ टकराव के बाद, शंभू बॉर्डर पर धरना स्थल पर डेरा डाले संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) के किसानों ने इसमें शामिल होने का मन बनाया है.
23 जून से दिल्ली चलो प्रदर्शन
शंभू बॉर्डर पर 23 जून से किसानों का ‘दिल्ली चलो’ प्रदर्शन सुर्खियों में है. इसी दौरान कुछ स्थानीय लोगों ने किसान नेताओं पर आरोप लगाया था कि विरोध के कारण वे अपनी आजीविका खो रहे हैं और आने-जाने में कठिनाई का सामना कर रहे हैं. बताया जा रहा है कि एसकेएम नेताओं ने इससे जुड़े पर्चे बांटे हैं. साथ ही एक अल्टीमेटम भी जारी किया जिसमें कहा गया कि यदि नेशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई) के अधिकारी बातचीत शुरू नहीं करते हैं और टोल की कीमतों को तर्कसंगत बनाने पर सहमत नहीं होते हैं, तो उन्हें टोल प्लाजा ऑपरेट करने की अनुमति नहीं दी जाएगी.
30 जून से लगेगा ताला
शंभू बॉर्डर पर जो पर्चे बुधवार को किसानों के बीच बांटे गए हैं उसमें लिखा है कि 30 जून (रविवार) को सुबह 11 बजे लाढोवाल टोल प्लाजा पर स्थायी ताले लगा दिए जाएंगे. सूत्रों की मानें तो रविवार को किसानों का एक जत्था शंभू बॉर्डर से लाढोवाल टोल प्लाजा की ओर बढ़ेगा और बाकी किसान शंभू बॉर्डर पर ही विरोध प्रदर्शन जारी रखेंगे. एनएचएआई के एक अधिकारी ने कहा कि शंभू और लाधोवाल टोल प्लाजा के बंद होने से रेवेन्यू में काफी कमी आई है. यह टोल प्लाजा करीब नौ दिनों से बंद है और रोजाना 1.5 करोड़ रुपये का टोल कलेक्शन का नुकसान हो रहा है.
यहां से गुजरते हैं तीर्थयात्री
एसकेएम (गैर-राजनीतिक) नेता मनजीत सिंह राय ने इस पर और ज्यादा जानकारी दी. उन्होंने कहा कि विरोध का एक धार्मिक पहलू भी है. मालवा क्षेत्र के अधिकांश निवासी, विशेष रूप से पटियाला, लुधियाना, खन्ना और फतेहगढ़ साहिब के निवासी अमृतसर में स्वर्ण मंदिर या हिमाचल प्रदेश में माता चिंतपूर्णी मंदिर जाने के लिए लाढोवाल टोल प्लाजा से ही यात्रा करते हैं. आने-जाने के लिए टोल शुल्क करीब 500 रुपये है, जो बहुत ज्यादा है.
एनएचएआई लुधियाना के प्रोजेक्ट डायरेक्टर नवरतन ने कहा कि देश भर के टोल प्लाजा के शुल्क में हर साल बदलाव किए जाते हैं. इसके अनुसार ही दरों में मामूली संशोधन किया गया है. नवरतन ने कहा, ‘हमने स्थानीय प्रशासन से प्रदर्शनकारियों से बात करने और समस्या का समाधान करने के लिए कहा है ताकि टोल प्लाजा का कामकाज फिर से शुरू हो सके.’