कृषि विज्ञान केंद्र में हुई कस्टम हायरिंग सेंटर की स्थापना, किसानों को होगा लाभ
किसानों को खेती के लिए कई प्रकार के कृषि यंत्रों की आवश्यकता होती है। आधुनिक कृषि यंत्रों के इस्तेमाल से खेती का काम आसान हो जाता है। लेकिन कृषि यंत्रों की कीमत अधिक होने से हर किसान इन्हें खरीदने में समक्ष नहीं है। हालांकि सरकार की ओर से कृषि यंत्रों की खरीद पर किसानों को सब्सिडी का लाभ प्रदान किया जाता है। इसके बाद भी कई किसान आर्थिक दृष्टि से इतने कमजोर हैं कि वे सरकारी सब्सिडी का लाभ उठाकर भी इन कृषि यंत्रों को खरीद नहीं पाते हैं। ऐसे किसानों की सहायता के लिए उन्हें सस्ती दर पर कृषि यंत्र उपलब्ध कराने की पहल की जा रही है। इस योजना के तहत किसान अपनी आवश्यकतानुसार कृषि यंत्र का इस्तेमाल कर सकते हैं। खास बात यह है कि इस योजना के तहत किसानों को 50 से लेकर 300 रुपए तक के शुल्क पर कृषि यंत्र उपलब्ध कराए जा रहे हैं।
किसान कहां से ले सकते हैं कम शुल्क पर कृषि यंत्र
कृषि विज्ञान केंद्र कोडरमा के कृषि वैज्ञानिकों द्वारा किसानों को खेती से संबंधित सभी प्रकार के मार्गदर्शन नि:शुल्क दिए जाते हैं। अब विज्ञान केंद्र में कस्टम हायरिंग सेंटर की स्थापना हो चुकी है। किसान यहां से खेती के काम आने वाले सभी प्रकार के कृषि यंत्र जैसे- रोटावेटर , कल्टीवेटर , रीपर , पैडी ट्रांसप्लाटर मशीन, थ्रेसर , मल्टीक्रॉप थ्रेसर आदि मशीनें किराये पर ले सकते हैं। किसानों को बहुत ही सस्ती किराया दर पर इन मशीनों को उपलब्ध कराया जा रहा है।
किन किसानों को मिलेगा योजना का लाभ
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक कृषि विज्ञान केंद्र कोडरमा में स्थापित कस्टम हायरिंग सेंटर (Custom Hiring Center) भारत सरकार की योजना है। इसमें आर्थिक रूप से कमजोर अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के किसानों को सहायता प्रदान की जाती है। खेती को आसान बनाने के लिए बाजार में कई आधुनिक कृषि यंत्र उपलब्ध हैं लेकिन महंगे होने के कारण सभी किसान इन्हें नहीं खरीद पाते हैं। इस बात को ध्यान में रखते हुए कृषि विज्ञान केंद्र की ओर से अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति के किसानों को सस्ती किराया दर पर खेती के काम आने वाले कृषि यंत्रों को उपलब्ध कराया जा रहा है।
किसानों को कितना देना होगा कृषि यंत्र का चार्ज
कृषि विज्ञान केंद्र कोडरमा की ओर से किसानों को खेती के काम आने वाले सभी प्रकार के कृषि यंत्र उपलब्ध कराए जा रहे हैं। इन कृषि यंत्रों में सब्जीसे लेकर धान की खेती तक के कृषि यंत्र शामिल हैं। कस्टम हायरिंग सेंटर के माध्यम से किसान विभिन्न प्रकार के कृषि यंत्र अपनी आवश्यकता के अनुसार किराये पर ले सकते हैं। किसानों को कृषि यंत्र अधिकतम 3 दिनों के लिए उपलब्ध कराए जाएंगे। अलग-अलग कृषि यंत्र की किराया दर अलग-अलग है जो न्यूनतम 50 रुपए से लेकर 300 रुपए तक निर्धारित है।
किसानों को कृषि यंत्र चलाने का मिलेगा नि:शुल्क प्रशिक्षण
यदि किसी किसान को कृषि यंत्र चलाना नहीं आता है तो भी उसे चिंता करने की जरूरत नहीं है। ऐसे किसानों को कृषि विज्ञान केंद्र के विशेषज्ञों द्वारा यंत्र चलाने का नि:शुल्क प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। किसान को कृषि यंत्र किराये पर लेने से पहले यह बात अच्छी तरह से जान लेनी चाहिए कि यदि किसी परिस्थिति में कृषि यंत्र किसान के पास खराब हो जाता है तो किसान को इसे रिपेयर कराने के बाद वापस कृषि विज्ञान केंद्र के कस्टम हायरिंग सेंटर में निर्धारित समय के भीतर जमा कराना होगा। यदि किसान के पास से कृषि यंत्र चोरी हो जाता है तो कृषि यंत्र का कीमत किसान को चुकानी होगी।
क्या है कस्टम हायरिंग योजना
सरकार की ओर से हर गांव में कस्टम हायरिंग सेंटर खोले गए हैं ताकि छोटे और आर्थिक दृष्टि से कमजोर किसानों को खेती के लिए आधुनिक कृषि यंत्र उपलब्ध हो सकें। कस्टम हायरिंग सेंटर से किसानों को कम किराये पर कृषि यंत्र दिए जाते हैं। ऐसे में किसान अपनी जरूरत के अनुसार यहां से कृषि यंत्र किराये पर लेकर अपनी खेती के काम को आसान बना सकते हैं। कस्टम हायरिंग सेंटर खोलने के लिए सरकार की ओर से 80 प्रतिशत की सब्सिडी दी जाती है। कस्टम हायरिंग सेंटर खोलने की लागत 10 लाख रुपए निर्धारित की गई है जिसमें सरकार की ओर से 8 लाख रुपए की सब्सिडी दी जाती है। वहीं यदि किसान सब्सिडी पर कृषि यंत्र खरीदना चाहते हैं तो उन्हें कृषि यंत्र अनुदान योजना के तहत 40-50 प्रतिशत का अनुदान दिया जाता है।