केंद्र सरकार की नई एग्रीकल्चर मार्केटिंग पॉलिसी ड्राफ्ट के खिलाफ किसान संगठनों के साथ-साथ अब व्यापारियों के संगठन ने भी मोर्चा खोल दिया है. अखिल भारतीय व्यापार मंडल के राष्ट्रीय मुख्य महासचिव और व्यापार मंडल, हरियाणा के अध्यक्ष बजरंग गर्ग ने केंद्र सरकार द्वारा तैयार किए गए एग्रीकल्चर मार्केटिंग की राष्ट्रीय नीति ड्राफ्ट को किसान और आढ़ती विरोधी करार दिया है. प्रेस को जारी एक बयान में गर्ग ने कहा कि इस पॉलिसी से किसानों और आढ़तियों दोनों को भारी नुकसान होगा. सरकार की किसान विरोधी नीतियों के खिलाफ पहले से ही आंदोलन चल रहा है. इस बीच सरकार ने एक और पॉलिसी का ड्राफ्ट तैयार कर लिया है. गर्ग ने कहा कि किसान नेता जगजीत डल्लेवाल 44 दिन से आमरण अनशन पर बैठे हैं. केंद्र सरकार को अपनी जिद छोड़कर किसानों से बातचीत करके उनकी समस्या का समाधान करना चाहिए.पंजाब-हरियाणा के शंभू और खनौरी बॉर्डर पर एमएसपी गारंटी की मांग को लेकर 330 दिन से आंदोलन कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा ने भी नई एग्रीकल्चर मार्केटिंग पॉलिसी ड्राफ्ट के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. इसके विरोध का एक कार्यक्रम बनाया गया है.
गर्ग ने कहा कि एक तरफ तो केंद्र व प्रदेश सरकार कहती है कि किसानों की फसल का एक-एक दाना एमएसपी पर खरीदा जाएगा. अब जब किसान संगठन केंद्र सरकार से फसलों की एमएसपी पर खरीद करने की गारंटी का कानून बनाने की मांग कर रहे हैं तब सरकार उनकी बात नहीं मान रही है. गर्ग ने कहा कि हरियाणा सरकार प्रदेश में 24 फसलों की एमएसपी पर खरीद करने का दावा कर रही है, जो झूठ का पुलिंदा है. जब हरियाणा में 24 फसलें होती ही नहीं हैं तब उसकी खरीद कैसे होगी. सरकार किसानों से फसलों की एमएसपी पर खरीद करने का सिर्फ ड्रामा कर रही है.
धान का नहीं मिल रहा दाम
व्यापार मंडल के अध्यक्ष ने कहा कि किसान अपना धान एमएसपी से 200 से लेकर 400 रुपये प्रति क्विंटल तक कम में बेचने को मजबूर हैं. कम दाम मिलने से उन्हें नुकसान उठाना पड़ रहा है. सरकार को किसान, आढ़ती व आम जनता के हित में नियम बनाने चाहिए. किसानों द्वारा पंजाब में काफी समय से आंदोलन किए जाने के कारण हरियाणा में व्यापार को काफी नुकसान पहुंचा है. क्योंकि पंजाब से हरियाणा आने वाले प्रमुख रास्ते बंद पड़े हैं. जिसके कारण हरियाणा व पंजाब के व्यापार को चोट पहुंची है
ड्राफ्ट की प्रतियां जलाएंगे किसान
पंजाब-हरियाणा के शंभू और खनौरी बॉर्डर पर एमएसपी गारंटी की मांग को लेकर 330 दिन से आंदोलन कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा ने भी नई एग्रीकल्चर मार्केटिंग पॉलिसी ड्राफ्ट के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. इसके विरोध का एक कार्यक्रम बनाया गया है. इसके तहत 13 जनवरी को ड्राफ्ट की कॉपियां जलाई जाएंगी. देश भर के किसानों से इसकी कॉपी जलाने का आह्वान किया गया है. पॉलिसी में निजी मंडियों को खोलने की बात की गई है लेकिन उसमें यह नहीं कहा गया है कि कृषि उपज की नीलामी की शुरुआत एमएसपी से कम कीमत पर नहीं होगी.