आलू प्रौद्योगिकी केंद्र ने आलू की खेती करने वाले किसानों को सलाह दी है कि एक सप्ताह के अंदर आलुओं की बिजाई कर दें. यदि अभी ज्यादा देर की गई तो किसानों को पाला पड़ने से नुकसान का सामना करना पड़ सकता है. आलू की अगेती बुवाई 15 से 31 अक्टूबर के बीच की जाती है. वहीं पिछेती बिजाई नवंबर महीने के पहले सप्ताह में की जानी चाहिए.
कैसे करें आलू की बिजाई
· आलुओं की खेती के लिए बलुई दोमट मिट्टी को बेहतर माना जाता है. जिसके लिए मिट्टी का पीएच मान 4.8 से 5.4 के बीच होना चाहिए.
· आलुओं की खेती के लिए तापमान 22 से 24 डिग्री सेल्सियस के बीच होना चाहिए.
· बुवाई करने से पहले खेतों की अच्छी जुताई करके खेत तैयार कर लें. मिट्टी को पाटा लगाकर भुरभुरा बनाना जरूरी है.
· आलू की कुफरी पुखराज बेहतरीन किस्म मानी जाती है. जो लगभग 100 दिनों में तैयार हो जाती है. इसकी खेती उन इलाकों में की जाती है जहां का तापमान सर्द हो.
· कुफरी पुखराज किस्म की खेती बिहार, पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, असम, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, झारखंड आदि में की जाती है. किसान इससे प्रति हेक्टेयर 400 क्विंटल आलू प्राप्त कर सकते हैं.
· इसके अलावा आलुओं की चिप्सोना किस्म को कम शुगर वाली आलू माना जाता है. जिसकी किस्में चिप्सोना-1, चिप्सोना-3 है. इसका इस्तेमाल ज्यादातर चिप्स बनाने में किया जाता है. आलू की इस किस्म को तैयार होने में लगभग 110 से 120 दिन लग जाते हैं.
आलुओं की इन किस्मों की खेती से भी किसान कमा सकते हैं जबरदस्त मुनाफा
कुफरी चंद्रमुखी, कुफरी अशोका, कुफरी पुखराज, कुफरी जवाहर की खेती करके किसान अच्छा मुनाफ़ा कमा रहे हैं. इसके अलावा पुखराज, कुफरी सतलज, कुफरी सदाबहार, कुफरी लालिमा, कुफरी बहार, चिप्सोना-1 , चिप्सोना-2 की खेती करके किसान जबरदस्त कमाई कर रहे हैं.