राष्ट्रीय बीज निगम लिमिटेड (एनएससी), भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, पूसा द्वारा विकसित की गई बासमती धान की दो उन्नतशील प्रजातियां- पीबी-1692 एवं पीबी- 1509 को आकर्षक पैकिंग में ओएनडीसी-माय स्टोर के माध्यम से किफायती कीमत पर ऑनलाइन उपलब्ध करा रही है. किसान इन्हें घर बैठे आर्डर कर घर पर मांगा सकते हैं.
भारत में बासमती धान की खेती कई सैकड़ों सालों से होती आ रही है. दुनिया में दो ही देश बासमती चावल का उत्पादन करते हैं, जिसमें भारत पहले नंबर पर है. भारत में पंजाब, हरियाणा, हिमाचल, उत्तराखंड, दिल्ली, पश्चिम उत्तर प्रदेश और जम्मू-कश्मीर के तीन जिले (जम्मू, कठुआ और सांबा) में बासमती धान की खेती प्रमुखता से की जाती है. वही भारत का बासमती चावल देश ही नहीं, बल्कि दुनियाभर में अपनी सुगंध एवं स्वाद के लिए मशहूर है. मौजूदा वक्त में भारत विश्व का सबसे बड़ा बासमती चावल निर्यातक देश है. इसके अलावा इससे सबसे ज़्यादा विदेशी मुद्रा अर्जित की जाती है.
मौजूदा वक्त में यदि भारतीय किसान सरलता से बासमती धान की खेती कर अधिक उपज प्राप्त कर रहे हैं तो उसमें बड़ा योगदान भारतीय कृषि अनुसंधान द्वारा विकसित बासमती धान की उन्नत प्रजातियों Rice का है जोकि विभिन्न रोग और कीट प्रतिरोधक होने के साथ-साथ अधिक उपज भी सुनिश्चित करती हैं. बासमती धान की ऐसी ही उन्नत प्रजातियों के बीजों को राष्ट्रीय बीज निगम (एनएससी) ओएनडीसी-माय स्टोर के माध्यम से किफायती कीमत पर घर पर उपलब्ध करा रही है. किसान घर बैठे ऑनलाइन आर्डर कर मांगा सकते हैं.
राष्ट्रीय बीज निगम (एनएससी) क्या है?
राष्ट्रीय बीज निगम लिमिटेड (एनएससी) भारत सरकार की एक मिनीरत्न श्रेणी-ब का एक उपक्रम है जोकि कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के पूर्ण स्वामित्व के अधीन है. एनएससी हर साल खाद्यान, सब्जी, रेशा, चारा, हरी खाद, फल और फूल इत्यादि की उत्कृष्ट प्रजातियों के 12-13 लाख क्विंटल प्रमाणित एवं सत्यापित बीज उचित कीमत पर बीज बिक्री केंद्र, अधिकृत बीज विक्रेता, सरकारी संस्थाओं और ऑनलाइन बिक्री के माध्यम से किसानों के लिए उपलब्ध कराती है.
राष्ट्रीय बीज निगम लिमिटेड, भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, पूसा द्वारा विकसित की गई बासमती धान की दो उन्नतशील प्रजातियां- पीबी-1692 एवं पीबी- 1509 को आकर्षक पैकिंग में ऑनलाइन उपलब्ध करा रही है. किसान इन्हें घर बैठे आर्डर कर घर पर मांगा सकते हैं.
ऑनलाइन उपलब्ध बासमती धान प्रजातियों की विशेषताएं
- पूसा बासमती-1692: साल 2020 में पूसा बासमती-1692 को सिंचित अवस्था के लिए रिलीज किया गया था. यह उन्नत किस्म धान-गेहूं फसल प्रणाली के लिए अच्छी किस्म है. इस किस्म के पौधे अर्ध बौने होने के साथ ही गिरने के प्रति प्रतिरोधक होते हैं. साथ ही पकने पर इसके दाने झड़ते नहीं हैं. वही चावल भी ज्यादा टूटता नहीं है बल्कि लंबा और अत्यधिक सुगंधित होता है. यह किस्म 110-115 दिन की अवधि में पक कर तैयार हो जाती है और औसत उपज प्रति हेक्टेयर 50-60 क्विंटल मिलती है. वही यह किस्म कम अवधि में तैयार हो जाती है. इसलिए खेती के दौरान 4-6 बार की सिंचाई की बचत होती है.
- पूसा बासमती-1509: बासमती धान की इस उन्नत किस्म को सिंचित अवस्था के लिए रिलीज किया है. यह उन्नत किस्म धान-गेहूं फसल प्रणाली के लिए अच्छी किस्म है. इस चावल को निर्यातक व्यापारियों द्वारा खूब पसंद किया जाता है. इस किस्म के पौधे अर्ध बौने होने के साथ ही गिरने के प्रति प्रतिरोधक होते हैं. साथ ही पकने पर इसके दाने झड़ते नहीं हैं. इसके अलावा यह किस्म धान में लगने वाले गंभीर रोग- पर्ण झुलसा व भूरा धब्बा रोग के प्रति मध्यम प्रतिरोधी है. बासमती धान की यह किस्म कम अवधि 115 -120 दिन में पक कर तैयार हो जाती है. इस किस्म से प्रति हेक्टयर औसत उपज 50-55 क्विंटल मिलती है. कम अवधि में तैयार होने की वजह से इसकी खेती करने से लगभग 33 प्रतिशत सिंचाई के पानी की बचत होती है.
ऐसे में भारत के किसी भी हिस्से में रहने वाले किसान बीजों को ऑनलाइन आर्डर करने के लिए राष्ट्रीय बीज निगम की वेबसाईट पर विजिट कर ऑनलाइन शॉपिंग के लिंक का इस्तेमाल कर आसानी से बीज घर घर बैठे मांगा सकते हैं. इसके अलावा किसान ओएनडीसी-माय स्टोर के ऐप के माध्यम से भी बीज आर्डर कर सकते हैं. इस वेबसाईट पर लगभग 32 प्रतिशत की छूट के साथ पूसा बासमती-1509 किस्म 85 रुपये किलो और पूसा बासमती- 1692 रूपये प्रति किलो की दर पर 10 किलो की पैकिंग में उपलब्ध है.
धान के अलावा अन्य फसलों, जैसे- अनाज, श्री अन्न, दलहन, सब्जी, फूल और चारा, इत्यादि फसलों की बीज किसानों और सामान्य खरीदारों के लिए ऑनलाइन एनएससी एवं ओएनडीसी-माय स्टोर की वेबसाईट पर उपलब्ध है.
एनएससी के धान एवं अन्य बीजों की ऑनलाइन खरीदारी के लिए आप लिंक पर विजिट कर सकते हैं.