अकोला जिले के तिलक रोड पर किसानों ने सड़क जाम कर अपना गुस्सा जाहिर किया. क्योंकि उन्हें अधिक उपज देने वाले और पसंदीदा कपास के बीज के लिए लंबी लाइन लगाने के बावजूद निराशा हाथ लगी है. पिछले चार दिनों से किसान बीज खरीदने के लिए सुबह से ही कृषि केंद्र पर लाइन लगा रहे हैं. लेकिन बीज के लिए मारामारी है.
महाराष्ट्र के अकोला जिले में किसान कपास का बीज समय पर नहीं मिलने से परेशान हैं. जिसके चलते किसान अब सरकार के खिलाफ गुस्से में हैं. जिले के तिलक रोड पर किसानों ने सड़क जाम कर अपना गुस्सा जाहिर किया. क्योंकि उन्हें अधिक उपज देने वाले और पसंदीदा कपास के बीज के लिए लंबी लाइन लगाने के बावजूद निराशा हाथ लगी है. पिछले चार दिनों से किसान बीज खरीदने के लिए सुबह से ही कृषि केंद्र पर लाइन लगा रहे हैं. लेकिन बीज के लिए मारामारी है. वह नहीं मिल पा रहा है. कृषि केंद्र संचालकों द्वारा दुकान नहीं खोले जाने से नाराज किसानों ने सड़क पर चक्का जाम करके आंदोलन किया. उधर, एक अधिकारी ने एक किसान को कहा कि कपास का बीज चॉकलेट है क्या? जो एक दिन में बना लेंगे.
इस सीजन में बीजों की खरीदारी शुरू हो गई है, लेकिन बीजों की भारी कमी है, जिसके कारण जिले भर के कई कृषि केंद्रों पर बीजों की खरीदारी के लिए सुबह से ही कतारें देखी जा रही हैं. केंद्र पर नंबर आने के बाद किसानों के हाथ में सिर्फ दो पैकेट बीज ही पहुंच पा रहा है, जिससे किसानों में काफी आक्रोश है. प्रदर्शनकारी किसानों को पुलिस ने समझाने की कोशिश की है. किसानों का आरोप है कि ब्लैक मार्केट में उन्हें बीजों की दोगुनी कीमत देनी पड़ रही है.
कृषि विभाग के अधिकारी हुए गैर जिम्मेदार
बाजार में कपास के बीज उपलब्ध नहीं होने के कारण किसानों ने आज अकोला में जमकर विरोध प्रदर्शन किया है. एक तरफ जहां किसान कपास के बीज को लेकर परेशान हैं, वही दूसरी तरफ अकोला में कृषि विभाग के अधिकारियों का गैर जिम्मेदाराना रवैया और असंवेदनशीलता सामने आई है. कपास के बीज नहीं मिलने की शिकायत करने वाले एक किसान को कृषि अधिकारी द्वारा दो टूक जवाब देने का मामला सामने आया है. जिला कृषि अधिकारी मिलिंद जंजाल ने एक किसान को बेतुका जवाब दिया है कि कपास का बीज चॉकलेट है क्या? जो एक दिन में बना लेंगे.
किसानों ने क्या कहा?
किसानों ने बताया कि कपास की अच्छी किस्म के बीजों के लिए घंटों लाइन में खड़े रहने के बाद सिर्फ एक या दो पैकेट ही बीज मिल पा रहा है. जिसकी वजह से हम किसान काफी परेशान हैं, क्योंकि खरीफ मौसम में अब ज्यादा समय नहीं बचा है. ऐसे में बीज की कमी के कारण खेती कैसे सही समय पर हो पाएगी. किसानों को बाजार से महंगी कीमत पर बीज खरीदना पड़ेगा. किसानों ने बताया कि कृषि विभाग से मिलने वाला यह बीज हमारे विश्वास का है. इससे अच्छा उत्पादन मिलता है, इसलिए इसे लेकर मारामारी है.