बिक रहा मूंगफली का नकली बीज

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मूंगफली की खेती भारत के साथ-साथ पूरी दुनिया में फैल चुकी है. चीन से निकलकर यह धीरे-धीरे चीन, अफ्रीका, जापान, अमेरिका, भारत में फैल रही है. मूंगफली पोषक तत्वों से भरपूर होती है. इसका स्वाद मीठा, कुरकुरा और जायकेदार होता है. आप सूखी, साफ और बेदाग मूंगफली को लंबे समय तक अपने घरों में स्टोर कर सकते हैं. मूंगफली भारत की सबसे बड़ी तिलहन फसल है और देश की वनस्पति तेल की कमी को पूरा करने में अहम भूमिका निभाती है. मूंगफली की फसल साल में दो बार काटी जा सकती है. इसकी कटाई मार्च और अक्टूबर में की जाती है, जिससे दो फसल का चक्र बनता है. जिससे भारत में साल भर मूंगफली की उपलब्धता और मांग बनी रहती है. लेकिन, वहीं बाजार में खुलेआम नकली मूंगफली के बीज बिक रहे हैं.

जिससे मूंगफली की खेती करने वाले किसानों को बड़ा नुकसान उठाना पड़ता है. नकली बीजों की वजह से फसल का उत्पादन और गुणवत्ता दोनों प्रभावित होते हैं. ऐसे में किसानों को सलाह दी जाती है कि इस नुकसान से बचने के लिए बीज को अच्छी तरह जांच कर ही खरीदें. आइए जानते हैं इनकी जांच कैसे करें.

मूंगफली की खेती

मूंगफली खरीफ और जायद दोनों मौसमों में उगाई जाने वाली फसल है. मूंगफली भारत की प्रमुख तिलहन फसल है. इसे तमिलनाडु, गुजरात, आंध्र प्रदेश और कर्नाटक राज्यों में सबसे अधिक उगाया जाता है. इसके अलावा मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और पंजाब में भी इसकी खेती की जाती है. राजस्थान में इसकी खेती लगभग 3.47 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में की जाती है, जिससे लगभग 6.81 लाख टन उत्पादन होता है. इसकी औसत उपज 1963 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर है.

मूंगफली की खेती में बहुत ज्यादा मेहनत लगती है और नकली बीजों के कारण फसल खराब होने का मतलब है मेहनत और संसाधनों की बर्बादी भी बहुत अधिक होती है. जिस वजह से किसान कर्ज के बोझ के तले दबते चले जाते हैं. ऐसे में जरूरी है कि किसान बीज खरीदने से पहले ये जांच लें की बीज असली है या नकली.

बीज की पहचान

बीज खरीदते समय उसके टैग पर लिखा फसल का नाम और प्रकार ठीक से पढ़ें.
बीज का अंकुरण प्रतिशत और बीज की शुद्धता के संबंधित जानकारी हासिल करें.
बीज के नाम से साथ बीज का वजन भी अच्छे से चेक करें.
बीज की बिक्री मूल्य और बैग पर टैग पर विक्रेता का हस्ताक्षर भी जरुर चेक करें.
बीज की अनुवांशिक शुद्धता और बीज की टेस्ट डेट भी गौर से देख लें. 
बीज की खरीदारी करने के बाद आप रसीद जरूर लें.
रसीज में बीज खरीद की तारीख,वैन और ग्रूप नंबर भी लिखा होना चाहिए.
एक्सपायर हो चुके यहा फटी हुई पैंकिंग वाले बीज कभी नहीं खरीदे.

मूंगफली की किस्में

  • आरजी 425- मूंगफली की इस किस्म को राज दुर्गा के नाम से भी जाना जाता है, इसके पौधे सूखे को सहन करने वाले होते हैं. यह किस्म बीज बोने के लगभग 120 से 125 दिन बाद उपज देना शुरू कर देती है. एक हेक्टेयर भूमि से लगभग 28 से 36 क्विंटल उपज प्राप्त होती है.
  • एचएनजी 10- मूंगफली की यह किस्म अधिक वर्षा वाले स्थानों के लिए उपयुक्त मानी जाती है. यह 120 से 130 दिन बाद उपज देती है और प्रति हेक्टेयर 20 से 25 क्विंटल उत्पादन देती है.
  • टीजी 37 ए- मूंगफली की यह किस्म 125 दिन बाद उपज देना शुरू कर देती है. इसके बीजों से 51 प्रतिशत तेल प्राप्त किया जा सकता है. एक हेक्टेयर भूमि से लगभग 18 से 20 क्विंटल उपज प्राप्त होती है.
  • जीजी 2- मूंगफली की यह किस्म बीज बोने के 120 दिन बाद उपज देती है, जिसमें निकलने वाले दाने गुलाबी रंग के होते हैं. इसके एक हेक्टेयर खेत से 20-25 क्विंटल उत्पादन प्राप्त होता है.
  • जेजीएन 3- मूंगफली की यह किस्म बीज बोने के 120-130 दिन बाद उपज देने के लिए तैयार हो जाती है. इसके एक हेक्टेयर खेत से लगभग 15 से 20 क्विंटल उत्पादन होता है.
  • जेएल 501- मूंगफली की यह किस्म 120 से 125 दिन बाद उपज देने लगती है. इसके दाने में 51 प्रतिशत तेल की मात्रा पाई जाती है. इसके एक हेक्टेयर खेत से लगभग 20 से 25 क्विंटल उत्पादन होता है.