*पंजाब में मिट्टी की जांच में पाई गई नाइट्रोजन की भारी कमी*

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 पंजाब में खरीफ बुवाई का सीजन शुरू होने वाला है और उससे पहले कृषि विभाग सभी तैयारियों को पूरा करने में जुट गया है. इसके तहत ही कृषि विभाग पटियाला ने मॉनसून के खरीफ सीजन के लिए मिट्टी के सैंपल इकट्ठा करने और किसानों को वैज्ञानिक मार्गदर्शन प्रदान करने के लिए एक खास अभियान शुरू किया है. कृषि अधिकारी भी इस द‍िशा में तेजी से काम कर रहे हैं. राज्‍य में कई जगहों से मिट्टी के सैंपल इकट्ठा किए जाने लगे हैं. पंजाब कृषि विभाग ने वैज्ञानिक विश्लेषण के लिए तेजी से मिट्टी के सैंपल इकट्ठा करना शुरू कर दिया है. इकट्ठा किए गए मिट्टी के नमूनों में नाइट्रोजन की कमी सबसे अधिक पाई गई है. सैंपल कलेक्‍शन डिपार्टमेंट किसानों को खेत में उर्वरक की जरूरत के बारे में मार्गदर्शन करता है. इससे उर्वरक के बहुत ज्‍यादा और गैर-जरूरी प्रयोग से बचा जा सकता है. किसानों को पूसा-44 और हाइब्रिड किस्मों की खेती के खिलाफ भी सलाह दी गई है. वैज्ञानिक मानते हैं कि हाइब्रिड बीज लंबे समय तक मिट्टी के क्षरण का कारण बन सकते हैं.

किसानों को दिया जाएगा गाइडेंस 

अखबार द ट्रिब्‍यून ने मुख्य कृषि अधिकारी डॉ. जसविंदर सिंह के हवाले से बताया कि पटियाला को 16,500 मिट्टी के नमूने एकत्र करने का लक्ष्य दिया गया है. अब तक 10,000 से ज्‍यादा सैंपल इकट्ठा किए जा चुके हैं और यह अभियान पूरे जून में जारी रहेगा. उन्होंने कहा कि जिले में इकट्ठा किए गए मिट्टी के नमूनों में नाइट्रोजन की कमी सबसे अधिक पाई गई है. सैंपल कलेक्‍शन डिपार्टमेंट किसानों को खेत में उर्वरक की जरूरत के बारे में मार्गदर्शन करता है. इससे उर्वरक के बहुत ज्‍यादा और गैर-जरूरी प्रयोग से बचा जा सकता है. 

Soil Sample: खरीफ सीजन से पहले पंजाब में हुई मिट्टी की जांच, पाई गई नाइट्रोजन की भारी कमी

अब तक 10,000 से ज्‍यादा सैंपल इकट्ठा किए जा चुके हैं. इनमें भुनरहेरी से 458, घनौर से 1,491, नाभा से 998, पटियाला से 865, पटरान से 1,095, राजपुरा से 1,510, समाना से 1,204 और सनौर से 1,896 सैंपल इ‍कट्ठा किए गए हैं. सिंह ने किसानों से उत्पादकता में सुधार और मिट्टी के स्वास्थ्य की रक्षा के लिए मिट्टी परीक्षण रिपोर्ट के आधार पर उर्वरकों का प्रयोग करने की अपील की है.

हाइब्रिड किस्‍मों से बचने की सलाह 

सिंह ने इसके साथ ही किसानों को पूसा-44 और हाइब्रिड किस्मों की खेती के खिलाफ भी सलाह भी दी है. वैज्ञानिक मानते हैं कि हाइब्रिड बीज लंबे समय तक मिट्टी के क्षरण का कारण बन सकते हैं. इसके अतिरिक्त, उन्होंने किसानों को पीएम किसान सम्मान निधि जैसी सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने के लिए प्रोत्साहित किया. जमीनी स्तर पर जागरूकता फैलाने के लिए, कृषि विभाग ने विभिन्न गांवों में शिविर आयोजित किए हैं. 

किसानों के लिए जागरूकता अभियान 

ये आउटरीच गतिविधियां कृषि विकास अधिकारियों (एडीओ), कृषि विस्तार अधिकारियों (एईओ), कृषि उप-निरीक्षकों (एएसआई), ब्लॉक प्रौद्योगिकी प्रबंधकों (बीटीएम), और सहायक प्रौद्योगिकी प्रबंधकों (एटीएम) सहित विभागीय कर्मचारियों द्वारा संचालित की जा रही हैं. दौन कलां, फरीदपुर, कौली, अलोहरा कलां, अलोहरा खुर्द, सवाई सिंह वाला, जलालाबाद, चौथ, ढींगी, सदोहेड़ी, बोहर कलां, बोहर खुर्द, चौधरी माजरा, ऊंचागांव, लचकानी, खेड़ी मनियां, मंडौर, घमरौदा, लंग, चलैला और कोटली सहित गांवों में जागरूकता शिविर लगाए गए हैं. 
 

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