7 दिन में बनें ड्रोन पायलट, यहां लें ट्रेनिंग और लाइसेंस

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बदलते वक्त के साथ खेती किसानी में भी आधुनिकता का दौर देखने को मिल रहा है. जहां एक ओर किसान आधुनिक खेती की ओर बढ़ रहा है वहीं एक से एक अत्याधुनिक यंत्र भी खेती किसानी के लिए आ रहे हैं, जो इस काम को बहुत आसान बना रहे हैं. इन दिनों खेती किसानी के लिए ड्रोन का इस्तेमाल भी किया जाने लगा है और इसके लिए सरकार ट्रेनिंग भी दे रही है. साथ ही ड्रोन खरीदने के लिए भी काफी छूट दे रही है.

खेतों में ड्रोन का क्या काम ?

ड्रोन की बात करें तो हर किसी के दिमाग में आता है कि आखिर खेतों में ड्रोन का क्या काम, तो बता दें की इन दिनों खेती किसानी में ड्रोन का अच्छा खासा उपयोग हो रहा है. शहडोल जैसे आदिवासी बहुल इलाकों में भी अब ड्रोन से खेतों में दवा का छिड़काव किया जा रहा है. ड्रोन से खाद, दवा जो लिक्विड फॉर्म में होती है उनका छिड़काव करने से कई फायदे भी होते हैं.

किसान राम सजीवन कचेर बताते हैं कि “ड्रोन से दवा का छिड़काव करने से खेत में अच्छी तरह से दवा का छिड़काव होता है, इसके अलावा समय भी बहुत बचता है, साथ ही कम समय में जल्दी ही दवा का छिड़काव कर देने से फसल को भी फायदा मिलता है. इसके लिए किसान ड्रोन की ट्रेनिंग लेकर और उसे खरीदने के बाद खुद के खेत और दूसरे के खेतों पर भी किराए से काम कर सकते हैं. आजकल नैनो यूरिया, कीटनाशक हो गया या किसी भी तरह की दवा हो गई जो लिक्विड फॉर्म में आ रही है, उसके छिड़काव के लिए ड्रोन का बहुत अच्छे से उपयोग शुरू हो चुका है.”

7 दिन में ड्रोन पायलट का लाइसेंस

अगर आप ड्रोन चलाना सीखना चाहते हैं और खेती किसानी में इसका उपयोग करना चाहते हैं तो इसके लिए अब 7 दिन में ही ट्रेनिंग दी जा रही है. कृषि अभियांत्रिकी विभाग शहडोल के असिस्टेंट इंजीनियर आरके पयासी बताते हैं “कृषि अभियांत्रिकी विभाग के कौशल विकास केंद्र भोपाल और इंदौर इन दो जगह पर डीजीसीए से अप्रूव्ड संस्थाओं के माध्यम से ड्रोन संचालन के लिए ट्रेनिंग दी जा रही है. इस ट्रेनिंग के लिए जो भी किसान अगर वो 18 वर्ष से अधिक उम्र का है साथ ही दसवीं तक पढ़ाई किया है तो वह ड्रोन पायलट बनने के लिए ड्रोन की ट्रेनिंग के लिए आवेदन कर सकता है”

कहां करें आवेदन, कितनी फीस

कृषि अभियांत्रिकी विभाग के असिस्टेंट इंजीनियर रितेश पयासी बताते हैं कि “अगर आप आवेदन करना चाहते हैं तो इसके लिए आप ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं. www.mpdag.org वेबसाइट पर जाकर आवेदन कर सकते हैं, जो बहुत आसान है. इसके अलावा अगर समझ में नहीं आ रहा है तो अपने जिले के कृषि अभियांत्रिकी विभाग में जाकर भी पता कर सकते हैं.

Shahdol Drone for Farming

इसकी फीस की बात करें तो इसमें एक्चुअल जो इसका रेट है 30 हजार रुपये प्लस जीएसटी है, लेकिन इसमें मध्य प्रदेश शासन कृषि कार्य के लिये ड्रोन ट्रेनिंग देने के लिए फीस में छूट, सब्सिडी दे रही है जिसमें 50% तक की छूट दी जा रही है. ऐसे में अगर आप ड्रोन उड़ाने की ट्रेनिंग लेना चाहते हैं तो आपको महज 15,000 प्लस जीएसटी इतनी ही फीस देनी होगी. इस तरह से उसमें फीस के मापदंड की बात करें तो 17,700 की एक डीडी संबंधित कार्यालय के नाम से बनवाकर फीस के लिए दिया जाना होगा.

कितने दिन की ट्रेनिंग ?

अस्सिटेंट इंजीनियर रितेश पयासी बताते हैं कि “7 दिवसीय ट्रेनिंग होती है, भारत सरकार के माध्यम से ये ट्रेनिंग दिलाई जाती है और ये जो ड्रोन का कोर्स होता है उसमें 5 दिन का फाउंडेशन कोर्स होता है. उसके बारे में बताया जाता है और 2 दिन का एग्रीकल्चर ड्रोन का कोर्स होता है. इसमें स्पेशली एग्रीकल्चर के संबंध में ड्रोन के उपयोग के बारे में सिखाया जाता है और इसके बाद डीजीसीए से अप्रूव्ड ड्रोन पायलट का सर्टिफिकेट उन्हें दिया जाएगा.”

ट्रेनिंग के बाद ड्रोन खरीदने पर भी छूट

असिस्टेंट इंजीनियर आरके पयासी बताते हैं कि “जो व्यक्ति ड्रोन की ये 7 दिवसीय ट्रेनिंग कर लेता है, उसके बाद उसे एक सर्टिफिकेट मिलता है. कृषि कार्य के लिए अगर कोई किसान ड्रोन खरीदना चाहता है तो उसके लिए आवेदन कर सकता है. भारत सरकार के माध्यम से इसके लिए अनुदान भी मिलता है.

कृषि कार्य के लिए ड्रोन खरीदने पर भारत सरकार सामान्य वर्ग के जिन किसानों के पास दो हेक्टेयर से अधिक की जमीन है पुरुष वर्ग के किसान हैं उनको ड्रोन की कीमत का 40% तक का अनुदान दिया जाएगा, ये लगभग चार लाख रुपए का अनुदान है. वहीं एसटी एससी वर्ग या कोई भी महिला कृषक है उनको तय कीमत का 50% तक अनुदान, अधिकतम 5 लाख रुपए तक की छूट दी जाएगी. जो एफपीओ संगठन हैं उनको 75% तक ड्रोन खरीदने के लिए अनुदान दिया जाएगा.

  • ड्रोन खरीदने के लिए जरूरी दस्तावेज

आखिर ड्रोन खरीदने के लिए कौन-कौन से कागज की जरूरत पड़ेगी, उसके लिए अस्सिटेंट इंजीनियर बताते हैं कि “ड्रोन खरीदने के लिए अगर आप आवेदन करना चाहते हैं तो उसके लिए किसान के पास एक तो आधार कार्ड होना चाहिए, उसके नाम पर कृषि भूमि होनी चाहिए, जिससे साबित हो सके कि वह कृषक है, जैसा कि मैंने बताया कि किसी भी डीजीसीए से अप्रूव्ड कोई भी कोर्स में एक प्रमाण पत्र ड्रोन पायलट का वो भी होना जरूरी है.”

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