दूध के दामों को लेकर महाराष्ट्र के डेयरी किसानों ने सड़क पर मोर्चा खोल दिया है. 25 जून को दूध के सही दाम ना मिलने के विरोध में किसानों ने सुबह स्टेट हाइवे जाम कर दिया. हाइवे जाम होते ही श्रीरामपुर, अहमदनगर से संगमनेर को जाने वाले वाहनों की लम्बी-लम्बी लाइन लग गई. सैंकड़ों डेयरी किसान हाथों में तख्ती लेकर सड़क के बीचों-बीच खड़े हो गए. डेयरी कंपनियों के खिलाफ नारेबाजी शुरु कर दी. कंपनियों पर डेयरी किसानों संग दोहरा बर्ताव करने का आरोप लगाया. वहीं सरकार से दूध के सही दाम दिलाने की मांग करने लगे.
काफी देर तक रास्ता रोको अभियान चलता रहा. गौरतलब रहे महाराष्ट्र दुग्ध उत्पादक शेतकरी संघटन ने रास्ता रोको अभियान की शुरुआत की है. संघटन के वाइस प्रेसिडेंट अजित दादा काले का कहना है अभियान महाराष्ट्र के अलग-अलग इलाकों में 15 जुलाई तक चलेगा. डेयरी किसानों का आरोप है कि महाराष्ट्र ऐसा राज्य है जहां पड़ोसी राज्यों के मुकाबले डेयरी किसानों को दूध के बहुत कम रेट दिए जा रहे हैं. साथ ही किसानों को कोऑपरेटिप में भी शामिल नहीं किया जा रहा है.
दो घंटे तक रोका श्रीरामपुर हाइवे
वाइस प्रेसिडेंट अजित दादा काले ने किसान तक को बताया कि आज सुबह तय कार्यक्रम के तहत सैंकड़ों डेयरी किसान श्रीरामपुर से संगमनेरी को जाने वाले हाइवे पर पहुंच गए थे. देखते ही देखते हाइवे को जाम कर दिया. नारेबाजी शुरु कर दी. हमारी सरकार से मांग है कि दूध के जो दाम डेयरी किसानों को दूसरे राज्यों में दिए जा रहे हैं वही महाराष्ट्र में भी दिए जाएं. अभी महाराष्ट्र के डेयरी किसानों को गाय के दूध के दाम 26 रुपये लीटर के हिसाब से दिए जा रहे हैं, जबकि पड़ोसी राज्यों में महाराष्ट्र वाली कंपनियां ही गाय का दूध 34 से 37 रुपये लीटर तक खरीद रही हैं.
इतना ही नहीं भैंस का दूध खरीदने में भी महाराष्ट्र के डेयरी किसानों संग दोहरा बर्ताव किया जा रहा है. आज डेयरी किसान लागत से भी कम रेट पर दूध बेचने को मजबूर हैं. क्योंकि अगर किसान रोजाना दूध बेचेंगे नहीं तो उसे लेकर कहां जाएंगे. ऐसा भी नहीं है कि राज्य में दूध कोऑपरेटिव नहीं है, हैं लेकिन किसानों को उनका लाभ नहीं दिया जा रहा है.
डेयरी मंत्री के गांव में अनशन करेंगे डेयरी किसान
दूध के सही दाम ना मिलने के विरोध में डेयरी किसान पदयात्रा करेंगे. पदयात्रा के आयोजक ज्योतिराम जाधव ने किसान तक को बताया, ‘एक जुलाई को हमारी पदयात्रा सतार जिले से शुरु होगी. अगले दिन पदयात्रा अहमदनगर पहुंचेगी. जहां महाराष्ट्र के डेयरी मंत्री के गांव में पदयात्रा का ठहराव होगा. गांव में मौजूद डेयरी मंत्री के दादा की समाधि पर डेयरी किसान अन्न त्याग कर अनशन की शुरुआत करेंगे. अगर चार-पांच दिन में सरकार ने सुनवाई नहीं की तो जल त्याग भी किया जाएगा. सरकार द्वारा डेयरी किसानों की मांगे ना माने जानते तक अनशन अनिश्चितकालीन चलेगा.