नैनो यूरिया की प्रभावशीलता को लेकर चल रहे विवाद के बीच केंद्र सरकार ने इफको (इंडियन फार्मर्स फर्टिलाइजर कोआपरेटिव लिमिटेड) को नैनो जिंक लिक्विड और नैनो कॉपर लिक्विड बनाने के लिए भी मंजूरी दे दी है. केंद्र ने इसकी मंजूरी फर्टिलाइजर कंट्रोल ऑर्डर 1985 के तहत तीन साल के लिए दी है. इसका नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया है. पौधों में सूक्ष्म पोषक तत्वों की कमी को दूर करने के लिए फसल पोषण पर दो और नैनो टेक्नोलॉजी आधारित नए प्रोडक्ट जल्द ही बाजार में आ जाएंगे. हालांकि, इफको ने अभी यह नहीं बताया है कि नैनो जिंक और नैनो कॉपर की बोतल कितनी बड़ी होगी, इसका दाम क्या होगा , किस प्लांट में इसे बनाया जाएगा और किसानों तक यह कब तक पहुंच जाएगा.इफको इससे पहले नैनो यूरिया, नैनो यूरिया प्लस और नैनो डीएपी बना चुका है. अब सूक्ष्म पोषक तत्वों को लिक्विड के रूप में उतारा जा रहा है. नैनो यूरिया लिक्विड पर देश के अंदर और बाहर दोनों तरफ से वैज्ञानिकों ने सवाल उठाए हैं. लेकिन उससे बेपरवाह इफको ने दो और प्रोडक्ट की मंजूरी हासिल कर ली है.
इफको इससे पहले नैनो यूरिया, नैनो यूरिया प्लस और नैनो डीएपी बना चुका है. अब सूक्ष्म पोषक तत्वों को लिक्विड के रूप में उतारा जा रहा है. नैनो यूरिया लिक्विड पर देश के अंदर और बाहर दोनों तरफ से वैज्ञानिकों ने सवाल उठाए हैं. लेकिन उससे बेपरवाह इफको ने दो और प्रोडक्ट की मंजूरी हासिल कर ली है. दिसंबर 2022 में ही रसायन और उर्वरक मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने संसद में कह दिया था कि आने वाले दिनों में नैनो जिंक भी आएगा, नैनो सल्फर भी आएगा और भारत के फर्टिलाइज़र सेक्टर में यह बहुत बड़ी क्रांति होगी.
जिंक और कॉपर महत्वपूर्ण
जिंक पौधों में काम करने वाले एंजाइम के लिए महत्वपूर्ण सूक्ष्म पोषक तत्व होता है. यह पौधों की वृद्धि और विकास के लिए बहुत महत्वपूर्ण है. पौधों में जिंक की कमी विश्व स्तर पर प्रमुख चिंताओं में से एक है. इसी प्रकार पौधों में कई एंजाइमी गतिविधियों और क्लोरोफिल और बीज उत्पादन के लिए कॉपर की आवश्यकता होती है. कॉपर की कमी से बीमारियों की आशंका बढ़ सकती है.
एमडी ने किया बड़ा दावा
इफको के एमडी डॉ. यूएस अवस्थी ने कहा है कि नैनो टेक्नोलॉजी आधारित इनोवेशन कृषि क्षेत्र पर छाप छोड़ रहे हैं. सहकारी कंपनी इफको के नए इनोवेशन इफको नैनो जिंक (लिक्विड) और इफको नैनो कॉपर (लिक्विड) को भारत सरकार ने नोटिफाई कर दिया है. तीन साल की अवधि के लिए दोनों उत्पादों के लिए फर्टिलाइजर कंट्रोल ऑर्डर की मंजूरी दे दी गई है. जिंक और कॉपर की कमी से पौधों में बीमारियों की आशंका बढ़ सकती है.
ये नए नैनो फॉर्मूलेशन फसलों में जिंक और कॉपर की कमी को दूर करने, फसल की उपज और गुणवत्ता बढ़ाने और कुपोषण की समस्या का समाधान करने में मदद करेंगे. यह रिसर्च टीम के लिए एक और बड़ी उपलब्धि है, जिससे दुनिया भर के किसानों को काफी मदद मिलेगी.