मध्य प्रदेश मे 32,000 करोड़ की सिंचाई परियोजनाओं को पूरा करने का ऐलान

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मध्य प्रदेश सरकार ने सिंचाई क्षेत्र में विस्तार के साथ ही काम करने का ऐलान किया है। चुनावों के पश्चात जिन राज्यों में नई सरकारें बनी हैं, वहां आगामी पाँच वर्षों के लिए तय किए गए घोषणा पत्र के मुताबिक, उनके लक्ष्यों को बयान किया गया है। मध्य प्रदेश में नई बीजेपी सरकार ने किसानों के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाने का निर्देश दिया है।

सिंचाई क्षेत्र का विस्तार

मध्य प्रदेश सरकार ने राज्य में सिंचित क्षेत्र को बढ़ाने का मौका दिया है और इसके लिए 32,000 करोड़ रुपये की सिंचाई परियोजनाओं को समय पर पूरा करने के लिए मुख्यमंत्री सिंचाई टास्क फोर्स की स्थापना की गई है।नई सरकार ने अपने संकल्प पत्र-2023 में सिंचाई सुविधाओं को विस्तार करके खेती को आधुनिक और समृद्ध बनाने की पूर्ण समर्थन की है। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इसे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी की गारंटी के रूप में स्वीकारा है और इसके लिए सभी विभागों को सात दिनों के भीतर रोड-मैप बनाकर कार्यशील होने का निर्देश दिया है।

इन सिंचाई परियोजनाओं को पूरा करने का ऐलान

आने वाले वर्षों में, मध्य प्रदेश सरकार ने ग्वालियर और चंबल क्षेत्र में महत्वपूर्ण सिंचाई परियोजनाओं को पूरा करने का ऐलान किया है। इस कड़ी में, माधवराव सिंधिया सिंचाई परियोजना,

  • नरसिंहपुर, रायसेन, और होशंगाबाद में चिंकी-बोरास बैराज परियोजना,
  • नरसिंहपुर-छिंदवाड़ा में शक्कर-पेंच लिंक संयुक्त परियोजना,
  • छिंदवाड़ा में पेंच डायवर्सन परियोजना,
  • खंडवा में खंडवा उद्दहन माइक्रो सिंचाई परियोजना
  • पन्ना में रूंझ मध्यम सिंचाई परियोजना और
  • मझगांव मध्यम सिंचाई परियोजना को तात्पर्यपूर्ण कदमों में बढ़ावा देने का निर्णय लिया है।

इन परियोजनाओं के माध्यम से, पन्ना, रीवा, सतना, कटनी, और जबलपुर में बरगी परियोजना, कटनी में बहोरीबंद माइक्रो सिंचाई परियोजना, हरदा में शहीद इलाप सिंह उद्रहन माइक्रो सिंचाई परियोजना, श्योपुर में चेंटीखेड़ा मुख्य सिंचाई परियोजना, सतना और रीवा में बहुती नहर परियोजना को जल्दी से पूरा किया जाएगा।

65 लाख हेक्टेयर क्षेत्र को सिंचित बनाने की योजना

65 लाख हेक्टेयर क्षेत्र को सिंचित बनाने का मुख्यमंत्री ने एक विशेष योजना बनाई है, मुख्यमंत्री ने कहा है, कि कृषि के क्षेत्र में निरंतर बिजली आपूर्ति की जाएगी और सिंचाई क्षमता को बढ़ाकर उच्चतम स्तर तक पहुंचाया जाएगा।2003 में सिंचाई क्षमता 7.6 लाख हेक्टेयर थी, जो 2023 तक 47 लाख हेक्टेयर में बढ़ गई है, और इसे अब और भी बढ़ाकर 65 लाख हेक्टेयर तक पहुंचाया जाएगा।

लिफ्ट सिंचाई परियोजनाओं को तेजी से पूरा किया जाएगा

मुख्यमंत्री ने विशेष ध्यान देते हुए कहा है, कि 4 लाख हेक्टेयर तक की उपजाऊ भूमि में सिंचाई व्यवस्था को सुनिश्चित करने के लिए लिफ्ट सिंचाई परियोजनाओं को तेजी से पूरा किया जाएगा।

उन्होंने प्रदेश के डार्क जोन क्षेत्रों में बोरवेल और पुनरुद्वार के लिए एक्सपर्ट कमेटी की गठन किया जाएगा, और इस क्षेत्र में 500 करोड़ रूपये का निवेश किया जाएगा। मुख्यमंत्री कृषक मित्र योजना के अंतर्गत कृषकों को सहायक कनेक्शन प्रदान किये जाएंगे।