कीटों के कारण सालाना 1 लाख 40 हजार करोड़ की कृषि उपज का होता है नुकसान

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छत्तीसगढ़ विधानसभा के अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह रायपुर के समीप ग्राम बरौंडा में स्थित भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद- राष्ट्रीय जैविक स्ट्रेस प्रबंधन संस्थान द्वारा आयोजित लाभार्थी किसान सम्मेलन में कहा कि देश में जैविक स्ट्रेस से सालाना लगभग 1 लाख 40 हजार करोड़ रुपये की कृषि उपज का नुकसान होता है। उन्होंने कहा कि भारत में जैविक स्ट्रैस के कारण सभी वस्तुओं में 30-35 प्रतिशत नुकसान होता है, वैश्विक स्तर पर, कीटों के कारण फसल उत्पादन का 10 से 28 प्रतिशत तक नुकसान होता है। इस मौके पर डॉ. सिंह ने प्रतीक स्वरूप पांच  किसानों को कृषि यंत्र पावर रिपर, तेलघानी यंत्र, स्पेयर पंप का वितरण किया।

डॉ. रमन सिंह ने कहा कि छत्तीसगढ़ के किसान साथी जैविक तनाव या बायोटिक स्ट्रेस जैसी गंभीर परिस्थिति से निपटने के लिए रणनीति बनाकर आधुनिक तकनीक के माध्यम से बेहतर कार्य कर रहे हैं। जैविक तनाव से तात्पर्य पौधे पर जीवित जीवों के हानिकारक प्रभाव से है, जिसमें कीड़े, कवक, बैक्टीरिया, वायरस और अन्य रोगजनक शामिल हैं। उन्होंने कहा कि कृषि में जैविक तनावों पर बुनियादी, रणनीतिक और अनुकूल अनुसंधान के माध्यम से छत्तीसगढ़ की भूमि से अधिक से अधिक अन्न उपार्जित कर प्रदेश में भोजन की उपलब्धता सुनिश्चित कर पायें इस उद्देश्य से 7 अक्टूबर, 2012 को इस संस्थान की यहां आधारशिला रखी गई थी। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री ने इस संस्थान को 28 सितंबर 2021 को राष्ट्र को समर्पित किया था। तब से लेकर अब तक इस संस्थान ने कई अनुसंधान किये, कृषि जगत में निरंतर छत्तीसगढ़ के किसानों की बेहतर फसल के लिए काम किये और ढेरों उपलब्धियां अर्जित की हैं।

कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे कृषि मंत्री श्री रामविचार नेताम ने कहा कि राजधानी रायपुर के समीप स्थित राष्ट्रीय स्तर का यह भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद – राष्ट्रीय जैविक स्ट्रेस प्रबंधन संस्थान द्वारा देश और प्रदेश के किसानों के हित में रणनीति बनाकर जैविक तनाव को कम करने की दिशा में बेहतर काम किया जा रहा है। कार्यक्रम में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद – राष्ट्रीय जैविक स्ट्रेस प्रबंधन संस्थान के निदेशक एवं कुलपति डॉ. पी.के. घोष उपस्थित थे। डॉ. संजय शर्मा ने मंच संचालन किया।