*मोटा अनाज से बिस्कुट-नमकीन और रसगुल्ला बनाके किसान कर रहा तगड़ी कमाई*

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कुछ साल पहले मोटे अनाज की कीमत बहुत कम थी, लेकिन जब से अंतरराष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष बनाया गया तब से मोटे अनाज की मांग बढ़ी है। किसानों को इसकी अच्छी कीमत भी मिल रही है। आज आपको संजय सैनी की सफलता की कहानी बताने जा रहे हैं, जो मोटे अनाज से अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं। दरअसल, उन्होंने सरकार से मोटे अनाज के बीज लिए और फिर बिना बीजों से खेती करके उन्हें पैकेट में भरकर बेंच रहे हैं और अच्छी कमाई कर रहे हैं।

क्योंकि मोटा अनाज सेहत के लिए फायदेमंद होता है, इसलिए मोटे अनाज की खेती से किसानों को फायदा होता है। आइए जानते हैं कि किसान संजय सैनी मोटे अनाज से क्या-क्या बनाते हैं।

चूंकि मोटा अनाज स्वास्थ्य के लिए लाभदायक होता है, इसलिए आजकल लोग इसका सेवन अधिक करने लगे हैं, जिसमें संजय सैनी ने बताया कि वह मिलेट्स के उत्पाद बनाने का काम करते हैं, वह कई वर्षों से यह काम कर रहे हैं। पहले वह गुड़ और चीनी जैसे उत्पाद बनाते थे, उनका संगठन 2018 से चल रहा है, लेकिन 2023 से नया मोड़ आया जब सरकार ने लोगों के सामने मिलेट्स को उजागर किया और बताया कि यह स्वास्थ्य के लिए कितना लाभदायक है। यह किसानों के लिए कितना लाभदायक है।

मिलेट्स कई प्रकार की बीमारियों को नियंत्रित करने में सहायक है। संजय, मिलेट्स के उत्पाद बनाते हैं जिसमें मुख्य रूप से नमकीन, रसगुल्ला, हलवा, लड्डू और बिस्कुट शामिल हैं जो बाजार में जल्दी बिक जाते हैं और अच्छी कीमत भी मिलती है। यह उत्पाद स्वाद में अच्छा होने के साथ सेहत के लिए फायदेमंद है।

मोटे अनाज की खेती के लिए सब्सिडी

मोटे अनाज की खेती से आय में वृद्धि की जा सकती है और कम लागत में अधिक आय अर्जित की जा सकती है। इसीलिए विभिन्न राज्य सरकारें मोटे अनाज की खेती के लिए सब्सिडी दे रही हैं। जिसमें उत्तराखंड सरकार द्वारा मोटे अनाज की खेती और जैविक खाद के लिए 80% सब्सिडी दी जा रही है। बिहार में भी मोटे अनाज की खेती के लिए किसानों को 100% सब्सिडी दी जा रही है। इसके अलावा उत्तर प्रदेश, झारखंड, मध्य प्रदेश, राजस्थान में भी मोटे अनाज की खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है। किसानों को सब्सिडी मिल रही है, जिसके लिए वे कृषि विभाग से संपर्क कर सकते हैं।

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