विवादित बयान पर महाराष्‍ट्र के कृषि मंत्री ने किसानों से मांगी माफी

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महाराष्ट्र के कृषि मंत्री माणिकराव कोकाटे का किसानों को लेकर आए दिन किसी न किसी तरह का विवादित बयान सामने आता रहता है. अब रविवार को उन्‍होंने अपने हाल ही में किसान पर योजनाओं से जुड़ी राशि के दुरुपयोग के आराेप लगाने वाले बयान पर खेद जताया और किसानों से माफी मांगी. कोकाटे ने कहा था कि किसान खेती की योजनाओं से मिलने वाले पैसों का इस्‍तेमाल खेती से जुड़ें कामों में नहीं करते हैं, बल्कि इन पैसों का इस्तेमाल सगाई और शादी जैसे समारोहों में करते हैं.

रामनवमी के अवसर पर नासिक में कालाराम मंदिर में दर्शन करने के बाद उन्होंने कहा कि यह अनजाने में हुआ. अगर किसानों को बुरा लगा है और उनकी भावनाएं आहत हुई हों, तो मैं उनसे माफी मांगता हूं. नासिक में सिन्नर निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाले एनसीपी सदस्‍य और कृषि मंत्री ने कहा कि पिछले आठ दिनों में राज्य भर में बेमौसम बारिश के कारण किसान प्रभावित हुए हैं. सरकार ने अधिकारियों को फसल के नुकसान का आकलन करने के लिए तत्काल पंचनामा (सर्वे) करने का आदेश दिया है. 

किसानों को मुआवजा देगी सरकार

कोकाटे ने कहा कि राज्य सरकार निश्चित रूप से किसानों को मुआवजा देगी. मैंने किसानों की समृद्धि और खुशी के लिए भगवान राम से प्रार्थना की. शुक्रवार को नासिक जिले के कुछ गांवों के दौरे के दौरान, कोकाटे ने एक किसान द्वारा पूछे गए सवाल पर अपनी बात से पलटते हुए कहा कि क्या नियमित रूप से लोन चुकाने वाले किसानों को लोन माफी मिल सकती है. मंत्री ने पूछा कि लोन माफी मिलने के बाद आप पैसे का क्या करते हैं? क्या आप इसे खेती में निवेश करते हैं?

मंत्री ने की थे ये टिप्‍पणी

नासिक जिले में, बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि के कारण प्याज और अंगूर जैसी फसलें प्रभावित हुई हैं. किसान 5-10 साल तक इंतजार करते हैं और लोन नहीं चुकाते हैं. सरकार आपको खेती में निवेश करने के लिए पैसा देगी. यह पैसा पानी की पाइपलाइन, सिंचाई और खेत के तालाबों के लिए है. सरकार पूंजी निवेश करती है. क्या किसान ऐसा निवेश करते हैं? कोकाटे ने दावा किया, “किसानों का कहना है कि उन्हें फसल बीमा का पैसा चाहिए, लेकिन वे इसे सगाई समारोहों और शादियों में खर्च करते हैं.”

इस पर राज्य कांग्रेस अध्यक्ष हर्षवर्धन सपकाल ने शनिवार को मंत्री पर किसानों का अपमान करने का आरोप लगाया और उन्हें मंत्रिमंडल से निष्कासित करने की मांग की. “क्या सरकार किसानों को वित्तीय सहायता प्रदान करके कोई उपकार कर रही है? उन्होंने कहा, ‘‘यह जनता का पैसा है, मणिकराव कोकाटे के परिवार का नहीं.’’

महाराष्‍ट्र के कृषि मंत्री माणिकराव कोकाटे के दोनों भाइयों को हुई सजा

माणिकराव कोकाटे और उनके भाई सुनील कोकाटे को नास‍िक जिला अदालत ने दो साल की कैद और 50,000 रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है. दोनों भाइयों को वर्ष 1995 के फर्जीवाड़े से जुड़े एक मामले में सजा सुनाई गई है. उन पर तत्कालीन विधायकों, सांसदों के कोटे से आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लोगों को फ्लैट दिलवाने के लिए दस्तावेजों से छेड़छाड़ और धोखाधड़ी का आरोप है. कोर्ट के इस फैसले से विधायक माणिकराव कोकाटे का मंत्रीपद खतरे में आ गया है. हालांकि, मंत्री ने ऊपरी अदालत का रुख करने का फैसला किया है.

तुकाराम दिघोले ने दर्ज कराई थी शिकायत

पूर्व मंत्री तुकाराम दिघोले ने आवास घोटाले के मामले में 1995 में माणिकराव कोकाटे के खिलाफ केस दर्ज कराया था. 1997 में तत्कालीन उप जिलाधिकारी की शिकायत के आधार पर आईपीसी की धारा 420, 465, 471, 47 के तहत मामला दर्ज किया गया था. नासिक डिस्ट्रिक्ट कोर्ट ने 29 साल बाद इस केस का फैसला सुनाया. 

तत्कालीन विधायक तुकाराम दिघोले ने जांच की मांग की थी और माणिकराव कोकाटे और उनके भाई सुनील कोकाटे और दो अन्य के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी. इस केस में माणिकराव कोकाटे और भाई सुनील कोकाटे आरोपी नंबर 1 और 2 थे, जबकि‍ आरोपी नंबर 3 और 4 कोकाटे के रिश्तेदार थे.

रिश्‍तेदारों से अपने नाम ट्रांसफर कराया फ्लैट

कोकाटे ने बाद में उनसे मिले फ्लैटों को अपने नाम पर ट्रांसफर करा लिया था. मकान हासिल करने में कोकाटे ने खुद को गरीब और दुर्लभ वित्तीय साधनों वाला दिखाया था. लेकिन उसी समय उनके पिता कोपरगांव शुगर फैक्ट्री के निदेशक थे और जानकारी के मुताबिक, वह फैक्ट्री में 100-200 टन गन्ना भेजते थे. 

फर्जी दस्‍तावेज के साथ फ्लैट लेने का आरोप

शहर के बीच में बॉयज टाउन स्कूल के पास एक इमारत में माणिकराव कोकाटे ने फर्जी दस्तावेजों के साथ एक फ्लैट लिया था. बाद में, उन पर अन्य दो फ्लैटों पर कब्जा करके अवैध निर्माण और अतिक्रमण का आरोप लगाया गया. आरोप है कि कोकाटे ने उन्हीं फ्लैटों के भूतल पर सिन्नर तालुका डिवीजन मिल्क प्रोसेसिंग टीम का 24 घंटे का दूध एटीएम शुरू किया, लेकिन यह वर्तमान में बंद है. इस सुनवाई में माणिकराव कोकाटे खुद जिला अदालत में मौजूद थे. बाद में जिला कोर्ट ने उनकी जमानत मंजूर कर दी.

हाल ही में कृषि मंत्री माणिकराव 1 रुपये वाली फसल बीमा को लेकर एक विवादित बयान को लेकर चर्चा में आए थे. किसान नेताओं ने उनके बयान की आलोचना भी की थी. मंत्री ने एक सवाल के जवाब में कहा था कि आजकल तो 1 रुपये काेई भिखारी भी नहीं लेता, लेकिन सरकार फसल बीमा का कवरेज दे रही है. फिलहाल इस योजना को बंद करने का कोई प्‍लान नहीं है.

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