समुन्नति का ग्रीन बॉन्ड: एग्री फंडिंग का ग्रीन तरीका

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एग्री सेक्टर के विकास में योगदान कर रही दिग्गज कंपनी समुन्नति ने अपना पहला 50 करोड़ रुपये का ग्रीन बॉन्ड लॉन्च किया है, जो बीएसई पर लिस्ट हो गया है. इसके जरिए कंपनी क्लाइमेट स्मार्ट एग्रीकल्चर की 3 कैटेगरी के प्रोजेक्ट को वित्तीय मदद करेगी. कंपनी देश के 28 राज्यों में एफपीओ के जरिए 80 लाख किसानों को वित्तीय मदद के साथ मार्केट एक्सेस और दूसरे संसाधनों की सुविधा उपलब्ध करा रही है. 500 से ज्यादा स्टार्टअप्स और करीब 100 एग्री कंपनियों के साथ काम कर कृषि विकास को बढ़ावा दे रही है. समुन्नति के डायरेक्टर और रिटायर्ड आईएएस प्रवेश शर्मा और समुन्नति के फाउंडर, सीईओ अनिल कुमार एसजी ने ‘किसान तक’ से विशेष बातचीत में ग्रीन बॉन्ड को लेकर खुलकर बात की और समुन्नति की शुरुआत और सफलता के बारे में भी बताया. फाउंडर अनिल कुमार ने कहा कि समुन्नति के ग्रीन बॉन्ड के जरिए क्लाइमेंट स्मार्ट एग्रीकल्चर प्रोजेक्ट को राशि मिलने में सुविधा हो सकेगी. कंपनी ने बीते 10 साल में 25 हजार करोड़ बिजनेस किया है. कंपनी की ओर से एफपीओ के जरिए 80 लाख किसानों को वित्तीय समेत दूसरे संसाधन उपलब्ध कराए जा रहे हैं.

10 साल में 25 हजार करोड़ का बिजनेस 

समुन्नति के डायरेक्टर और रिटायर्ड आईएएस प्रवेश शर्मा ने कहा कि 10 साल पहले स्टार्टअप के रूप में समुन्नति की शुरुआत की गई थी. चेन्नई के बैंकर अनिल कुमार एसजी ने किसानों के लिए कुछ करने की इच्छा जताई, जिसके बाद इस सोच को अमल में लाने के लिए इसकी शुरुआत हुई. उन्होंने कहा कि कृषि क्षेत्र में वित्तीय व्यवस्था, पूंजी निवेश की आवश्यकता है और इन मुद्दों पर काम करते हुए छोटे किसानों तक संसाधन पहुंचाने हैं. इसके बाद कमर्शियल वेंचर की शुरुआत हुई. उन्होंने बताया कि आपको यह जानकर आश्चर्य होगा और खुशी भी होगी कि पिछले 10 सालों में समुन्नति ने 25 हजार करोड़ रुपये का बिजनेस किया है. 

कमर्शियल प्लेफॉर्म के आइडिया ने मिलाया

प्रवेश शर्मा ने बताया कि उन्होंने सरकार में 34 साल काम किया. इस दौरान जब मैं SFAC में MD था तो FPO पर बहुत काम किया. इस दौरान मुझे लगा कि इस एक्सचेंज को बाजार में स्थापित करने के लिए और एफपीओ को बाजार के प्लेयर्स से स्थायी रिश्ता बनाने के लिए यह जरूरी है कि मैं भी एक कमर्शियल प्लेटफॉर्म लाऊं, लेकिन मैं सरकार में था तो लिमिटेशन थीं. इसी दौरान अनिल कुमार जी से मुलाकात हुई और कुछ वर्षों बाद हम बिजनेस पार्टनर बन गए. 

7,500 स्टोर्स के साथ कारोबार

उन्होंने कहा कि आज मैं बहुत गर्व से कह सकता हूं कि साढ़े सात हजार स्टोर्स के साथ समुन्नति का सीधा व्यवसायिक संपर्क है. इसमें कैपिटल लोन, उनके लिए इनवेस्टमेंट, उनके कामकाज करने के लिए जो ऑपरेशनल एक्सपेंसेस हैं इन सभी मुद्दों को समुन्नति FPOs के माध्यम से देखती है. उन्होंने कहा कि अधिकांश जो बिजनेस किसानों को, एफपीओ को, कृषि क्षेत्र की ईकाइयां, दाल मिल, चावल में मिल, आटा मिल या जो भी कोई व्यापार करते हैं, उन सबके लिए समुन्नति का उद्देश्य वित्तीय संसाधन जुटाना है. समुन्नति की सबसे बड़ी जो उपलब्धि है वो FPO को हर तरह की मदद पहुंचाना है. 

ग्रीन बॉन्ड बीएसई पर लिस्ट  

समुन्नति के डायरेक्टर प्रवेश शर्मा ने बताया कि हमने ग्रीन बॉन्ड लॉन्च किया है, BSE पर लिस्ट हो गया है. एग्री वैल्यू चेन को बढ़ावा देने वाली कंपनी समुन्नति ने अपना पहला 50 करोड़ रुपये का ग्रीन बॉन्ड जारी किया है. समुन्नति के फाउंडर अनिल कुमार एसजी ने ग्रीन बॉन्ड के बारे में बताते हुए कहा कि यह डेट इंस्ट्रूमेंट हैं और इसको नॉर्दर्न आर्क कैपिटल ने सब्सक्राइब किया है. यह बड़ी उपलब्धि है जिसे समुन्नति की टीम ने अब तक टिकाऊ, वित्त और पर्यावरणीय जिम्मेदारी की दिशा में हासिल किया है. उन्होंने कहा कि यह 50 करोड़ रुपये की धनराशि देश में विभिन्न एग्री वैल्यू चेन में क्लाइमेंट स्मार्ट एग्रीकल्चर सॉल्यूशन को अपनाने में मदद करेगी. 

ग्रीन प्रोजेक्ट की वित्तीय मदद होगी 

समुन्नति के फाउंडर अनिल कुमार एसजी ने कहा कि यह जो राशि है वह क्वालीफाई होने वाले ग्रीन प्रोजेक्ट में इस्तेमाल की जाएगी. उन्होंने बताया कि क्लाइमेट स्मार्ट एग्रीकल्चर सेगमेंट में तीन तरह की कैटेगरी होती हैं जहां यह राशि इस्तेमाल करनी पड़ती है. इनमें एक पीएसए इनपुट हैं जैसे बॉयो फर्टिलाइजर, बॉयो पेस्टीसाइड, यूरिया के लिए कोई फंडिंग करनी है तो इसमें होगी. दूसरा सीएसए ऑउटपुट है जैसै मिलेट्स या बॉयोफ्यूल आदि में फंडिंग की जाती है. तीसरी कैटेगरी सीएसए टेक्नोलॉजी (CSA technology) है. इसमें कोल्ड स्टोरेज, सोलर एनर्जी, ड्रोन, एक्वाकल्चर टेक्नोलॉजी में फंडिंग होती है. 

अनिल कुमार ने कहा कि ग्रीन बॉन्ड का महत्व ये है यह पहला ऐसा एक डेट इंस्ट्रूमेंट है जो NBFC ने इश्यू किया है और BSE पर लिस्ट हुआ है. उन्होंने कहा कि यह उदाहरण बनेगा और बहुत सारे ऐसे इंस्ट्रूमेंट आ सकते हैं, जिससे क्लाइमेंट स्मार्ट एग्रीकल्चर वाले प्रोजेक्ट को राशि मिलने में सुविधा हो सकेगी.

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