अनूप सोनी और सुमित सोनी:बाजरे से हेल्दी केक बनाया

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जोधपुर के दो भाइयों ने Millets Productsसे बेकरी का व्यवसाय शुरू किया और आज उनका बाजरे से बना केक संसद भवन तक पहुंच चुका है। इस बेकरी की सफलता की कहानी न केवल राजस्थान बल्कि पूरे देश में चर्चा का विषय बन चुकी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी बाजरा के केक की सराहना की है। आइए, जानते हैं इन दोनों भाइयों की इस सफ़लता की कहानी।

बेकरी बिज़नेस चुनने के पीछे का कारण

अनूप सोनी और सुमित सोनी, दोनों भाई मिलकर इस बेकरी बिज़नेस को चला रहे हैं। अनूप पेशेवर शेफ हैं और बेकरी के प्रबंधन और मार्केटिंग की ज़िम्मेदारी संभालते हैं। मार्केटिंग में उन्हें गहरी समझ है, जो इस बेकरी के सफल होने में मदद करती है। वहीं, उनके भाई सुमित सोनी एक फिज़ियोथेरेपिस्ट डॉक्टर हैं। वे हमेशा से अपनी सेहत का ख्याल रखते हैं, एक्सरसाइज़ करते हैं और हेल्दी डायट पर विश्वास करते हैं। उनका मानना है कि स्वस्थ जीवनशैली के लिए सही आहार बेहद ज़रूरी है। 

 

इसी सोच के साथ, दोनों भाइयों ने बेकरी व्यवसाय शुरू किया और बाजरे से केक बनाने का अनोखा विचार अपनाया। इस प्रयोग ने न केवल बाजरे को एक नया रूप दिया, बल्कि सेहत के प्रति जागरूकता भी फैलायी। इस प्रकार, इन दोनों भाइयों ने मिलकर बेकरी में एक नई दिशा दी और स्वस्थ आहार को लोगों तक पहुंचाने का काम किया।

बेकरी के नाम के पीछे की कहानी

इनकी बेकरी का नाम है RDz 1983 जिसमें “RDz” में R का मतलब है रमेश और D का मतलब है दुर्गा, जो उनके माता-पिता के नाम हैं। 1983 में उनके माता-पिता ने शादी की थी, और यही नाम उनके माता-पिता की शादी की सालगिरह को सम्मानित करता है। यह नाम उनके परिवार के लिए एक खास और भावनात्मक जुड़ाव है।  

यह बेकरी पूरी तरह से शाकाहारी Millets Products पर आधारित है और पिछले पांच वर्षों से अधिक समय से सफलता की ओर बढ़ रही है। शुरुआत में एक छोटे से विचार से शुरू हुआ यह बेकरी अब एक बड़ी पहचान बन चुका है। बेकरी का बाजरा केक इतना लोकप्रिय हुआ कि एक दिन उन्होंने 60 किलो बाजरा केक बनाकर संसद भवन भेजा, जिसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी चखा और उसकी तारीफ की। यह उनके लिए एक बहुत बड़ी उपलब्धि थी और उनके उत्पाद की गुणवत्ता का प्रमाण भी। 

Millet (बाजरा) क्या होता है?

बाजरा, जिसे हम मिलेट्स(Millets Products) के नाम से भी जानते हैं, एक प्रकार का मोटा अनाज है जो हमारे देश में पारंपरिक रूप से बहुत इस्तेमाल होता था। यह अनाज हमारी पुरानी संस्कृति और आहार का अहम हिस्सा था, लेकिन आधुनिक भोजन की आदतों जैसे पिज्जा, बर्गर और मैगी के बढ़ते चलन के कारण यह धीरे-धीरे हमारी थाली से गायब हो गया।  

हालांकि, अब लोग बाजरे के स्वास्थ्य लाभों को समझने लगे हैं। यह शरीर के लिए बहुत फ़ायदेमंद होता है और इसके सेवन से कई स्वास्थ्य समस्याओं का समाधान हो सकता है। बाजरा फाइबर, प्रोटीन और मिनरल्स से भरपूर होता है, जो पाचन, वजन नियंत्रण और दिल की सेहत के लिए फ़ायदेमंद है। इस कारण लोग अब इसे फिर से अपनी डायट में शामिल करने की कोशिश कर रहे हैं। बाजरे को फिर से लोकप्रिय बनाने का यह दौर एक सकारात्मक बदलाव की ओर इशारा करता है, जिससे हमारे पारंपरिक आहार की अहमियत फिर से बढ़ रही है।बाजरा से बनने वाले विभिन्न

इनके बेकरी में बाजरे से कई प्रकार के Millets Products बनाए जाते हैं, जिनमें सबसे प्रमुख हैं बाजरा की कुकीज़। इन कुकीज़ को और भी स्वादिष्ट और आकर्षक बनाने के लिए, उन पर तिल और काजू की कोटिंग की जाती है। यह न केवल स्वाद में इजाफा करता है, बल्कि इन्हें देखने में भी आकर्षक बनाता है। इसके अलावा, बेकरी ने चॉकलेट, नमकीन और जीरा कुकीज़ बनाने की योजना बनाई है, ताकि बाजरा से बने Millets Products का स्वाद और विविधता बढ़ सके।  

इन नए-नए प्रयोगों का उद्देश्य यह है कि बाजरा को एक ही रूप में न पेश करके, उसे विभिन्न स्वादों और रूपों में प्रस्तुत किया जाए, ताकि यह अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचे और उनका ध्यान आकर्षित कर सके। इस तरह से, बाजरे का उपयोग बढ़ाने के साथ-साथ, बेकरी के Millets Products भी बाजार में एक नई पहचान बना रहे हैं।  

बाजरा सेहत के लिए बेहद फ़ायदेमंद

बाजरा सेहत के लिहाज से अत्यंत फ़ायदेमंद है। यह एक संपूर्ण अनाज है, जो न केवल पोषण से भरपूर है, बल्कि शरीर को ऊर्जा भी प्रदान करता है। बाजरा वजन कम करने में मदद करता है, क्योंकि यह फाइबर से भरपूर होता है, जो पाचन को बेहतर बनाता है और लंबे समय तक पेट को भरा हुआ रखता है। इसके अलावा, यह पेट को स्वस्थ रखने, कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने और ह्रदय से संबंधित समस्याओं को कम करने में भी मदद करता है।  

अनूप और सुमित का मानना है कि राजस्थान के किसान विशेष रूप से अधिक ताकतवर होते हैं, क्योंकि वे पूरे साल बाजरा खाते हैं। उनका कहना है कि बाजरा के नियमित सेवन से शरीर में ताकत बनी रहती है और यह खून को साफ करने का भी काम करता है।  

वे कहते हैं कि अपने Millets Products को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाने के लिए वे उनकी पैकेजिंग और ब्रांडिंग पर विशेष ध्यान दे रहे हैं। उनका विश्वास है कि जिस तरह से उन्होंने बाजरा के साथ प्रयोग करके उसे एक नया रूप दिया है, उसी तरह अगर अन्य लोग भी Millets Products के साथ इस प्रकार के प्रयोग करें, तो इससे किसानों को मिलेट्स की खेती करने के लिए प्रेरणा मिलेगी। इस प्रकार, Millets Products की खेती बढ़ने से न केवल किसानों की आय में वृद्धि होगी, बल्कि यह हमारे पारंपरिक अनाजों की भी पुनः पहचान बनाएगा।  

मार्केटिंग और बाजार

अनूप सोनी का कहना है, “हम जितने बड़े स्तर पर अपने Millets Products को बेचेंगे, किसानों को उतना ही अधिक फायदा होगा। अगर हमारे Millets Products पूरी दुनिया में बिकते हैं, तो यह न केवल हमारे लिए, बल्कि किसानों के लिए भी बहुत फ़ायदेमंद साबित होगा।”  

उदाहरण के तौर पर, वह बताते हैं कि 200 पैकेट बिस्किट बनाने में करीब 4-5 किलो बाजरा लगता है। लेकिन जब यह उत्पाद बड़े पैमाने पर बिकने लगेगा, तो जाहिर है कि हमें अधिक बाजरे की जरूरत होगी। इससे किसानों से ज्यादा मात्रा में बाजरा खरीदा जाएगा, और इस प्रक्रिया में उन्हें बेहतर कीमत मिल सकेगी। इस तरह, बाजरा का बढ़ता बाजार किसानों के लिए एक स्थिर आय का स्रोत बन सकता है, और उन्हें उनकी फसल का सही मूल्य मिल सकेगा। अनूप का मानना है कि यदि बाजरे का बाजार अंतरराष्ट्रीय स्तर तक पहुंचता है, तो इससे न केवल किसानों को अच्छे दाम मिलेंगे, बल्कि यह उनके लिए एक स्थायी और लाभकारी व्यवसाय का रूप ले सकता है।

अन्य किसानों के लिए उनका संदेश  

अनूप और सुमित का मानना है कि राजस्थान में बाजरे की खेती अच्छी होती है, लेकिन अधिकांश किसान इसे उगाना नहीं चाहते, क्योंकि यह जल्दी बिकता नहीं है और यह केवल सर्दियों में ही इस्तेमाल होता है। इसी कारण कई किसान बाजरे को चारे के रूप में इस्तेमाल करते हैं या फिर दूसरी खेती करने लग जाते हैं। लेकिन अगर बाजरे के Millets Products बनाए जाएं और बेचे जाएं, तो इससे किसानों को न केवल अच्छा मुनाफा होगा, बल्कि वे अपना व्यवसाय भी खड़ा कर सकते हैं और अतिरिक्त आमदनी का एक और रास्ता भी खोल सकते हैं।  इस प्रकार, बाजरे को सही तरीके से उपयोग में लाकर न केवल किसानों की आय बढ़ाई जा सकती है, बल्कि यह हमारे पारंपरिक भोजन को भी फिर से लोकप्रिय बनाने का एक बेहतरीन तरीका है।  

अनूप सोनी और उनके भाई सुमित सोनी की सफलता की कहानी यह दिखाती है कि सही दिशा में प्रयास और नये विचारों के साथ मेहनत करने से कोई भी सपना हकीकत बन सकता है। बाजरे से बेकरी Millets Products बनाने का उनका अनोखा प्रयोग न केवल पारंपरिक अनाज को नया जीवन दे रहा है, बल्कि किसानों के लिए भी नए अवसर पैदा कर रहा है। अनूप की मार्केटिंग समझ और सुमित की हेल्दी लाइफस्टाइल को लेकर जागरूकता ने उन्हें बेकरी बिज़नेस में सफलता दिलाई है। यह कहानी न केवल व्यापारिक सफलता की, बल्कि समाज में सेहतमंद और पारंपरिक खाद्य पदार्थों की अहमियत को फिर से उजागर करने की भी है।