किसान पारंपरिक फसलों को छोड़ अन्य फसलों की खेती कर अधिक लाभ कमा सकें इसके लिए सरकार द्वारा कई योजनाएँ शुरू की गई है। इस कड़ी में मध्यप्रदेश सरकार ने राज्य में श्री अन्न यानि की मोटे अनाज की फसलों की खेती को बढ़ावा देने के लिए “रानी दुर्गावती श्रीअन्न प्रोत्साहन योजना” शुरू की है। योजना के तहत सरकार किसानों को मोटा अनाज फसलों की खेती पर अनुदान के साथ ही खरीद पर अतिरिक्त सहायता राशि देगी। शनिवार 5 अक्टूबर के दिन हुई मंत्रिमंडल की बैठक में यह निर्णय लिया गया है।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में दमोह जिले के सिंग्रामपुर में वीरांगना रानी दुर्गावती के अभूतपूर्व योगदान के सम्मान में मंत्रि-परिषद की बैठक हुई। मंत्रि-परिषद ने रानी दुर्गावती श्रीअन्न प्रोत्साहन योजना में अधिकतम 3900 रूपये प्रति हेक्टेयर अतिरिक्त सहायता राशि की स्वीकृति दी। योजना वर्ष 2024-25 अंतर्गत गठित “महासंघ (Federation) द्वारा क्रय कोदो-कुटकी पर किसानों को महासंघ द्वारा भुगतान किये गये न्यूनतम क्रय मूल्य के अतिरिक्त यह सहायता राशि डीबीटी (Direct Benefit Transfer) के माध्यम से किसानों के खाते में दिये जाने का निर्णय लिया गया।
किसानों को श्री अन्न की खेती के लिए मिलेगी प्रोत्साहन राशि
मध्य प्रदेश सरकार द्वारा राज्य में रानी दुर्गावती श्री अन्न प्रोत्साहन योजना पहले ही लागू की जा चुकी है। अभी तक योजना के तहत किसानों को श्री अन्न यानी की मोटे अनाज की खरीद पर 1,000 रुपये प्रति क्विंटल की दर से बोनस दिये जाने का प्रावधान किया गया था। अब सरकार ने इस योजना का नाम बदलकर “वीरांगना रानी दुर्गावती योजना” कर दिया है। साथ ही योजना के तहत अब सरकार किसानों को मोटे अनाज की खरीद पर बोनस के साथ ही मोटे अनाज की खेती पर अतिरिक्त 3900 रूपये प्रति हेक्टेयर की दर से अनुदान देगी। जिससे मोटे अनाज की खेती करने वाले किसानों को लाभ होगा।
किसानों को मिलेगा बिना ब्याज का लोन
मध्य प्रदेश सरकार द्वारा राज्य में किसानों को कृषि और पशुपालन के लिए सहकारी बैंकों से लोन उपलब्ध कराया जाता है। समय पर ऋण चुकाने वाले किसानों को सरकार की ओर से सब्सिडी दी जाती है। जिससे किसानों को यह लोन बिना ब्याज के मिलता है। मंत्री परिषद की बैठक में सहकारी बैंकों के माध्यम से वर्ष 2024-25 में शून्य प्रतिशत ब्याज दर पर कृषकों को अल्पावधि फसल ऋण दिये जाने की योजना निरन्तर जारी रखने का फैसला लिया है। जिससे किसानों को रबी सीजन में भी फ़सली ऋण बिना किसी ब्याज के मिलता रहेगा।