जबलपुर: मध्य प्रदेश के जबलपुर जिले में किसान कल्याण एवं कृषि विभाग को बड़ी सफलता है। उन्होंने संयुक्त छापेमारी में एक दुकान से करीब 5000 किलो नकली खाद जब्त की है।
मामला भिटोनी इलाके का बताया जा रहा है। यहां स्थित सरस्वती फर्टिलाइजर के संचालक राहुल राठौर, एरिया मैनेजर रवींद्र चौरसिया व अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।
बड़वानी की कंपनी से हो रही थी सप्लाई
पुलिस ने मामला दर्ज करते हुए सभी आरोपियों की तलाश शुरू कर दी है। पुलिस प्रशासन की टीम ने बताया कि नकली खाद बड़वानी की एक कंपनी ने सप्लाई की थी।
50 किलो नकली खाद के 100 बैग मिले
पुलिस के मुताबिक छापेमारी के दौरान टीम को 50 किलो वजन वाले नकली डीएपी खाद के 100 बैग मिले। आरोपी इतनी भारी मात्रा में नकली खाद बाजार में बेचने के प्रयास में थे।
खाद सेंपल भेजा लैब
दुकान संचालक को डीएपी खाद बेचने की अनुमति थी, लेकिन बड़वानी स्थित कंपनी के साथ मिलीभगत कर वह डीएपी का जैविक विकल्प बेच रहा था। पुलिस ने बताया कि बैग पर निर्माण तिथि या कीमत की जानकारी अंकित नहीं थी। खाद का नमूना जांच के लिए लैब भेजा गया।
इन धाराओं में दर्ज हुआ मामला
आरोपियों के खिलाफ प्रशासन ने उर्वरक नियंत्रण आदेश 1985 की धारा 8 एवं 19 (सी) 2 का मामला दर्ज कराया है। इसके साथ ही आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 की धारा 3 (2) (डी) एवं धारा 7 और भारतीय न्याय संहिता की धारा 319 (2 ) और 318 (4 ) में एफआईआर दर्ज हुई है।
बोरियां ब्रांडेड… खाद नकली
मध्य प्रदेश के सतना इंडस्ट्रियल एरिया में ब्रांडेड खाद की बोरी बनाने का कृषि विभाग के अधिकारियों ने भंडाफोड़ किया है. एपीएल चेन्नई की बोरियों की नकली बैग तैयार कर अमानक खाद भरकर बेची जा रही थी. इस कार्रवाई के बाद जिले में हड़कंप मच गया है.
ये है पूरा मामला
दरअसल विभाग के अफसरों को सूचना मिली थी कि डीएपी यूरिया पोटाश नकली बनाई जा रही है. विंध्य और बुंदेलखंड क्षेत्र में इसकी सप्लाई होती है. सतना जिले में लगातार अमानक स्तर की खाद मिलने की शिकायत के बाद अफसरों ने इसका भंडाफोड़ करने के लिए एक प्लान बनाया. सतना शहर के इंडस्ट्रियल एरिया में शुक्रवार को कृषि, राजस्व और पुलिस की संयुक्त टीम ने साई कृपा फैक्ट्री में छापा मारा. इस दौरान ब्रांडेड खाद कम्पनी की नकली बोरी मिलीं. बोरियों की संख्या लगभग एक हजार है. विभाग ने बोरियां जब्त कर ली है.
एफआईआर भी दर्ज कराई
कृषि विभाग में लगातार अमानक स्तर की डीएपी और यूरिया खाद शिकायत मिल रही थी। कृषि विभाग इनके सैंपल लेकर लैब भेज रहा था। खाद अमानक मिल रही थी. ऐसे में विभाग ने एक दर्जन से ज्यादा विक्रेताओं पर एफआईआर भी दर्ज कराई.
SDM के नेतृत्व में पहुंची टीम
कृषि विभाग ने कलेक्टर को जानकारी दी और कलेक्टर सतना ने कृषि, राजस्व और पुलिस की टीम गठित कर छापामार कार्यवाही के निर्देश दिए. फैक्ट्री में एक हजार आईपीएल डीएपी की खाद की बोरी जब्त हुई. ये बोरी डीएपी कंपनी चेन्नई के नाम से बनाई गई थी. विभाग ने इस मामले में कोलगवा थाने में फैक्ट्री मालिक के खिलाफ मामला दर्ज कराया है . डीडीए मनोज कश्यप ने बतया कि बोरियों का निर्माण अवैध था और इससे खाद की कालाबाजारी की आशंका लग रही थी. वही डीएपी खाद के एरिया मैनेजर भी इस बात से इत्तफाक रख रहे हैं कि उनकी कंपनी को बदनाम किया जा रहा था.