धार्मिक मान्यतओं के अनुसार, रावण दहन के बाद उनकी राख को घर पर लाने की भी परंपरा है. दरअसल, रावण की भस्म को घर में रखने से नकरात्मक ऊर्जा का वास नहीं होता है और साथ ही कई रूके काम भी शुरू हो जाते हैं. यहां जानें इसके पीछे का रहस्य क्या है?
हिंदू धर्म में दशहरे का पर्व का बहुत खास होता है. इस त्योहार को देशभर में बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है. हिंदू पंचांग के अनुसार, आश्विन माह की दशमी तिथि 12 अक्टूबर, 2024 शनिवार के दिन दशहरा 2024 मनाया जाएगा. दशहरा यानी विजयादशमीके दिन मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम ने लंकापति रावण का वध करके सत्य को जिताया था. इसी के कारण दशहरे का त्योहार असत्य पर सत्य की जीत के जश्न के रूप में मनाया जाता है.
क्या आप जानते हैं कि रावण दहनके बाद उनकी बची हुई राख रूपी भस्म या फिर लकड़ी को घर पर लाने की भी परंपरा है. ऐसे में आइए इस प्रचलित परंपरा के बारे में यहां विस्तार से जानते हैं…
रावण दहन के बाद भस्म घर पर लाने की परंपरा
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, रावण दहन के बाद अगर आप उसकी राख यानी भस्म या फिर लकड़ी को अपने घर पर लाते हैं, तो घर में नकारात्मक ऊर्जा का वास नहीं होता है. साथ ही घर में धन स्थाई रूप से रुकने लगता है. इसके अलावा आपके घर में धन-धान्य में वृद्धि होती है और सुख-शांति भी बनी रहती है. रूके हुए काम भी धीरे-धीरे बनने लगते हैं.
दशहरा का शुभ मुहूर्त
पंचांग के मुताबिक, दशहरे के पूजा का शुभ मुहूर्त 12 अक्टूबर की सुबह 10 बजकर 58 मिनट से शुरू हो जाएगा और अगले दिन 13 अक्टूबर सुबह 9 बजकर 8 मिनट तक रहेगा. इस दौरान भक्त दशहरे की पूजा-अर्चना कर सकते हैं. वही, रावण दहन का शुभ मुहूर्त 12 अक्टूबर की शाम 5 बजकर 53 मिनट से शुरू होकर रात 7 बजकर 27 मिनट तक रहेगा.
दशहरा पर शस्त्र पूजन विधि
- प्रात: काल उठकर परिवार के सभी सदस्य स्नान कर लें.
- इसके बाद स्वच्छ वस्त्र धारण करें.
- सर्वप्रथम सभी शस्त्रों को पूजा के लिए निकाल ले.
- सभी शस्त्रों पर गंगाजल छिड़कर कर पवित्र करें.
- फिर सभी शस्त्रों पर हल्दी या कुमकुम से तिलक करें.
- पुष्प अर्पित करें.
- शस्त्र पूजन के समय फूलों के साथ शमी के पत्ते भी अर्पित करें.