‘जैसा बोओगे, वैसा ही काटोगे’…बीज उत्पादन बेहतर होगा तो फसल अच्छी होगी

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जिस तरह नींव मज़बूत होने पर ही कोई इमारत मज़बूत बनती है, वैसे ही बीज की क्वालिटी अच्छी होने पर ही फसल अच्छी होगी। प्रमाणित बीज खेती में अहम भूमिका निभाते हैं। ये वो बीज होते हैं जो बीज प्रमाणिकरण संस्था के सभी मानकों पर खरे उतरते हैं। प्रमाणित बीज आधार बीज की संतति होती है, जिसे प्रमाणीकरण संस्था द्वारा निर्धारित मानक के अनुसार पाये जाने पर प्रमाणित किया जाता है। प्रमाणित बीज उत्पादन अच्छी खेती और गुणवत्तापूर्ण फसल की नींव हैआपने वो कहावत तो सुनी ही होगी ‘जैसा बोओगे, वैसा ही काटोगे।’ खेती के संदर्भ में ये बाद बिल्कुल सटीक बैठती है। क्योंकि आप जैसा बीज बोएंगे वैसी ही फसल प्राप्त होगी, इसलिए अच्छी गुणवत्ता वाले बीज का होना बहुत ज़रूरी है। बीज उत्पादन बेहतर होगा तो फसल अच्छी होगी।

प्रमाणित बीज की थैलियों पर उत्पादक का दूधिया हरे रंग का लेबल और बीज प्रमाणीकरण संस्था का नीले रंग का टैग लगा होता है। इसमें संस्था के प्रतिनिधि के हस्ताक्षर होते हैं। प्रमाणित बीजों के उत्पादन से किसान खुद तो अच्छी कमाई कर ही सकते हैं, साथ ही दूसरों को भी गुणवत्तापूर्ण बीज उपलब्ध कराते हैं, जिससे किसानों को अच्छी उपज पाने में मदद मिलती है।

प्रमाणित बीज उपलब्ध कराने वाली संस्थाएं

हमारे देश में कई ऐसी संस्थाएं हैं जो किसानों को कम कीमत और सही समय पर प्रमाणित बीज उपलब्ध कराती हैं। ये संस्थाए हैं- राष्ट्रीय बीज निगम, राज्य बीज निगम, राज्य बीज प्रमाणिकरण संस्थाएं, कृषि विज्ञान केंद्र आदि।

प्रमाणित बीज उत्पादन 2

किसान खुद करें बीज उत्पादन

बीज के लिए दूसरों पर निर्भर रहने की बजाय अगर किसान खुद ही गुणवत्तापूर्ण बीज उत्पादन करें, तो उन्हें दोबरा लाभ होगा। एक तो फसल अच्छी होगी, दूसरा बीजों को बेचकर वो अतिरिक्त कमाई कर सकते हैं। गुणवत्तापूर्ण बीज के लिए किसान स्वस्थ पौधों के बीजों को अगली फसल के लिए सुरक्षित रखते हैं और उन्हें अच्छी तरह सुखाकर ही स्टोर किया जाता है।

बीजों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए बीज प्रमाणिकरण का प्रावधान है, जिसकी ज़िम्मेदारी प्रदेश की बीज प्रमाणीकरण संस्था पर है। किसान बीज उत्पादन के बाद इस संस्था से प्रमाणिकरण यानी गुणवत्ता का सर्टिफिकेट प्राप्त कर सकते हैं, जिसके बाद उनके बीजों की कीमत अपने आप बढ़ जाती है।

अच्छे बीज का चुनाव

अगर आप बीज उत्पादन के लिए फसल लगा रहे हैं, तो हमेशा बुवाई के लिए अच्छे बीजों का ही चुनाव करें। यानी जो पूरी तरह परिपक्व हों, सूखे हों और अंकुरण की क्षमता जिसमें ज़्यादा हो। ये कीट रहित हों और इसमें दूसरी फसल या खरपतवारों के बीज न मिले हों। साथ ही इसमें कंकड़-पत्थर भी मिले न हों।

खेत का चुनाव

अगर आप प्रमाणित बीज उत्पादन करना चाहते हैं तो ऐसे खेत में बुवाई करें जिसमें पिछले एक-दो साल से फसल न लगाई गई हो, वरना खेत में पड़े उसी फसल के बीज उग जाते हैं और बीज की अनुवांशिक गुणवत्ता खराब हो जाती है।

बीज स्रोत का सत्यापन

प्रमाणित बीजों के उत्पादन के लिए आधारीय बीजों का इस्तेमाल किया जाता है। बीज प्रमाणीकरण संस्था निरिक्षण के समय बिल, खाली बैग/थैली और टैग से बीज स्रोत का सत्यापन करती है।

फसल निरीक्षण ज़रूर करें

फूल निकलने या जब फसल पकने वाली हो तो उस अवस्था में फसलों का निरीक्षण बहुत ज़रूरी है। इस दौरान कम से कम दो बार निरिक्षण करना चाहिए। फसल निरीक्षण करते समय ये सुनिश्चित करें कि बीज फसल में अवांछित पौधे न हों, क्योंकि अगर अवांछित पौधे  तय सीमा से ज़्यादा होंगे तो फसल निरस्त कर दी जाएगी।

लैब में टेस्ट

बीज तैयार होने के बाद प्रमाणीकरण संस्था द्वारा नमूने लेकर लैब में टेस्ट के लिेए भेजा जाता है। अगर कोई नमूना यानि सैंपल बीज मानकों के अनुरूप न हो, तो उसे रिजेक्ट कर दिया जाता है। जो बीज सभी मानकों पर खरे उतरते हैं उन्हें सर्टिफिकेट दे दिया जाता है। नमूना पास हो जाने के बाद बीजों को निर्धारित पैकिंग में डाला जाता है और बीज पर प्रमाणीकरण संस्था से प्राप्त टैग लगाया जाता है।