किसान के बेटे हैं 5300 करोड़ रु की डील करने वाले डॉ. रेड्डीज लैब्स के मालिक

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एक किसान परिवार में जन्मे अंजी रेड्डी आज करोड़ों की संपत्ति के मालिक हैं. उनका जन्म आंध्र प्रदेश के गुंटूर जिले के ताडेपल्ली गांव में हुआ था. उनके पिता वैद्य थे.

दवा बनाने वाली भारतीय कंपनी डॉ. रेड्डीज लैब्स ने अब तक की सबसे बड़ी डील की है. उन्होंने सिगरेट छोड़ने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली निकोटिन का बिजनेस ब्रिटिश कंपनी हेलीऑन से खरीद लिया है. अमेरिका के अलावा पूरी दुनिया के लिए यह डील लागू होगी. ये डील 500 मिलियन पाउंड यानी लगभग 5275 करोड़ रुपये में हुई है.
निकोटिनेल ब्रांड के अंतर्गत निकोटिन च्युइंग- गम की पाउच और पैच शामिल है. इसके बारे में शेयर बाजार में डॉ रेड्डीज ने जानकारी दी. इस डील के बाद भारतीय दवा कंपनी की स्थिति दुनियाभर के मार्केट में मजबूत होगी. इस डील का पहला भुगतान 458 मिलियन पाउंड का होगा. इसके बाद अगला पेमेंट परफॉर्मेंस के बेस पर होगा. जो 42 मिलियन पाउंड का होगा.


डॉ. रेड्डीज लेबोरेटरीज की सफलता की कहानी

साल 1984 में अंजी रेड्डी ने डॉ. रेड्डीज लैब की नींव रखी थी. एक किसान परिवार में जन्मे अंजी रेड्डी आज करोड़ों की संपत्ति के मालिक हैं. उनका जन्म आंध्र प्रदेश के गुंटूर जिले के ताडेपल्ली गांव में हुआ था. उनके पिता वैद्य थे. साथ मे किसानी करते थे. जिसके कारण बचपन से ही दवाओं के प्रति उनका रुझान रहा.पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने इंडियन ड्रग्स एंड फार्मास्युटिकल्स में नौकरी की शुरुआत की. नौकरी करने के दौरान ही उनके मन में अपनी कंपनी शुरू करने का ख्याल आया. इसलिए उन्होंने साल 1984 कंपनी की शुरुआत करने की प्लानिंग की.

डॉ. रेड्डीज लैब की शुरुआत

साल 1984 में अंजी रेड्डी ने केमिनॉर ड्रग्स का अधिग्रहण किया. इसके बाद डॉ. रेड्डीज लैब की नींव रखी. बड़ी डील के बाद डॉ. रेड्डीज लेबोरेटरीज के शेयर में आज बंपर तेजी दर्ज हो रही है. बुधवार को यह शेयर 6068 रुपये पर बंद हुआ था. जो गुरुवार को 6038 रुपये पर खुला था. लेकिन कुछ देर बार ही यह स्टॉक 6193 रुपये पर पहुंच गया था. इस कंपनी का मार्केट कैप 1,03,263 करोड़ रुपये है.