मटर की खेती के लिए बुवाई का समय आ गया है. आमतौर पर सितंबर और अक्टूबर महीने में इसकी बुवाई की जाती है. किसान अभी इसकी बुवाई करने की तैयारी कर रहे हैं. सर्दियों के मौसम में मटर की खूब डिमांड रहती है. इसलिए किसान मटर की खेती करके मोटी कमाई कर सकते हैं. यदि किसान उन्नत किस्म का चुनाव करते हैं तो अच्छा उत्पादन हासिल किया जा सकता है.
ये हैं मटर की ख़ास चार किस्में
· मटर की काशी नंदिनी किस्म,
· मटर की ऑर्केट मटर किस्म,
· पंत मटर 155 किस्म,
· पूसा थ्री मटर किस्म.
मटर की खेती करने वाले किसान इन बातों का रखें ख़ास ध्यान
· सबसे पहले बेहतर किस्म का चुनाव करें. प्रति हैक्टेयर के हिसाब से बीज की मात्रा 70 से 80 किलो होनी चाहिए.
· इसके अलावा बौनी किस्म के लिए प्रति हैक्टेयर 100 किलो बीज की आवश्यकता होगी.
· बुवाई कतार बनाकर करें.· पौधे की दूरी 30X10 सेमी होनी चाहिए.· इसके बौनी किस्म के लिए पौधों के बीच की दूरी 22.5X10 सेमी होनी चाहिए.· लगभग 4 से 5 सेमी गहराई में बीजों की बुवाई करें.· रोग से बीजों को बचाने के लिए बुवाई करने से पहले फफूंदनाशक दवा थायरम और कार्बनडाजिम से बीजों को उपचारित करें.· बीज को उपचारित करने के लिए जैव उर्वरकों का इस्तेमाल करना चाहिए. 50 ग्राम गुड़ को आधा लीटर पानी में गुनगुना करें. इसके बाद इसे ठंडा करें और इससे बीजों को उपचारित करें.
· फसल की बुवाई से पहले मिट्टी का परीक्षण जरूर करवा लें.
· यदि आप मटर की ऊंचाई वाली किस्म का चुनाव करना चाहते हैं तो इसके लिए 40 किलो फास्फोरस, 20 किलो नाइट्रोजन, 40 किलो पोटाश के साथ ही 20 किलो सल्फर का इस्तेमाल करें.
वहीं मटर की बौनी किस्म की खेती के लिए 50 किलो फास्फोरस, 20 किलो सल्फर 20 किलो नाइट्रोजन, 50 किलो पोटाश का इस्तेमाल करें.