किसानों के लिए सरकार ने खोला खजाना….फॉस्फेटिक और पोटाश उर्वरकों पर 24 हज़ार करोड़ की सब्सिडी

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केंद्र सरकार ने रबी फसल सत्र 2024 (1 अक्टूबर 2024 से 31 मार्च 2025) के लिए फॉस्फेटिक और पोटैसिक (पी एंड के) उर्वरकों पर पोषक तत्व आधारित सब्सिडी (एनबीएस) दरों को मंजूरी दे दी है। यह निर्णय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में लिया गया।इस फैसले से किसानों को रियायती दरों पर उर्वरक उपलब्ध कराए जाएंगे, जिससे उन्हें सस्ती और आसान पहुंच में खाद मिल सकेगी। इसके लिए सरकार ने लगभग 24,475.53 करोड़ रुपये के बजट का प्रावधान किया है।

सरकार ने अंतरराष्ट्रीय बाजार में उर्वरकों की कीमतों में हो रहे बदलावों को ध्यान में रखते हुए यह फैसला लिया है, जिससे किसानों को रियायती दरों पर उर्वरक मिल सकें। 2010 से लागू पोषक तत्व आधारित सब्सिडी योजना के तहत, किसानों को 28 ग्रेड के उर्वरक उपलब्ध कराए जाते हैं।

केंद्र सरकार ने शुक्रवार को संसद भवन में एक सवाल के जवाब में कहा कि इस वित्तीय वर्ष में जनवरी तक उर्वरक सब्सिडी के रूप में उसने लगभग 1.71 ट्रिलियन रुपये खर्च किए हैं. लोकसभा में एक लिखित उत्तर में, रसायन और उर्वरक राज्य मंत्री भगवंत खुबा ने इसकी जानकारी दी है. उसने कहा कि सरकार किसानों को सस्ती कीमतों पर उर्वरकों की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए कई उर्वरकों पर सब्सिडी दे रही है. उन्होंने कहा कि वर्ष 2023-24 (31 जनवरी, 2024 तक) के लिए देश में उर्वरकों के लिए प्रदान की गई सब्सिडी 1,70,923 करोड़ रुपये है.

बिजनेस स्टैंडर्ड की रिपोर्ट के मुताबिक, मंत्री भगवंत खुबा ने कहा कि सरकार ने फॉस्फेटिक और पोटाश (पी एंड के) उर्वरकों के लिए 1 अप्रैल, 2010 से पोषक तत्व आधारित सब्सिडी (एनबीएस) नीति लागू की है. नीति के तहत, अधिसूचित पीएंडके उर्वरकों पर उनकी पोषक तत्व सामग्री के आधार पर वार्षिक/अर्धवार्षिक आधार पर तय की गई सब्सिडी की एक निश्चित राशि प्रदान की जाती है. इस नीति के तहत, उर्वरक कंपनियों द्वारा उचित स्तर पर बाजार की गतिशीलता के अनुसार पी (अधिकतम खुदरा मूल्य) तय किया जाता है, जिसकी निगरानी सरकार द्वारा की जाती है. इसके अनुसार, गरीब और सीमांत किसानों सहित भारत का कोई भी किसान जो इन उर्वरकों को खरीदता है, उसे सब्सिडी का लाभ मिलता है.