कृभको और नोवोनेसिस ने कृषि में जैविक समाधान उपलब्ध कराने के लिए मिलाया हाथ

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दुनिया की प्रमुख उर्वरक उत्पादक सहकारी कंपनी कृषक भारती सहकारी लिमिटेड (कृभको) और जैविक समाधानों के कारोबार में विश्व की अग्रणी कंपनी नोवोनेसिस ने आज एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए. दोनों संगठनों ने, इसके अंतर्गत कृषि-जैव समाधानों के क्षेत्र में सहयोग के ऐसे अवसरों का पता लगाने के लिए दीर्घकालिक प्रतिबद्धता की घोषणा की है, जिससे फसलों की उपज और खेत की मिट्टी की गुणवत्ता में सुधार होगा.कृभको और नोवोनेसिस ने भारतीय किसानों को जैविक समाधान प्रदान करने के लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं. इस साझेदारी के तहत, कृभको राइज़ोसुपर नामक माइकोरिज़ल जैव उर्वरक उपलब्ध कराया जाएगा, जो फसलों की वृद्धि और मिट्टी की गुणवत्ता सुधारने में सहायक होगा. भविष्य में, दोनों कंपनियां पादप-स्वास्थ्य में उपयोगी अन्य जैव समाधानों को भी पेश करने की योजना बना रही हैं.

इस सहयोग के पहले चरण में, भारत के किसानों को अपनी विभिन्न सभी फसलों के उपयोगी  नोवोनेसिस के स्वामित्व वाली एलसीओ (लिपो – चीटो – आलिगोसे केराइड्रस) प्रमोटर टेक्नोलॉजी वाला उन्नत माइकोरिज़ल जैव उर्वरक – ‘कृभको राइज़ोसुपर’ सुलभ कराया जाएगा. इसके बाद, अगले चरण में अपने उद्योग क्षेत्र की ये दोनों अग्रणी कंपनियां पादप-स्वास्थ्य में उपयोगी नोवोनेसिस के और भी जैव समाधानों को भारत में प्रस्तुत किए जाने की संभावनाओं का पता लगाएंगी. इसके अतिरिक्त,  नोवोनेसिस कृभको को उसकी जैवउर्वरक उत्पादन सुविधा को मजबूत करने और अपनी मुख्य माइक्रोबियल तकनीक की मदद से उत्पादों की तालिका को समृद्ध बनाने में भी सहायता करेगी.

कृभको राइजोसुपर’ में ऐसे प्रासंगिक एंड्रोमाइको राइजा (पौधों की जड़ों के लिए उपयोगी कवक या फफूंद) की प्रजातियों का एक अनूठा संयोजन शामिल होता है, जो नोवोनेसिस के स्वामित्व वाली एल. सी.ओ. प्रमोटर टेक्नोलॉजी पर आधारित है. यह जैव समाधान फसलों के लिए उपयोगी कवकों के गुच्छों का जड़ों के पास की मिट्टी में तेजी फैलाव करने मे सहायक होता है और राइजोस्फीयर (जड़ के आसपास की मृदा) में लाभकारी माइक्रोबियल (समक्ष्त जीवाणुओं की) गतिविधि को बढ़ाता है. इस प्रौद्योगिकी से पौधे की वृद्धि मजबूत होती है और मिट्टी की गुणवत्ता सुधारती है.

यह तकनीक फॉस्फेट वाले उर्वरक, अन्य पोषक तत्वों और पानी के व्यावहारिक उपयोग को संवर्धित करने में भी सहायक है. पौधों की जड़ों के आसपास की मिट्टी की गुणवत्ता सुधारने वाले उपयोगी फंगस गुच्छों के प्रसार में सहायक माइकोराइजल जैव उर्वरक राइजोसुपर को अपनी उत्पाद तालिका में शामिल करने से, देश में फसलों के लिए पोषक तत्वों की अग्रणी आपूर्तिकर्ता के रूप में, कृभको की शक्ति और बढ़ गयी है.

एल.सी.ओ. एक सिग्नलिंग पदार्थ है, जो कृषि क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण नवाचार के रूप में उभर रहा है. यह विशेष रूप से भारत में ऐसी जगहों के लिए विशेष उपयोगी है जहां किसानों को मिट्टी में कार्बन की कमी, अनुचित उर्वरक उपयोग और अनियमित मौसम पैटर्न जैसी कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है. यह तकनीक पौधों की प्राकृतिक प्रक्रियाओं को बढ़ाती है, और पौधों और मिट्टी के सूक्ष्मजीवों के बीच संचार में सहायक होती है. इस तरह का संचार संबंध पौधों के लिए पोषक तत्वों के अवशोषण और उनके समग्र स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण हैं.

इस साझेदारी के बारे में जानकारी देते हुए कृभको के प्रबंध निदेशक एम.आर. शर्मा ने कहा, “यह साझेदारी एक नए युग की शुरुआत करेगी, जिसमें भारतीय किसानों को अत्याधुनिक जैव कृषि समाधान सुलभ होंगे. कृभको अपने किसानों को अभिनव कृषि जैव समाधानों के साथ उनको ताकतवर बनाने के लिए प्रतिबद्ध है. आधुनिक कृषि जैविक समाधान न केवल फसलों की उपज और मिट्टी की गुणवत्ता को बढ़ाते हैं, बल्कि पारिस्थितिकी की दृष्टि से स्वस्थ तरीकों से की जाने वाली कृषि के उद्देश्य को भी पूरा करते हैं. हमारा मानना है कि हमारी मिट्टी का स्वास्थ्य हमारे राष्ट्र के स्वास्थ्य का प्रत्यक्ष प्रतिबिंब है. कृभको राइजोसुपर को अपनाकर, भारतीय किसान न केवल अपनी फसल की पैदावार में सुधार कर रहे हैं, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए समृद्ध भविष्य सुनिश्चित करते हुए हमारी भूमि के संरक्षक भी बन रहे हैं.”

नोवोनेसिस के प्लैनेटरी हेल्थ बायोसॉल्यूशंस को देखने वाले वरिष्ठ उपाध्यक्ष (पश्चिम एशिया, भारत और अफ्रीका बाजार) कृष्ण मोहन पुव्वाडा ने कहा, “हम भारत में अग्रणी किसान सहकारी समितियों में से एक कृभको के साथ मिलकर एक अद्वितीय और अभिनव माइकोरिज़ल बायोफर्टिलाइज़र पेश करने को लेकर उत्साहित हैं. कृषि में जैव समाधानों की शक्ति का उपयोग करके, हम न केवल  फसल पैदावार बेहतर के लिए नवाचार कर रहे हैं, बल्कि एक स्वस्थ भविष्य के लिए भी काम कर रहे हैं. हमारी प्रतिबद्धता ऐसे जैविक-समाधान विकसित करने की है जो रसायनों पर निर्भरता को कम करते हैं, मिट्टी के स्वास्थ्य को फिर से जीवंत करते हैं और एक संतुलित पारिस्थितिकी तंत्र में योगदान करते हैं. यह साझेदारी जलवायु परिवर्तन से उत्पन्न चुनौतियों का समाधान करने, खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने और भारत में एक टिकाऊ कृषि का मार्ग प्रशस्त करने में महत्वपूर्ण है.

इस साझेदारी को दोनों कंपनियों की विशेषज्ञता से लाभ होगा. किसानों के साथ कृभकों का मजबूत संपर्क, उसके व्यापक वितरण नेटवर्क और कृषि विशेषज्ञता, साथ ही नोवोनेसिस की वैज्ञानिक विरासत और जैविक समाधानों का गतिशील पोर्टफोलियो, इस साझेदारी में सहायक होगा.“