मानसून की अच्छी वर्षा के चलते बांधों, जलाशयों और फॉर्म पौंड में पानी की भरपूर उपलब्धता ने फसलों के क्षेत्रफल में वृद्धि की संभावना को मजबूत किया है।खरीफ फसलों की कटाई के बाद ही किसान भाई रबी फसलों की तैयारी में जुट जायेंगे। रबी फसलों की पैदावार में वृद्धि करने के लिए किसानों द्वारा डीएपी खाद का उपयोग सबसे ज्यादा करते है।लेकिन क्या आपको पता है की, डीएपी खाद से भी कई बेहतर एक खाद है, जिसे एसएसपी – सिंगल सुपर फास्फेट के नाम से जाना जाता है।राजस्थान कृषि विभाग ने किसानों को डीएपी की बजाय सिंगल सुपर फास्फेट (एसएसपी) और यूरिया के उपयोग पर ध्यान केंद्रित करने की सलाह दी है।
ऐसे में हम आपको यहां बताएंगे की, डीएपी से सिंगल सुपर फास्फेट Rabi Fertilizer बेहतर क्यों है। इसके फायदे क्या है। इसे कब-कितना डाला जाता है एवं इसकी कीमत क्या है। आइए आपको बताते है पूरी डिटेल…
डीएपी की जगह एसएसपी एवं यूरिया डालें : कृषि विभाग
कृषि अधिकारी अशोक कुमार मीणा ने किसानों को सलाह दी है कि वे बुवाई के समय डीएपी खाद के विकल्प के रूप में 1 बैग डीएपी के स्थान पर 3 बैग सिंगल सुपर फास्फेट (एसपी) व 1 बैग यूरिया का उपयोग करें।सिंगल सुपर फास्फेट में उपलब्ध फास्फोरस तत्व के अलावा अन्य आवश्यक पोषक तत्व यथा- सल्फर, जिंक सल्फेट, बोरोन आदि पोषक तत्व भी उपलब्ध होते हैं।
3 बैग सिंगल सुपर फास्फेट एवं 1 बैग यूरिया में उपलब्ध पोषक तत्वों की लागत डीएपी में उपलब्ध पोषक तत्वों की लागत से कम होती है। वर्तमान में उपयोग हो रहे उर्वरकों से N: P: K के आदर्श अनुपात 4:2:1 का असंतुलन भी हो रहा है। भूमि की उर्वरा शक्ति बनाए रखने एवं उर्वरकों के उपयोग में मुख्य पोषक तत्वों अर्थात N:P:K का अनुपात 4:2:1 बनाए रखने हेतु डीएपी के स्थान पर एसएसपी+यूरिया के अलावा एनपीके कॉम्प्लेक्स उर्वरक के विभिन्न ग्रेडस यथा – एनपीके 12:32:16, 20:20:0:13, 19:19: 19, 16:16:16, 15:15:15 आदि का उपयोग करना चाहिए।
उर्वरा शक्ति बढ़ाने के लिए कार्बनिक खादों का अधिक से अधिक उपयोग करने पर जोर दिया गया है, जिसमें गोबर खाद, वर्मी कम्पोस्ट, और नैनो यूरिया और नैनो डीएपी जैसे न्यूएज तरल उर्वरकों का उपयोग शामिल है। किसान अपने खेतों से मिट्टी के नमूने की जांच के आधार पर मृदा स्वास्थ्य कार्ड के अनुसार उर्वरकों का सही उपयोग करें, ताकि फसल उत्पादन में वृद्धि हो सके और उर्वरक की लागत को कम किया जा सके।
किसानों के लिए वरदान है SSP खाद
आपको यूरिया के बारे में तो सबकुछ पता होगा। लेकिन यह अवश्य जान ले की एसएसपी का उपयोग क्या है एवं इसके क्या फायदे है।डीएपी के बाद सिंगल सुपर फॉस्फेट (SSP) सबसे लोकप्रिय फॉस्फेटिक उर्वरक है क्योंकि इसमें कई सूक्ष्म पोषक तत्वों के निशान के साथ-साथ फॉस्फोरस, सल्फर और कैल्शियम जैसे 3 प्रमुख पौधे पोषक तत्व होते हैं।इसीलिए सिंगल सुपर फास्फेट कम लागत में अधिक पैदावार लेने के लिए कृषि के लिए वरदान साबित होगा। अब किसान डीएपी खाद के बजाय अब सिंगल सुपर फास्फेट खाद का प्रयोग अधिक कर रहे हैं।
क्या है SSP खाद :- भारत में मल्टी-न्यूट्रिएंट के साथ 11% सल्फर के अतिरिक्त न्यूट्रिएंट के साथ प्रमुख सामग्री के रूप में 16% P2O5 शामिल है, ट्रेस में 21% कैल्शियम और मिनरल रहता है। फॉस्फोरस को प्राथमिक पोषक तत्व माना जाता है।
क्योंकि पौधे के विकास के लिए यह आवश्यक है और क्योंकि फसलों द्वारा आवश्यक मात्रा कई मिट्टी में उपलब्ध फास्फोरस की आपूर्ति के सापेक्ष बड़ी है।
उपलब्ध फास्फोरस की प्रचुर मात्रा में आपूर्ति उचित रूट विकास और जोरदार प्रारंभिक विकास को भी प्रोत्साहित करती है।
किस तरह उपयोग होता है एसएसपी खाद
फसलों में फॉस्फोरस, नत्रजन एवं सल्फर तत्व उपलब्ध करवाने के लिये डीएपी+सल्फर के विकल्प के रूप में यदि एसएसपी+यूरिया का उपयोग किया जाता है, तो डीएपी + सल्फर से कम मूल्य पर अधिक नाईट्रोजन, फॉस्फोरस एवं सल्फर प्राप्त किया जा सकता है।
इसके लिए 1 बैग डीएपी+16 कि.ग्रा. सल्फर के विकल्प के रूप में 3 बैग+1 बैग यूरिया का प्रयोग किया जाता है, तो इससे भी कम मूल्य पर अधिक नाईट्रोजन, फॉस्फोरस एवं सल्फर प्राप्त किया जा सकता है।इसलिए कृषि विशेषज्ञों ने कृषकों को सलाह दी है कि डीएपी के स्थान पर एसएसपी Rabi Fertilizer एवं यूरिया का प्रयोग करें।
अब महंगा मिलेगा सिंगल सुपर फास्फेट
मार्कफेड एवं उर्वरक समन्वय समिति की बैठक में सिंगल सुपर फॉस्फेट की कीमतों में वृद्धि की गई है। जिनकी कीमतें दर जाती कर दी गई है।बता दें की, 50-50 केजी वाले दानेदार एवं पावडर सिंगल सुपर फास्फेट सहित 6 किस्मों के भाव में इजाफा किया गया है।