बड़वानी में केला फसल की स्मार्ट फार्मिंग एवं निर्यात विषय पर परिसंवाद 

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जैन इर्रिगेशन सिस्टम लि. व श्री साई ट्रेडर्स बड़वानी के संयुक्त तत्वावधान में केला फसल की स्मार्ट फार्मिंग एवं निर्यात विषय पर परिसंवाद आयोजित किया गया केला उत्पादन तंत्रज्ञान पर आयोजित इस केला संगोष्ठी के विशेष अतिथि व मार्गदर्शक अंतर्राष्ट्रीय केला विशेषज्ञ व जैन इरिगेशन के वाइस प्रेसिडेंट डॉ के बी पाटिल थे। इस गोष्ठी में उद्यानिकी विभाग से श्री पी सी गंगारेकर के अलावा क्षेत्र के प्रगतिशील कृषक श्री काशीराम काका, श्री तुलसीराम यादव व श्री मधुसूदन पाटीदार भी मौजूद थे । इस संगोष्ठी में बड़वानी, धार व खरगोन जिले के लगभग 700 किसान उपस्थित हुए ।

पौधे से लेकर उत्पादन तक की जानकारी दी – डॉ पाटिल ने केले के पौधे लगाने से लेकर आधुनिक केला उत्पादन तंत्र, बंच  व्यवस्थापन , बड़ इंजेक्शन, बंच स्प्रे  व्यवस्था , फ्रूट केयर मैनेजमेंट, पैक हाउस ऑपरेशन और निर्यात जैसे विषय पर किसानों को विस्तार से जानकारी दी । डॉ पाटिल ने सीएमवी वायरस व फल पर पिटिंग जैसी बीमारी व सिगाटोका आदि से बचने और अधिक  उत्पादन करने की टेक्नोलॉजी पर विस्तार से प्रकाश डाला। डॉ पाटिल ने बताया कि निमाड़ क्षेत्र के केला उत्पादक किसान आधुनिक तंत्रज्ञान से केले की खेती करते  हैं। ड्रिप इरिगेशन  के माध्यम से पानी एवं न्यूट्रिएंट्स का व्यस्थापन करके बड़े पैमाने पर टिशू कल्चर तंत्रज्ञान का प्रयोग करते हें ,जिससे इन तीनों जिलों के केले की गुणवत्ता बहुतअच्छी  है ,किन्तु  साथ ही किसानों को अंतर्राष्ट्रीय दर्जे का फ्रूट केयर मैनेजमेंट भी करना चाहिए। केले का निर्यात बढ़ाने के लिए केले की गुणवत्ता को बरकरार रखना  बहुत आवश्यक है। डॉ पाटिल ने भविष्य की सुविधाओं का जिक्र कर कहा कि आने वाले समय में  हर बड़े किसान को अपने खेत पर ही खुद का पैक हाउस लगाना चाहिए। पैकिंग किए हुए केले का  छ घंटे के अंदर  पल्प का तापमान 13 डिग्री होना चाहिए। इसके लिए हर क्षेत्र में एक बड़ा सामूहिक कोल्ड स्टोरेज और प्री कूलिंग की व्यवस्था भी होना चाहिए। उन्होंने कहा कि आगामी 5 वर्षों में बड़वानी जिला केला निर्यात का एक बहुत बड़ा गढ़  बन जाएगा।

श्री गंगारेकर द्वारा विभागीय योजनाओं के बारे में जानकारी साझा की गई। केले से जुड़ी सम्पूर्ण जानकारी पाकर सभी किसान संतुष्ट  हुए। इस कार्यक्रम को सफल बनाने  में कंपनी के एग्रोनॉमिस्ट  श्री अज़हर ज़ैदी, साई ट्रेडर्स से श्री सक्कु दरबार, श्री रमेश काका, श्री महेन्द्र काका, श्री सम्राट सोलंकी, श्री हरदीप सोलंकी, श्री संतोष  लछेटा  आदि किसानों का योगदान रहा।