कैसर के खेत देखना किसी सपने जैसाही होता है। सर्दियों के अंत तक केसर के खेतों में बैंगनी रंग के फूलों का गलीचा बिछ जाता है। जानकर हैरानी होगी कि 450 ग्राम केसर बनाने के लिए तकरीबन 75 हजार जाफरान के फूलों की जरूरत होती है। इसलिए इसे दुनिया का सबसे महंगा मसाला माना जाता है।
रोचक किस्सा यह है कि सन् 1374 में स्विटजरलैंड तथा ऑस्ट्रिया के बीच केसर के कारण युद्ध हुआ जो 15 हफ्तों तक चला। केसर के नाम से चले अनोखे युद्धका नाम सेफ्रॉन वार था। इसी तरह केसर के चर्चे जब अन्य देशों में फैलने लगे तो अफगानिस्तान में अफीम की पैदावार को रोकने के लिए केसर की खेती के आदेश दिए गए। नतीजा यह हुआ कि यह अभियान सफल भी हुआ। एक ऐतिहासिक तथ्य में तो यहां तक कहा गया है कि मध्यकाल में कुछ लोगों ने नकली केसर बनाने की जुर्रत की तो उन्हें सजा के तौर पर मृत्युदंड दिया गया। केसर की लोकप्रियता के अनेक किस्सों में यह किस्सा भी मशहूर है कि मिस्र की एक रानी केसर से बने कास्मेटिक ही उपयोग में लाती थी।
इसी तरह अपनी थकान को दूर करने के लिए रोम के राजा महाराजा तथा उच्च कुल के लोग केसर से बने तकियों का इस्तेमाल करते थे ताकि केसर की भीनी-भीनी खुशबू से गहरी नींद आए। एक समय में तो ईरान के लोग कपड़ा बनाने में केसर का इस्तेमाल करते थे, इससे सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि केसर की पैदावार कितनी होती होगी। इतनी खपत तथा गुणों वाली केसर का नाम इंग्लैंड के एसेक्स टाउन ऑफ चिपिंग वाल्डेन में इतना लोकप्रिय हुआ कि उन्होंने इस जगह का नाम बदलकर ‘सेफ्रान वाल्डेन’ रख दिया। केसर की खेती भारत में मुख्यतः कश्मीर में होती है, वैसे ईरान भी इसका उत्पादक देश है।