बुंदेलखंड की पथरीली जमीन पर ड्रैगन फ्रूट की खेती

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बुंदेलखंड में ललितपुर जिला किसानों की बदहाली के लिए कुख्यात रहा है. इस इलाके की अनुपजाऊ जमीनों पर किसानों के लिए खेती में मुनाफे के बजाय घाटे का खतरा हमेशा बना रहता है. ऐसे में सरकार इस इलाके में बागवानी फसलों को प्रोत्साहित कर रही है. यहां के युवा किसान फल और सब्जियों की खेती से आय में इजाफा करने के प्रयोग कर रहे हैं. ऐसे ही एक युवा किसान ने ललितपुर जिले के तालबेहट इलाके में ड्रैगन फ्रूट की खेती का सफल प्रयोग कर अन्य किसानों के लिए उम्मीद बढ़ाई है. पेशे से IT Expert घनश्याम मुराई, ललितपुर जिले के किसानों के लिए इस उम्मीद के वाहक बने हैं. महाराष्ट्र में पुणे के रहने वाले मुराई ने Successful Farmer बनने के लिए खेती के लिहाज से सबसे ज्यादा चुनौती भरे बुंदेलखंड क्षेत्र को चुना है. उन्होंने इस इलाके में अनुपजाऊ और पथरीली जमीन वाले तालबेहट क्षेत्र में 4 साल पहले फलों की खेती शुरू की थी. उनके द्वारा शुरू किया गया Integrated Farming का य‍ह प्रयोग अब ड्रैगन फ्रूट की खेती तक पहुंच गया है.

शुरू किया प्रयोग

मुराई ने बताया कि उन्होंने कोरोना काल में पुणे से अपनी नौकरी छोड़ कर ललितपुर जिले के बिजरौठा गांव में 10 एकड़ बंजर जमीन खरीद कर खेती करना शुरू किया था. एक साल तक इस जमीन को खेती करने लायक बनाने के बाद उन्होंने झांसी स्थ‍ित रानी लक्ष्मीबाई केंद्रीय कृष‍ि विश्वविद्यालय के सहयोग से फल और सब्जी की खेती शुरू की. वह पूरी तर‍ह से Chemical Free Farming कर रहे हैं.

मुराई ने बताया कि पिछले साल विश्वविद्यालय के कृष‍ि वैज्ञानिक डॉ रंजीत पाॅल के प्रोत्साहन पर उन्होंने ड्रैगन फ्रूट की खेती करने का फैसला किया. इस काम में विश्वविद्यालय द्वारा तकनीकी सहयोग मिलने के बाद उन्होंने अपने खेत के एक एकड़ टुकड़े में ड्रैगन फ्रूट की खेती शुरू की. इसके लिए उन्होंने एक एकड़ में 65 पोल लगाए. हर पोल पर ड्रैगन फ्रूट के 4 पौधे लगाए गए हैं. लागत के लिहाज से ड्रैगन फ्रूट की खेती को किसानों के लिए बेहतर बताते हुए मुराई ने कहा कि प्रत्येक पोल की कीमत 650 रुपए और प्रत्येक पौधे की कीमत 40 रुपये के हिसाब से 46,150 रुपये लागत आई. इसमें दवा आदि का खर्च मिलाकर कुल लागत 55 हजार रुपये तक पहुंच गई.

उन्होंने बताया कि जुलाई माह में पौध लगाने के बाद जनवरी में Flowering और मार्च अप्रैल तक Fruiting होने लगती है. ड्रैगन फ्रूट के एक पेड़ में 8 से 10 फल लगते हैं. उनके खेत में 260 पेड़ लगे हैं. इस प्रकार औसतन एक Fruiting Season में 2500 तक फल मिल जाते हैं. बाजार में ड्रैगन फ्रूट के एक फल की कीमत 80 से 10 रुपये तक मिलती है. इससे एक एकड़ खेत में ड्रैगन फ्रूट की खेती करने पर औसतन 1.5 लाख रुपये तक का मुनाफा मिल जाता है.

लंबे समय का निवेश

मुराई ने बताया कि ड्रैगन फ्रूट की खेती One Time Investment है. इसका पौधा औसतन 20 साल तक फल देता है. इस प्रकार इसकी खेती में एक बार निवेश करने पर 20 साल तक सिर्फ दवा और सिंचाई के खर्च को छोड़कर कोई अन्य व्यय नहीं होता है. इस प्रकार ड्रैगन फ्रूट की खेती को Long Term Investment भी माना जाता है.

इतना ही नहीं, ड्रैगन फ्रूट के खेत में दो पोल के बीच पर्याप्त जगह खाली रहने के कारण खाली जगह में आसानी से अन्य फल या सब्जियों की भी खेती की जा सकती है. इससे एक ही खेत में Multi crop का भी लाभ लिया जा सकता है.

उन्होंने बताया कि ऊबड़ खाबड़ जमीनों वाले Bundelkhand में फलों की खेती किसानों के लिए मुनाफे का सौदा साबित हो रही है. खासकर Climate Change के दौर में खट्टे फलों की खेती इस इलाके के लिए सबसे उपयुक्त मानी जाती है. इस लिहाज से बुंदेलखंड की जलवायु ड्रैगन फ्रूट की खेती के लिए बिल्कुल उपयुक्त है.

मुराई ने बताया कि इस इलाके में खेती से हताश और निराश हो चुके किसानों को Horticulture Department की ओर से भी ड्रैगन फ्रूट सहित अन्य फल एवं सब्जियों की खेती के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है. इसके लिए किसानों विभिन्न योजनाओं के जरिए तकनीकी एवं वित्तीय मदद भी दी जाती है.