पार्टी से डांट पड़ी, अब भविष्य में सावधानी रखूंगी…कंगना रनौत ने दी सफाई

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एक्ट्रेस से सांसद बनीं कंगना रनौत ने कहा है कि अभी हाल में ‘बांग्लादेश और किसानों’ के बयान पर अपनी पार्टी से उन्हें डांट पड़ी और वे भविष्य में ऐसी बातें बोलने से पहले सावधानी बरतेंगी. ‘आजतक’ को दिए एक इंटरव्यू में कंगना रनौत ने ये बातें कही हैं. कंगना ने कहा, वह भविष्य में अपने शब्दों के चुनाव को लेकर अधिक सावधानी बरतेंगी. कंगना ने कहा कि मुझे इस मामले में पार्टी नेतृत्व से डांट पड़ी थी. मैं भविष्य में अपने शब्दों को लेकर अधिक सतर्कता बरतूंगी.

मंडी से सांसद कंगना रनौत ने हाल ही में किसान आंदोलन की तुलना बांग्लादेश में हिंसा के हालातों से की थी. उनके इस बयान से भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने असहमति जताते हुए उन्हें आगाह किया था कि वह भविष्य में इस तरह की बयानबाजी नहीं करें. कंगना रनौत ने एक वीडियो पोस्ट में बताया था कि किसान आंदोलन के दौरान लाशें देखी गईं और बलात्कार जैसी घटनाएं भी देखी गईं. कंगना ने कहा था कि अगर देश में मोदी सरकार नहीं होती तो आज बांग्लादेश जैसे हालात होते. कंगना रनौत के इस बयान पर भारी सियासी बवाल देखा जा रहा है.

बयान पर कांग्रेस का विरोध

कांग्रेस ने इस मुद्दे को पुरजोर ढंग से उठाया है. संसद में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने कंगना के बहाने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी पर हमला बोला. इन दोनों को किसान विरोधी बताया और सार्वजनिक रूप से माफी मांगने की मांग की. इसके साथ ही किसान संगठनों ने भी बीजेपी पर करारा हमला बोला. किसानों ने कंगना रनौत का सार्वजनिक रूप से बहिष्कार करने की अपील की. किसान यूनियनों ने इस मामले में कंगना रनौत पर कार्रवाई करने और पीएम मोदी की तरफ से माफी मांगने की अपील की.

इसी मामले में कांग्रेस सांसद रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि अगर उनकी सरकार आती है तो आंदोलन के दौरान मारे गए 750 किसानों को शहीद का दर्जा दिया जाएगा. सुरजेवाला ने यह भी कहा कि उनकी सरकार बनी तो वे शहीद किसानों के परिजन को सरकारी नौकरी देंगे. हरियाणा विधानसभा चुनाव को देखते हुए कंगना रनौत के बयान पर विवाद और बवाल का दौर जारी है.

राहुल का कोई विजन नहीं

कंगना रनौत ने कहा कि राहुल गांधी के पास कोई विजन नहीं है. उनका खुद का कोई रास्ता नहीं है. वह टोटल Mess हैं. वह अपने व्यवहार में भी इसी तरह के हैं और उनके भाषणों में भी इसी तरह की गड़बड़ी देखने को मिलती है. कंगना ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की तुलना में राहुल का रास्ता बिल्कुल अलग है. ऐसा लगता है कि उनके पास किसी तरह के ठोस विचार नहीं हैं, जिस तरह के किसी नेता के होने चाहिए. वह सिर्फ कुर्सी के पीछे हैं और हर बार अपना रास्ता बदल लेते हैं.

आंदोलन में मारे गए 750 किसानों को शहीद का दर्जा देंगे और परिजन को नौकरी भी, कांग्रेस का ऐलान

BJP सांसद कंगना रनौत के बयान पर हंगामा जारी है. एक तरफ किसान संगठनों ने कंगना के बयान पर पीएम मोदी से माफी मांगने की मांग की है तो दूसरी ओर कांग्रेस ने कहा है कि आंदोलन में मारे गए किसानों को शहीद दर्जा दिया जाएगा और परिवार के मेंबर को नौकरी भी.

भारतीय जनता पार्टी (BJP) सांसद कंगना रनौत के विवादित बयान के बीच कांग्रेस ने एक बड़ी घोषणा की है. कांग्रेस के सांसद और जनरल सेक्रेटरी रणदीप सुरजेवाला ने कहा है कि किसान आंदोलन के दौरान जिन किसानों ने अपनी जान गंवाई है, कांग्रेस की सरकार बनने पर उन 750 किसानों को शहीद का दर्जा दिया जाएगा और उनके परिवार के एक सदस्य को नौकरी भी दी जाएगी. सुरजेवाला का यह बयान मंडी से बीजेपी सांसद कंगना रनौत के उस बयान के बाद आया है जिसमें उन्होंने किसानों पर आरोप लगाए और ‘टंगी हुई लाशें और बलात्कार’ का जिक्र किया. उन्होंने कहा कि अगर मौजूदा सरकार न होती तो किसान आंदोलन की वजह से देश में बांग्लादेश जैसे हालात बन जाते. उनके इस बयान पर सियासी हलचल मच गई है. हालांकि बीजेपी ने कंगना के बयान से पल्ला झाड़ते हुए कहा कि उन्हें भविष्य में ऐसी बयानबाजी न करने की सख्त हिदायत दी गई है.

आइए जान लेते हैं कि कंगना रनौत ने अपने बयान में क्या कहा. बीजेपी सांसद ने कहा कि अगर मोदी सरकार न होती तो देश में किसान आंदोलन से बांग्लादेश जैसे हालात बन जाते. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक वीडियो शेयर करते हुए कंगना ने आरोप लगाया कि तीन कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन में ‘लाशें टंगी हुई देखी गईं और बलात्कार हो रहे थे’. कंगना रनौत ने किसान आंदोलन में विदेशी ताकतों के शामिल होने का भी आरोप लगाया. उन्होंने विरोध प्रदर्शन को विदेशी शक्तियों की साजिश बताया.

कांग्रेस का ऐलान

कांग्रेस सांसद रणदीप सुरजेवाला ने कंगना के इसी बयान पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए एक्स पर लिखा है, ‘किसानों को बलात्कारी और हत्यारी बतानेवाली बीजेपी कान खोलकर सुन ले. किसान आंदोलन के दौरान जिन किसानों ने अपनी जान गवाई है, कांग्रेस की सरकार बनने पर उन 750 किसानों को शहीद का दर्जा दिया जाएगा और उनके परिवार के एक सदस्य को नौकरी भी दी जाएगी.’

  • कुछ ऐसी ही प्रतिक्रिया संसद में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने भी दी है. वे एक्स पर लिखते हैं, ‘किसानों से किए वादों को पूरा करने में नाकाम मोदी सरकार का दुष्प्रचार तंत्र लगातार किसानों का अपमान करने में जुटा हुआ है. 378 दिन चले मैराथन संघर्ष के दौरान 700 साथियों का बलिदान देने वाले किसानों को भाजपा सांसद द्वारा बलात्कारी और विदेशी ताकतों का नुमाइंदा कहना भाजपा की किसान विरोधी नीति और नीयत का एक और सबूत है’.

राहुल गांधी का बयान

राहुल गांधी ने आगे लिखा, ‘ये शर्मनाक किसान विरोधी बोल पश्चिमी उत्तरप्रदेश, हरियाणा और पंजाब समेत पूरे देश के किसानों का घोर अपमान है, जिसे किसी भी सूरत में स्वीकार नहीं किया जा सकता. किसान आंदोलन वापस लेते समय बनी सरकारी समिति आज भी ठंडे बस्ते में है, MSP पर सरकार अपना रुख आज तक साफ नहीं कर सकी, शहीद किसानों के परिवारों को किसी तरह की राहत नहीं दी गई और ऊपर से लगातार उनका चरित्र हनन जारी है.अन्नदाताओं का निरादर और उनके मान सम्मान पर हमला करने से किसानों से किया गया मोदी सरकार का धोखा छुप नहीं सकता. नरेंद्र मोदी और भाजपा कितनी भी साजिश कर लें – INDIA किसानों को MSP की कानूनी गारंटी दिलवा कर रहेगा.’

कांग्रेस नेताओं के अलावा किसान संगठनों ने भी कंगना के बयान की घोर निंदा की है और सरकार से माफी मांगने की मांग की है. इस पर संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) ने कहा है कि कंगना के बयान पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद माफी मांगें. 

एसकेएम की मांग

एसकेएम ने एक प्रेस रिलीज में कहा है, ‘यह बेहद दुखद है कि किसानों को गाली देने की आदत रखने वाली यह सांसद अब भारतीय किसानों को हत्यारा, बलात्कारी, षड्यंत्रकारी और देशद्रोही कहने की चरम हद तक पहुंच गई है. यह आश्चर्य की बात नहीं है कि यह सांसद इस तरह की ऊटपटांग बातें कर रही हैं, क्योंकि दिल्ली की सीमाओं पर एसकेएम के नेतृत्व में चले ऐतिहासिक कॉर्पोरेट विरोधी किसान आंदोलन को अपमानित और बदनाम करना  भाजपा की लंबे समय से नीति रही है. अपमान और जानबूझकर उकसावे के बावजूद, एसकेएम ने हमेशा यह सुनिश्चित किया है कि भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के किसान विरोधी कानूनों और कॉर्पोरेटपरस्त नीतियों के खिलाफ किसानों का विरोध शांतिपूर्ण, वैधानिक और भारत के संविधान में निहित मौलिक अधिकारों के अनुसार चले.’

SKM ने कहा, ‘एसकेएम मांग करती है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद अपनी पार्टी के एक सांसद द्वारा की गई निंदनीय और झूठी टिप्पणियों के लिए भारत के किसानों से माफ़ी मांगें. प्रधानमंत्री अपनी पार्टी और उसके सदस्यों को देश को खाद्य सुरक्षा प्रदान करने वालों ‘भारत के अन्नदाताओं’ के साथ दुर्व्यवहार करने की अनुमति न दें. यह न केवल प्रधानमंत्री का संवैधानिक कर्तव्य है, बल्कि भारत के लोग उनसे इससे कम की उम्मीद भी नहीं करते हैं.’