तेलंगाना में फार्मा विलेज बना मुसीबत, किसानों ने जहर के साथ किया प्रदर्शन 

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तेलंगाना के विकाराबाद जिले के कोडंगल क्षेत्र में उस समय स्थिति तनावपूर्ण हो गई जब यहां के किसानों ने एक फार्मा विलेज के खिलाफ प्रदर्शन किया. किसान यहां पर बनने वाले फार्मा विलेज के खिलाफ लगातार आक्रामक रुख अपनाए हुए हैं. उनका कहना है कि इस विलेज के लिए वो मरना पसंद करेंगे लेकिन अपनी जमीन हरगिज नहीं छोड़ेंगे. यह विरोध प्रदर्शन उस समय अनियंत्रित हो गया जब एक महिला किसान थुरपु राजम्मा ने दुद्याला मंडल राजस्व अधिकारी (एमआरओ) ऑफिस के बाहर कीटनाशक की बोतल लेकर विरोध प्रदर्शन किया. किसानों के विरोध प्रदर्शन ने मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी के निर्वाचन क्षेत्र कोडंगल में मौजूद अशांति और असंतोष को सामने लाकर रख दिया है. प्रस्तावित फार्मा विलेज प्रोजेक्‍ट को किसानों की तरफ से कड़े विरोध का सामना करना पड़ा है. किसानों का तर्क है कि भूमि अधिग्रहण योजना ने उनकी आजीविका को खतरे में डाल दिया है. किसानों ने साफ कर दिया है कि वो तब तक अपना विरोध जारी रखेंगे जब तक सरकार उनकी मांगें पूरी नहीं करती.

जमीन की जगह चुनेंगे मौत 

इस महिला का नाम राजम्‍मा बताया जा रहा है. उन्‍होंने धमकी दी कि अगर उनकी जमीन जबरन छीन ली गई तो वह अपनी जान दे देंगी. तनावपूर्ण स्थिति तब शांत हुई जब साथी किसानों ने हस्तक्षेप करते हुए राजम्मा के हाथों से कीटनाशक की बोतल को छीना. हालांकि, उन्होंने यह साफ कर दिया है कि उनकी भावनाओं से पूरा किसान समुदाय सहमत है. किसान यहां पर नारे लगा रहे थे कि वो अपनी जमीन खोने के बजाय मौत को चुनना पसंद करेंगे.

किसानों की आजीविका खतरे में 

इस विरोध प्रदर्शन ने मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी के निर्वाचन क्षेत्र कोडंगल में मौजूद अशांति और असंतोष को सामने लाकर रख दिया है. प्रस्तावित फार्मा विलेज प्रोजेक्‍ट को किसानों की तरफ से कड़े विरोध का सामना करना पड़ा है. किसानों का तर्क है कि भूमि अधिग्रहण योजना ने उनकी आजीविका को खतरे में डाल दिया है. किसानों ने साफ कर दिया है कि वो तब तक अपना विरोध जारी रखेंगे जब तक सरकार उनकी मांगें पूरी नहीं करती.

क्‍या है सारा बवाल 

तेलंगाना में कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकार ने इस साल फरवरी में ऐलान किया था कि महत्वाकांक्षी हैदराबाद फार्मा सिटी प्रोजेक्‍ट को अब आगे बढ़ाया नहीं जाएगा. बल्कि इसकी जगह पर पूरे राज्‍य में 10 फार्मा विलेज बनाने का ऐलान किया गया था. इस फार्मा सिटी प्रोजेक्‍ट की घोषणा भारत राष्‍ट्र समिति (बीआरएस) सरकार की तरफ से प्रस्तावित किया गया था. रेड्डी सरकार ने विकाराबाद, मेडक और नलगोंडा इन गांवों को फार्मा विलेज के लिए चुना था.