इन पांच उपायों को अपनाकर घर के अंदर कर सकते हैं केसर की खेती

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केसर की खेती कश्मीर में की जाती है. यहां पर इसकी खेती के लिए जलवायु उपयुक्त है. कुछ साल पहले तक यह माना जाता था कि सिर्फ खेत में केसर उगाया जा सकता है क्योंकि उसे उगाने के लिए उसके अनुकूल मौसम चाहिए. पर अब यह बात पुरानी हो चुकी है. क्योंकि अब घर के अंदर भी नियंत्रित माहौल में केसर की खेती की जा सकती है और अच्छी गुणवत्ता वाली बेहतरीन केसर का उत्पादन किया जा सकता है. कई ऐसे किसान हैं जिन्होंने घर के अंदर केसर की खेती करने में सफलता हासिल की है. कई किसान इसकी खेती कर रहे हैं और अच्छी कमाई कर रहे हैं.

घर के अंदर केसर की खेती करने का फायदा यह है कि सिर्फ कश्मीर ही नहीं देश के किसी भी कोने में इसे घर के अंदर उगाया जा सकता है. द बैटर इंडियां की रिपोर्ट के अनुसार मुंबई के रहने वाले युवा किसान हर्ष कमरे के अंदर एरोपोनिक्स तकनीक का इस्तेमाल करक खेती करते हैं. इस तरह से वो अपने कमरे में ही कश्मीर जैसा वातावरण पैदा कर रहे हैं सफलतापूर्वक केसर की खेती करते हैं. कश्मीर को दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा केसर उत्पादक कहा जाता है. क्योंकि यहां की जलवायु केसर उत्पादन के लिए सही है, पर महाराष्ट्र की गर्म जलवायु में इसकी खेती करना एक चुनौती थी, पर हर्ष ने आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल करके इसमें सफलता हासिल की. 

बेहतर उत्पादन के लिए अपनाएं ये पांच उपाय

केसर की खेती के लिए अनुकूल माहौल तैयार करें

कमरे के अंदर केसर की खेती करने के लिए नियंत्रित माहौल तैयार करना चाहिए. इसके लिए कमरे को इंसुलेट करना चाहिए. इसके लिए थर्मोकोल या पफ पैनल का इस्तेमाल किया जा सकता है. कमरे के अंदर कश्मीर जैसा माहौल बनाने के लिए ठंड करने वाली और नमी बनाए रखने वाली मशीन की जरूरत होगी. केसर की खेती में अंकुरण के समय 15-20 डिग्री और अक्तूबर में 5-7 डिग्री तापमान की जरूरत होती है. 

अच्छी गुणवत्ता वाले बल्ब खरीदें

केसर की खेती के लिए यूनिट तैयार करने बाद अंकुरित करने के लिए केसर के बल्ब खरीदना चाहिए. हर्ष बताते हैं कि उन्होंने कश्मीर से मोगरा किस्म के बल्ब खरीदे थे. इसकी कीमत 600-800  रुपये प्रति किलोग्राम होती है. किसान 100 किलोग्राम बल्ब खरीद कर खेती की शुरूआत कर सकते हैं. इससे लगभग 30-40 ग्राम उपज प्राप्त होती है. 

बल्ब का सही तरीके से रखें ख्याल

केसर के बल्ब में फफूंद लगने का खतरा बना रहता है इसलिए ट्रांसपोर्टेशन के दौरान उसका खास ख्याल रखना पड़ता है. इसलिए सबसे पहले बल्ब को उनके आकार के अनुसार छांटना पड़ता है फिर गंदगी और कीचड़ को साफ करना पड़ता है. इसके बाद उससे बैक्टिरिया हटाने के लिए नीम के तेल के घोल में डुबाना पड़ता है. फिर पंखे के नीचे रखकर उन्हें सुखाना पड़ता है. अंकुरित होने के लिए इन बल्बों को प्लास्टिक के ट्रे पर रखना चाहिए, इससे फफूंद लगने का खतरा कम होता है. 

उचित तापमान और स्वच्छता बनाए रखें 

कमरे के अंदर केसर की खेती करने के लिए सबसे पहली यह होती है कि कमरे के अंदर उचित साफ-सफाई रखी जाए और तापमान नियंत्रित रखा जाए. इसके साथ ही कमरे में आद्रर्ता भी नियंत्रित रखने की जरूरत होती है. 

स्टिगमा स्टिक को काटें

अक्तूबर के अंत तक केसर कटाई लिए तैयार हो जाता है. इस समय केसर के क्रोक्स से फूल की धागे जैसी आकृति (स्टिग्मा स्टिक)को तोड़ सकते हैं. इसके बाद उन्हें पंखे के नीचे रखकर अच्छे से सूखा देना चाहिए. स्टिग्मा स्टिक को किसान 700 रुपये प्रति ग्राम की दर से बेच सकते हैं. यह पानी में नहीं घुलता है और चमकदार रंग छोड़ता है.