उत्तर प्रदेश का एग्रीकल्चर सेक्टर काफी तेजी से ग्रो कर रहा है. इस सेक्टर को लेकर सबसे खास बात यह है कि देश के युवा भी इसमें दिलचस्पी ले रहे हैं. इसी क्रम में आज हम आपको यूपी के सीतापुर के रहने वाले एक ऐसे युवक की कहानी बताने जा रहे हैं, जो लाखों युवा किसानों के लिए प्रेरणा बन गए हैं. जी, हां जिला सीतापुर के निवासी नितिन सिंह की लाइफ में बड़ा उतार- चढ़ाव देखने को मिला. लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और अपने लक्ष्य की तरफ बढ़ते चले गए. कड़ी मेहनत की बदौलत नितिन ने बीते 3 सालों में 50 लाख रुपये का कारोबार किया. अपने संकल्प के साथ यह सफर अपने लक्ष्य की तरफ आज तेजी से बढ़ रहा है.
2011 में पिता का हो गया था निधन
बातचीत में नितिन ने बताया कि 2011 में पिता का निधन हो गया था. उस वक्त मैं कक्षा 9वीं का छात्र था. वहीं पिता का सिर से साया उठने के बाद पढ़ाई छूट गई, लेकिन मेरा हौसला नहीं टूटा. इनका कहना है कि ‘पढ़े-लिखे होने का मतलब ये नहीं, हम भविष्य शहर में ही तय करें. सबसे पहले ‘Farmer club’ बनाकर छोटे-बड़े किसानों को जोड़ा. यह सिलसिला चलता रहा. इसी बीच अगस्त 2021 में राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड ) के सौजन्य से बचान डेवलपमेंट प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड के नाम से किसान उत्पादक संगठन (एफपीओ) का गठन किया.
एफपीओ में 500 से अधिक किसान
तीन साल के अंदर हमारे एफपीओ में 500 से अधिक किसान जुड़े हुए हैं. उन्होंने बताया कि मंडी लाइसेंस के माध्यम से किसानों को अच्छे रेट पर धान और गेहूं की बिक्री कराई जा रही है. पहले किसान अपनी फसल बेचने के लिए इधर-उधर भटक रहे थे. वहीं किसानों को कम दामों में पेस्टिसाइड और फर्टिलाइजर उपलब्ध कराया जा रहा है.
‘KISAN PURE’ के नाम से ब्रांड
26 साल के नितिन सिंह बताते हैं कि एफपीओ का एक ‘KISAN PURE’ के नाम से ब्रांड भी है. किसानों से सरसों खरीदकर शुद्ध तेल बाजार में ऑनलाइन से लेकर ऑफलाइन तक बिक्री होती है. वहीं गुड का काम भी है. कुछ किसान मछली पालन के व्यावसाय से भी जुड़े हुए हैं. जबकि मुर्गी पालन का काम 2-3 महीने में शुरू होने जा रहा हैं. एफपीओ की सालाना कमाई पर नितिन ने बताया कि पहले साल 4-5 लाख, दूसरे साल 17-18 लाख और तीसरे साल 50 लाख रुपये की इनकम हुई.
एफपीओ के जरिए ‘जैविक खेती’ को बढ़ावा
उन्होंने बताया कि कृषि में रसायनों के बढ़ते इस्तेमाल के कारण प्रदूषण का स्तर भी तेजी से बढ़ता जा रहा है. ऐसे में किसानों को जैविक खेती करने की तरफ रुख करने के लिये एफपीओ के माध्यम से प्रोत्साहित किया जा रहा है. जैविक खेती से जोड़ने के बाद किसानों को बाजार में उनकी उपज का सही दाम दिलवाने में भी मदद कर रहे हैं.
हर एफपीओ को 18 लाख तक की मदद
आपको बता दें कि हर FPO को 3 साल के लिए 18 लाख रुपए तक की सहायता दी जाती है. संस्थागत ऋण को आसान बनाने के लिए FPO के हर सदस्य को 2-2 हजार रुपए तक मैचिंग इक्विटी अनुदान देने और ऋण देने वाली संस्थाओं से प्रति FPO 2 करोड़ रुपये के परियोजना ऋण की क्रेडिट गारंटी सुविधा का प्रावधान किया गया है.