नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा हाल ही में 109 उच्च उपजाऊ, जलवायु-सहनशील और जैविक रूप से समृद्ध फसल किस्मों का लॉन्च भारतीय कृषि में एक बड़ी क्रांति का संकेत है। ये नवीन फसलें, जिन्हें विशेष रूप से सूखे जैसी कठिन जलवायु परिस्थितियों में भी पनपने के लिए विकसित किया गया है, अगले तीन वर्षों में किसानों की उत्पादकता को नई ऊंचाइयों पर ले जाएंगी और देश की खाद्य और पोषण सुरक्षा को सशक्त बनाएंगी।
फेडरेशन ऑफ सीड इंडस्ट्री ऑफ इंडिया (FSII) के चेयरमैन और सवाना सीड्स के सीईओ एवं एमडी, अजय राणा ने इस पहल का स्वागत करते हुए कहा कि बीज उद्योग इस कदम का जोरदार समर्थन करता है। उन्होंने जोर दिया कि कृषि में जैव प्रौद्योगिकी की संभावनाओं को पूरी तरह से साकार करने के लिए देश में एक समग्र, संतुलित और दूरदर्शी राष्ट्रीय नीति की आवश्यकता है। सुप्रीम कोर्ट की सिफारिशों के आधार पर जेनेटिकली मोडिफाइड (GM) फसलों पर एक स्पष्ट और सुसंगत राष्ट्रीय नीति अनिवार्य है।
उन्होंने कहा कि यह समय है कि देश एकीकृत राष्ट्रीय GM नीति को लागू करे, जिससे नियामक प्रक्रियाएं सुगम हो, नवाचार को प्रोत्साहन मिले, और कृषि जैव प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में प्रगति हो। इससे न केवल किसानों का विकास होगा, बल्कि देश की खाद्य सुरक्षा और टिकाऊ कृषि की दिशा में भी बड़ा कदम होगा।