केंद्रीय कृषि मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कृषि तथा सम्बद्ध विज्ञान में उच्च शिक्षा के लिए आज आसियान-भारत फैलोशिप लांच की। आईसीएआर कन्वेंशन सेंटर, राष्ट्रीय कृषि विज्ञान केंद्र परिसर, पूसा, नई दिल्ली में आयोजित इस कार्यक्रम में केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री श्री रामनाथ ठाकुर तथा श्री भागीरथ चौधरी भी उपस्थित थे।
यहां केंद्रीय मंत्री श्री चौहान ने आसियान देशों का जिक्र करते हुए श्री चौहान ने कहा कि हम सब एक है और एक-दूसरे के बिना हमारा काम नहीं चल सकता।
आपने कहा कि सरकार ने पिछले समय में कृषि शिक्षा पर बहुत फोकस किया है। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) इस काम में गंभीरतापूर्वक लगी हुई है। आईसीएआर-एयू प्रणाली की क्षमता और योग्यता को अब दुनियाभर में मान्यता मिल चुकी है। कई विकासशील देशों के छात्र भारतीय कृषि विश्वविद्यालयों में विकसित अनुसंधान और शिक्षण सुविधाओं से आकर्षित होकर लाभान्वित हो रहे हैं। भारत सहित विकासशील देशों में निजी क्षेत्र में अधिक नौकरियां पैदा हो रही हैं, इसलिए विकासशील देशों के छात्रों में भारतीय कृषि को समझने के लिए भारत आकर अध्ययन करने की रूचि बढ़ रही है। भारत में उनके उच्च अध्ययन का समर्थन करने के लिए, आईसीएआर द्वारा नेताजी सुभाष फेलोशिप, भारत-अफ्रीका फेलोशिप, भारत-अफगानिस्तान फेलोशिप, बिम्सटेक फेलोशिप जैसे कई कार्यक्रम/फेलोशिप शुरू किए गए हैं।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि अब कृषि और वानिकी में आसियान-भारत सहयोग के लिए कृषि में उच्च शिक्षा के लिए आसियान-भारत फेलोशिप आरंभ की जा रही है। फेलोशिप विशेष रूप से कृषि और सम्बद्ध विज्ञान के विभिन्न क्षेत्रों में स्नातकोत्तर कार्यक्रम के लिए है। इससे आसियान सदस्य देशों के छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शोध-आधारित शिक्षा प्राप्त करने में मदद मिलेगी। फेलोशिप से आसियान राष्ट्रीयता के छात्रों को आईसीएआर व कृषि विश्वविद्यालय प्रणालियों के तहत सर्वश्रेष्ठ भारतीय कृषि विश्वविद्यालयों में, जरूरत अनुसार, पहचाने गए प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में कृषि व सम्बद्ध विज्ञान में स्नातकोत्तर उपाधि प्राप्त करने हेतु सहायता प्रदान की जाएगी।
शैक्षणिक वर्ष 2024-25 से कृषि और सम्बद्ध विज्ञान में मास्टर डिग्री के लिए आसियान सदस्य देशों के छात्रों को 50 फेलोशिप (प्रति वर्ष 10) प्रदान की जाएंगी। परियोजना 5 साल के लिए आसियान-भारत कोष के तहत वित्त पोषण के लिए मंजूर की गई है, जिसमें फेलोशिप, प्रवेश शुल्क, रहने का खर्च व आकस्मिकता शामिल है। कार्यक्रम में उच्चायुक्त,आसियान देशों व सचिवालय के प्रतिनिधि, भारतीय मिशन के सहयोगी, आईसीएआरके अधिकारी उपस्थित थे। डीडीजी डॉ. आर.सी. अग्रवाल ने स्वागत भाषण दिया। एडीजी सुश्री सीमा जग्गी ने आभार माना I