बुलेट मिर्च इस समय पश्चिम बंगाल के किसानों के बीच लोकप्रिय होती जा रही है. देखने में छोटी यह मिर्च चिकनी और चमकदार होती है. चमकीले हरे या लाल रंग की यह मिर्च यहां के किसानों के लिए फायदे का सौदा बन गई है. मिर्च की किस्म को मध्यम से लेकर तेज तीखेपन के लिए जाना जाता है. साथ ही कच्चे या फिर पके दोनों ही तरह के मिर्चों का प्रयोग खाना पकाने में किया जा सकता है. यह मिर्च यूं तो चीन में पहले से ही सुपरहिट है लेकिन अब यह दुनिया के दूसरे हिस्सों में भी पाई जाने लगी है.
सुंदरबन में ही रही खेती
पश्चिम बंगाल के सुंदरबन के किसानों ने इन मिर्चों की खेती शुरू कर दी है. उन्हें इसकी खेती से काफी फायदा भी हो रहा है. बुलेट मिर्च को बाकी मिर्च की प्रजातियों की तुलना में कम समय में ज्यादा फसल देने के लिए जाना जाता है. सुंदरबन के किसान अब बुलेट मिर्च की खेती से लाभ उठा रहे हैं. एक आम मिर्च का पौधा फल देने में करीब ढाई से तीन महीने लेता है. लेकिन हाइब्रिड बुलेट मिर्च की फसल दो महीने से भी कम समय में तैयार हो जाती है. ऐसे में इसकी खेती से किसानों बहुत बड़ा फायदा हो रहा है.
आम मिर्च की तुलना में ज्यादा उपज
इसकी उपज आम मिर्च की तुलना में बहुत ज्यादा होती है. इसलिए, किसान कम जमीन पर बुलेट मिर्च की ज्यादा फसल उगाकर अतिरिक्त मुनाफा कमाने में सक्षम हो सकते हैं. थोक बाजार में बुलेट मिर्च एक तिहाई कीमत पर बिकती है. फिर भी, बाकी किस्मों की तुलना में बुलेट मिर्च की बहुत ज्यादा मांग के कारण किसान ज्यादा फायदा कमा सकते हैं. इसलिए, सुंदरबन और उसके आसपास के क्षेत्रों जैसे जयनगर, कुलतली, गोसाबा और बसंती के किसानों ने ज्यादा इनकम के लिए अपने खेतों में बाकी सब्जियों के साथ बुलेट मिर्च के पौधे लगाना शुरू कर दिए हैं.
बाकी मिर्च की मांग में आई कमी
बुलेट मिर्च इस समय भारतीय घरों की रसोई में अपने बेहतरीन स्वाद के कारण हलचल मचा रही है. इसकी बढ़ती मांग की वजह से आम मिर्च और बाकी किस्मों की मांग में कमी आई है. कम कीमत होने के बावजूद, बहुत ज्यादा मांग की वजह से इन क्षेत्रों में इसकी कीमतें धीरे-धीरे बढ़ रही हैं. इसके साथ ही, जिले के बाहर इन मिर्चों के निर्यात ने भी कीमतों को बढ़ावा दिया है, जिसका किसानों को फायदा मिल रहा है. इससे सुंदरबन के किसानों के लिए बुलेट मिर्च उगाना और भी सुविधाजनक और लाभदायक हो गया है.