अब किसानों के भी साथी बन गए हैं ड्रोन,2030 तक 10 अरब का होगा एग्रीकल्चर ड्रोन का बाजार

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क्या आप जानते हैं कि खेती-किसानी की दुनिया में कितने ड्रोन इस्तेमाल हो रहे हैं? शायद नही, क्योंकि फिलहाल सीधे तौर पर इसका कोई आंकड़ा सामने नहीं आया है.  फिर भी अगर रिसर्च करें तो एक अमेरिकी कंसल्टिंग फर्म के आंकड़े सामने आते हैं. 2030  तक भारतीय कृषि में ड्रोन का इस्तेमाल 38.5% की दर से बढ़ेगा और ये पूरा बाजार लगभग 121.43 मिलियन डॉलर का आंकड़ा पार कर लेगा. अब सवाल ये कि ऐसा होगा क्यों? जवाब ये कि सुरक्षा, जंग और आपदा प्रबंधन जैसे क्षेत्रों में इस्तेमाल होने वाले ड्रोन अब किसानों के भी साथी बन गए हैं. कीटनाशक और खाद के छिड़काव के साथ-साथ फसलों की बुवाई के लिए भी एग्री ड्रोन का इस्तेमाल काफी फायदेमंद साबित हो रहा है. कैसे आप भी खेती में ड्रोन का फायदा ले सकते हैं, कैसे खरीद सकते हैं ड्रोन,क्यों जरूरी है ड्रोन,कितनी कीमत में आता है ड्रोन, आगे आप जानेंगे इन सभी सवालों के जवाब 

खेती में ड्रोन का इस्तेमाल

कीटनाशक और खाद के छिड़काव के साथ-साथ फसलों की बुवाई के लिए एग्री ड्रोन का इस्तेमाल किया जाता है. ड्रोन टेक्नोलॉजी में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के शामिल होने से फसल की मॉनिटरिंग भी की जाती है. वहीं ड्रोन से छिड़काव करने से पानी, श्रम और पूंजी की बर्बादी नहीं होती है. ड्रोन से कीटनाशकों का छिड़काव करने से किसानों की सेहतपर भी कोई बुरा असर नहीं पड़ता. 

क्‍या हैं एग्री ड्रोन के फायदे 

कुछ ही मिनटों में एक बड़े क्षेत्रफल तक फैले खेत में आसानी से उर्वरकों को छिड़काव किया जा सकता है. ड्रोन के प्रयोग से समय की तो बचत हो ही रही है साथ ही साथ पैसे की भी बचत होती है. आमतौर पर खेती में ड्रोन का प्रयोग मैपिंग, खेत के सर्वे और कीटनाशकों के छिड़काव के लिए होता है.  कृषि ड्रोन दूसरे ड्रोनों से अलग नहीं हैं. छोटे से दिखने वाले इस मानवरहित विमान को आजकल किसानों की जरूरतों के हिसाब से बदला जा सकता है. इतना ही नहीं अब तो कई ड्रोन खासतौर पर खेती में प्रयोग होने के लिए ही तैयार किए जा रहे हैं. 

ड्रोन की कीमत कितनी होती है

अगर कोई किसान ड्रोन खरीदना चाहता है तो 10 लीटर क्षमता वाले ड्रोन की कीमत 6 से 10 लाख रुपये के बीच है. इसे खरीदने के लिए सरकार की तरफ से जनरल कैटेगरी के किसानों को 40 फीसदी और अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति वर्ग के किसानों को 45 फीसदी सब्सिडी दी जाती है. इसके अलावा कुछ किसान  उत्‍पादक संगठनों को 75 फीसदी तक की सब्सिडी मिलती है. इसके बाद ड्रोन उड़ाने के लिए किसान को ड्रोन पायलट की ट्रेनिंग भी लेनी होगी. आप इसके लिए ड्रोन की कंपनियों की वेबसाइट पर जाकर खेती में मदद वाले ड्रोन की जानकारी आसानी से ले सकते हैं.ऐसी ही एक कंपनी है थानोस जो एग्री ड्रोन बनाने का काम कर रही है. इनके दो ड्रोन हैं Syena H10 और Syena H10i. इनमें Syena H10 की कीमत 5.5 लाख है और Syena H10i की कीमत 6.5 लाख है. ये ड्रोन खरीदने के लिए आप कंपनी की वेबसाइट पर जाकर दिए गए मोबाइल नंबर्स से संपर्क कर सकते हैं. इफको भी थानोस के साथ मिलकर किसानों को ड्रोन उपलब्ध करा रही है. इफ्को ने थानोस के साथ 500 एडवांस्ड ड्रोन का करार किया है. इनसे 5 राज्यों में 10 लाख एकड़ पर फर्टिलाइजर स्प्रे का काम किया जाना है. 

कैसे काम करते हैं ड्रोन

मौजूदा समय में जो ड्रोन खेती के लिए मौजूद हैं उनमें 10 लीटर क्षमता वाले एग्री ड्रोन से सिर्फ सात मिनट में एक एकड़ के खेत में छिड़काव किया जा सकता है. 10 लीटर पानी में एक एकड़ृ खेत में जितने कीटनाशक की जरूरत हो, उसे पानी में मिलाकर और बाकी उर्वरकों को इस तरह से प्रयोग किया जा सकता है. एक बार में चार्ज होने पर एग्री ड्रोन 20 मिनट में 2.5 एकड़ क्षेत्रफल वाले खेत में छिड़काव कर सकता है. इसमें तीन बैटरी सेट उपलब्ध होने पर करीब 25 एकड़ रोजाना तक छिड़काव हो सकता है.