बाजरा की खेती में फड़का और सफेद लट का इस तरह करें नियंत्रण

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देश में इस वक्त खरीफ सीजन चल रहा है. इस सीजन में धान के साथ-साथ कपास, सोयाबीन और मोचे अनाज की भी खेती की जाती है. इस बार देश में अच्छी बारिश तो हो रही है पर कई ऐसे राज्य हैं जहां पर पर्याप्त बारिश नहीं हुई है, इसलिए किसान खेती का काम पूरा नहीं कर पाए हैं जबकि कई राज्यों में रोपाई का काम पूरा हो चुका है. इस समय धूप और नमी के कारण फसलों में कीट और रोगों का प्रकोप होने की संभावना अधिक होती है. इसे देखते हुए किसानों को सलाह दी जाता है कि वे निरंतर अपने खेतों की निगरानी करते रहें. अगर खेत में किसी तरह का संक्रमण दिखाई देता है तो तुरंत बचाव के उपाय करें. 

इस समय किसान मोटे अनाज खास कर रागी, ज्वार बाजरा और मक्के की भी खेती करते हैं. अधिक बारिश नमी और धूप के कारण खेत में कीट और रोगों का प्रकोप होता है. बाजरे की फसल में इस समय सफेद लट और फड़का कीट का प्रकोप देखा जाता है. इन कीटों से बाजरा की फसल को काफी नुकसान होता है. सफेद लट कीट बाजरे के पौधों पर छोटी अवस्था में हमला करते हैं. यह इसकी छोटी जड़ों को नष्ट कर देता है. इसके कारण बाजरे की फसल धीरे-धीरे सूख कर नष्ट हो जाती है. इससे पैदावार बहुत अधिक प्रभावित होती है. फड़का कीट से भी बाजरे की खेती को काफी नुकसान होता है. 

सफेद लट का इस तरह करें नियंत्रण

बाजरे की अच्छी पैदावार हासिल करने के लिए सफेद लट कीट पर पर प्रभावी नियंत्रण करना जरूरी होता है. कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार सफेद लट के नियंत्रण के लिए बाजरे की खड़ी फसल में इमिडाक्लोप्रिड 17.8 प्रतिशत, एसएल 500 मिलीलीटर या फिर क्यूनालफॉस 25 ईसी 4 लीटर दवा को प्रति हेक्टेयर में इस्तेमाल करना चाहिए. इन दवाओं को 80-100 किलोग्राम सूखी मिट्टी या बजरी के साथ मिलाकर बारिश से पहले खेतों में भुरकाव करना चाहिए. भुरकाव करने के बाद अगर बारिश नहीं हो रही है तो स्प्रिंकलर विधि से सिंचाई करनी चाहिए ताकी कीटनाशक पानी के साथ घुलकर पौधों की जड़ों तक पहुंच सके और कीट को खत्म कर सके.

फड़का कीट से बचाव के उपाय

सफेद लट कीट के अलावा फड़का कीट भी बाजरे की खेती को बहुत नुकसान पहुंचाता है. कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार मॉनसून की पहली बारिश से 21 दिन तक कीट की पहली और दूसरी अवस्था होती है. इस दौरान कीट का नियंत्रण करना आसान होता है. फड़का कीट के नियंत्रण के लिए खेत से खर पतवार का नियंत्रण करना जरूरी होता है. इस कीट के नियंत्रण के लिए सबसे पहले खेत की मेड़ों से घास को काट कर हटा दें. फिर क्यूनालफॉस पाउडर 1.5 प्रतिशत भुरकाव करें. इससे शुरुआती अवस्था में ही कीट को नष्ट करने में सफलता मिल जाती है.