बढ़ते दूध उत्पादन से सात साल में आ सकती है 72 लाख जॉब

0
23

देश में हर साल तेजी के साथ दूध उत्पादन बढ़ रहा है. बीते 10 साल में ही 8.4 करोड़ टन दूध उत्पादन बढ़ चुका है. विश्व दूध उत्पादन में आज भारत नंबर वन पर है. बाकी के कई बड़े-बड़े देश भारत से बहुत पीछे हैं. हमारे देश में गाय-भैंस और भेड़-बकरियों की संख्या करीब 30 करोड़ है. लेकिन शायद आपको ये सुनकर ताज्जुब होगा कि जब भी देश में एक लाख लीटर दूध की प्रोसेसिंग क्षमता बढ़ती है या नई डेयरी यूनिट शुरू होती है तो उससे हजारों नौकरियों के दरवाजे खुलते हैं. और उसमे भी सबसे ज्यादा नौकरियों का मौका गांव में रहने वाले लोगों के हाथ लगता है. 

अगर डेयरी एक्सपर्ट की मानें तो दूध उत्पादन में हर 25 साल में तीन गुना इजाफा होता है. देश के घरेलू बाजार ही नहीं इंटरनेशनल मार्केट में भी इंडियन डेयरी प्रोडक्ट की डिमांड बढ़ रही है. भारतीय घी का दुनियाभर के 125 से ज्यादा देशों में बोलबाला है. देश का डेयरी इंफ्रास्ट्रक्चर भी ऐसा है कि हर रोज चाहें कितना भी दूध आए जाए उसकी एक बूंद खराब नहीं होती है. 

देश में 5 गुना रफ्तार से बढ़ रहा दूध उत्पादन 

डेयरी और पशुपालन मंत्रालय का कहना है कि अकेले डेयरी सेक्टर ऐसा है जो राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में पांच फीसद का योगदान देता है. आज देश में आठ करोड़ से ज्यादा किसान सीधे डेयरी सेक्टर से रोजगार पा रहे हैं. भारत आज विश्व के दूध उत्पादन में 23 फीसद का योगदान देता है. बीते आठ साल में देश में दूध उत्पादन 51.05 फीसद बढ़ गया है. साल 2014-15 के दौरान दूध का उत्पादन 146.3 मिलियन टन था जो साल 2022-23 में बढ़कर 23.6 करोड़ टन हो गया है. खुशी की बात ये हैं कि विश्व में जहां 1.2 फीसद की रेट से दूध का उत्पादन बढ़ रहा है, वहीं भारत में ये रफ्तार 6.4 फीसद है. 

देश में हर साल खाया जाता है 50 हजार करोड़ का घी 

इंडियन डेयरी एसोसिएशन के प्रेसिडेंट और अमूल के पूर्व एमडी डॉ. आरएस सोढ़ी नेबताया कि देश में घी का कारोबार करीब 50 हजार करोड़ रुपये का है. ये आंकड़ा भी इस कारोबार में शामिल सिर्फ बड़े ब्रांड का है. लोकल लेवल पर छोटे प्लेयर का काम भी कम छोटा नहीं होता है. 50 हजार करोड़ में से 1500 करोड़ रुपये का घी एक्सपोर्ट हो जाता है. कई बड़े देश भारतीय घी के शौकीन हैं.

संयुक्त अरब अमीरात ने भारत से साल 2022-23 में 28 मिलियन डॉलर का घी खरीदा था. और भी कई ऐसे देश हैं जो 60 लाख डॉलर से ज्यादा का सालाना घी खरीदते हैं. ब्रिटेन और भारत के बीच मुक्त व्यापार समझौते पर बातचीत चल रही है. गौरतलब रहे ब्रिटेन ने अपने सेनेटरी और फाइटोसैनिटरी (एसपीएस) नियम के तहत भारतीय डेयरी प्रोडक्ट पर रोक लगा रखी है. इसी प्रतिबंध को हटवाने के लिए भारतीय अधिकारी बात कर रहे हैं.World Milk Day भारत दुनिया का सबसे बड़ा दूध उत्पादक लेकिन प्रति पशु उत्पादन  यूरोप-अमेरिका से छह गुना तक कम - Despite India becoming largest milk  producer per animal yield is one

सात साल में आ सकती है 72 लाख जॉब- आरएस सोढ़ी

आरएस सोढ़ी ने बताया कि देश में खाने-पीने के सामान का 50 लाख करोड़ का बाजार है. ऐसी उम्मीद है कि वो 2030 तक 170 लाख करोड़ का हो जाएगा. अभी 50 लाख करोड़ के बाजार में सात लाख करोड़ का बाजार ही ऑर्गेनाइज्ड है. इसमे से 3.5 लाख करोड़ का बाजार अकेले डेयरी का है. अगर डेयरी की ही बात करें तो ये सेक्टर तेजी से बढ़ रहा है. 50 साल पहले दूध का उत्पादन 2.4 करोड़ टन था और अब 23.6 करोड़ टन है. आज हमारे देश में हर रोज 60 करोड़ लीटर दूध का उत्पादन होता है. 

इसमे से 12 करोड़ लीटर दूध का उत्पादन ऑर्गेनाइज्ड तरीके से हो रहा है. यही 12 करोड़ लीटर दूध सात साल बाद 24 करोड़ लीटर का हो जाएगा. अब अगर इंडस्ट्री के लिहाज से बात करें तो ऑर्गेनाइज्ड तरीके से एक लाख लीटर दूध प्रोसेसिंग में 50 करोड़ रुपये का खर्च आता है. इस आंकड़े के हिसाब से सात साल में अकेले डेयरी सेकटर में एक लाख करोड़ का निवेश आएगा. मतलब 60 हजार करोड़ रुपये प्रोसेसिंग में और 40 हजार करोड़ रुपये का खर्च मशीनों पर आएगा. 

दो काम करने से खुलेगा डेयरी में नौकरियों का दरवाजा

आरएस सोढ़ी का कहना है कि डेयरी में अगर जॉब यानी नौकरी और कारोबार की बात करें तो एक लाख लीटर दूध प्रोसेस होने पर छह हजार लोगों के लिए नौकरी और कारोबार के रास्ते खुलते हैं. इसमे टॉप से लेकर नीचे तक सभी तरह की नौकरी शामिल हैं. इसमे से एक बड़ा हिस्सा यानी पांच हजार जॉब गांवों में होंगी तो एक हजार शहर में. उनका ये भी कहना है कि आने वाले सात साल में 72 लाख जॉब और एक लाख करोड़ के निवेश का लक्ष्य हम हासिल कर सकते हैं, लेकिन इसके लिए हमे दो बेहद जरूरी काम करने होंगे. पहला तो ये कि प्रति पशु दूध उत्पादकता बढ़ानी होगी और साथ ही आज देश में चारे की कमी है, इसे दूर करने के लिए हर संभव कोशिश करनी होगी.