देवगुरु बृहस्पति वृषभ राशि की यात्रा पर गोचर करते हुए 03 जून की प्रातः उदय हो चुके हैं, इससे पहले ये इसी राशि पर 01 मई को प्रवेश करते हुए 06 मई को अस्त हुए थे। इनके उदय होने से गोचर ग्रह की स्थितियों में भारी सुधार होगा। जिनकी जन्म कुंडली में गुरु शुभ भाव में गोचर कर रहे थे उनके लिए सुखद संकेत है किंतु जिनकी जन्मकुंडली के अशुभ भाव में गोचर कर रहे थे उनके लिए इनका शुभ फल उतना अच्छा नहीं कहा जा सकता। इनके उदय होने का सभी राशियों पर कैसा प्रभाव पड़ेगा ? इसका ज्योतिष विश्लेषण करते हैं।
मेष राशि-
राशि से धन भाव में गोचर करते हुए उदय बृहस्पति का प्रभाव आर्थिक पक्ष मजबूत करेगा। अपनी वाणी कुशलता के बल पर कठिन हालात को भी नियंत्रित करने में सफल रहेंगे। काफी दिनों का दिया गया धन भी वापस मिलने की उम्मीद है। शेयर बाजार में निवेश से भी अच्छा धन अर्जित कर सकते हैं। पैतृक संपत्ति संबंधी विवाद हल होंगे। मकान अथवा वाहन का क्रय करना चाह रहे हों तो उस दृष्टि से भी ग्रह गोचर अनुकूल रहेगा। महंगी वस्तुओं जैसे हीरे जवाहरात के क्रय पर भी खूब व्यय करेंगे।
वृषभ राशि-
आपकी राशि में उदय हुए बृहस्पति मान-सम्मान, पद और गरिमा के वृद्धि कराएंगे। केंद्र अथवा राज्य सरकार के विभागों के प्रतीक्षित कार्य संपन्न होंगे। अपनी कार्यकुशलता और ऊर्जा शक्ति के बल पर कठिन हालात को भी नियंत्रित करने में कामयाब रहेंगे। यह समय इतना अनुकूल है कि, कम प्रयास से भी अनुकूल धन की प्राप्ति होगी। स्वास्थ्य का ध्यान रखें। किसी भी हालत में अपना वजन बढ़ने न दें। विदेशी कंपनियों में सर्विस अथवा नागरिकता के लिए किया गया प्रयास भी सफल रहेगा।
मिथुन राशि-
राशि से बारहवें व्यय भाव में गोचर करते हुए उदय बृहस्पति धर्म और आध्यात्म के प्रति रुझान बढ़ाएंगे। ऐसे कार्यों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेंगे और दान-पुण्य भी खूब करेंगे। अधिक खर्च के कारण आर्थिक तंगी का सामना भी करना पड़ सकता है। झगड़े-विवाद तथा कोर्ट कचहरी से संबंधित मामले बाहर ही सुलझाएं। विद्यार्थी वर्ग विदेश में पढ़ाई करने के लिए जाने का प्रयास कर रहे हों तो उस दृष्टि से भी ग्रह स्थितियां अनुकूल रहेगी। माता-पिता के स्वास्थ्य के प्रति चिंतनशील रहें। धार्मिक कार्यों पर खर्च करेंगे।
कर्क राशि-
राशि से एकादश लाभ भाव में गोचर करते हुए उदय बृहस्पति हर तरह से सफलताओं का सिलसिला बरकरार रखेंगे। कार्यक्षेत्र का विस्तार तो होगा ही लिए गए निर्णय और किए गए कार्यों की सराहना भी होगी। संतान के दायित्व की पूर्ति होगी। नवदंपति के लिए संतान प्राप्ति एवं प्रादुर्भाव के भी योग हैं। प्रेम संबंधी मामलों में प्रगाढ़ता आएगी यहां तक कि प्रेम विवाह भी करना चाह रहे हों तो उस दृष्टि से भी समय अनुकूल रहेगा। कार्य क्षेत्र में शीर्ष नेतृत्व से संबंध से मजबूत बनेंगे।
सिंह राशि-
राशि से दशम कर्म भाव में गोचर करते हुए उदय बृहस्पति शासन सत्ता का पूर्ण सहयोग प्रदान करेंगे। चुनाव संबंधी कोई निर्णय लेना चाह रहे हों तो उस दृष्टि से भी सफलता की संभावना सर्वाधिक रहेगी। जमीन जायदाद संबंधी विवाद हल होंगे। मकान अथवा वाहन का क्रय करना चाह रहे हो तो उस दृष्टि से भी ग्रहों की अनुकूलता रहेगी। नौकरी में पदोन्नति और स्थान परिवर्तन के भी योग बनेंगे। सोची-समझी रणनीतियां कारगर सिद्ध होंगी।
कन्या राशि-
राशि से नवम भाग्य भाव में उदय हुए बृहस्पति आपके लिए किसी वरदान से कम नहीं है। स्वास्थ्य तो उत्तम रहेगा ही नए लोगों से मेल और बढ़ेगा। परिवार में मांगलिक कार्यों का सुअवसर आएगा। अपनी ऊर्जाशक्ति के बल पर कठिन परिस्थितियों को भी आसानी से नियंत्रित कर लेंगे। परिवार के वरिष्ठ सदस्यों और बड़े भाइयों से भी सहयोग मिलेगा। जरूरतमंद लोगों की मदद करने के लिए आगे आएंगे। विदेशी कंपनियों में सर्विस अथवा किसी अन्य देश के लिए वीजा आज के लिए आवेदन करना भी सफल रहेगा।
तुला राशि-
राशि से अष्टम आयु भाव में गोचर करते हुए उदय बृहस्पति का प्रभाव बहुत अच्छा नहीं कहा जा सकता। कहीं न कहीं स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव पड़ेगा। कार्यक्षेत्र में भी षड्यंत्र का शिकार होने से बचें। इन सबके बावजूद आर्थिक पक्ष मजबूत होगा। आकस्मिक धन प्राप्ति का योग बनेगा। विवादित मामले कोर्ट कचहरी से बाहर ही सुलझाएं। परिवार के छोटे सदस्यों से मतभेद बढ़ने न दें। पैर में चोट न लगे इसके लिए भी सावधानी बरतें। योजनाओं को गोपनीय रखते हुए कार्य करेंगे तो अधिक सफल रहेंगे।
वृश्चिक राशि-
राशि से सप्तम दांपत्य भाव में गोचर करते हुए उदय बृहस्पति मांगलिक कार्यों का सुअवसर प्रदान करेंगे। साझा व्यापार में भी उन्नति होगी। वैवाहिक वार्ता सफल रहेगी। दांपत्य जीवन में भी मधुरता आएगी। केंद्र अथवा राज्य सरकार के विभागों के प्रतीक्षित कार्य संपन्न होंगे। किसी नए टेंडर के लिए आवेदन करना चाह रहे हों तो उस दृष्टि से भी ग्रह स्थितियां अनुकूल रहेंगी। नए लोगों से मेल-जोल बढ़ेगा। सामाजिक पद प्रतिष्ठा बढ़ेगी। किसी सम्मान अथवा पुरस्कार की भी घोषणा हो सकती है।
धनु राशि-
राशि से छठे शत्रु भाव में गोचर करते हुए उदय गुरु कई तरह के अप्रत्याशित उतार-चढ़ाव का सामना करवाएंगे। गुप्त शत्रुओं की अधिकता रहेगी और वे आपको नीचा दिखाने का एक भी अवसर नहीं छोड़ेंगे। विवादित मामले भी बाहर ही सुलझाएं। कोर्ट कचहरी के मामलों से अप्रिय सूचना मिल सकती है। यात्रा देशाटन की अधिकता रहेगी। अधिक खर्च के कारण कहीं न कहीं आर्थिक तंगी का सामना भी करना पड़ेगा। इस अवधि के मध्य बैंक से सम्बंधित संबंधित कर्ज के लेन-देन से बचें तो बेहतर रहेगा।मकर राशि-
राशि से पंचम विद्या भाव में गोचर करते हुए उदय बृहस्पति का प्रभाव आपके लिए किसी वरदान से कम नहीं है। विद्यार्थियों और प्रतियोगिता में बैठने वाले छात्रों के लिए तो ये अवसर और सुखद समाचार लेकर आया हुआ है, इसलिए अपनी पढ़ाई के प्रति चिंतनशील रहें। आध्यात्मिक उन्नति भी होगी। प्रेम संबंधी मामलों में प्रगाढ़ता आएगी। संतान के दायित्व की पूर्ति होगी। नव दंपति के लिए संतान प्राप्ति और प्रादुर्भाव के भी योग हैं। शासन सत्ता का भी पूर्ण सहयोग मिलेगा। आय के संसाधनों में निरंतर वृद्धि होती रहेगी।
कुंभ राशि-
राशि से चतुर्थ सुख भाव में गोचर करते हुए उदय गुरु का प्रभाव सफलताओं के बावजूद कहीं न कहीं पारिवारिक कलह और मानसिक अशांति का सामना करवाएगा। स्वास्थ्य पर भी विपरीत प्रभाव पड़ेगा। पेट संबंधी विकार से बचें। कोई भी कार्य जब तक पूर्ण न हो जाए सार्वजनिक न करें। परिवार में नए मेहमान के आगमन से माहौल खुशनुमा रहेगा। केंद्र अथवा राज्य सरकार के विभागों में किसी भी तरह के टेंडर आदि के लिए आवेदन करना हो तो उस दृष्टि से भी यह समय बेहतरीन रहेगा।
मीन राशि-
राशि से तृतीय पराक्रम भाव में गोचर करते हुए उदय बृहस्पति आपमें ऊर्जा शक्ति की वृद्धि तो करेंगे ही जो भी निर्णय लेंगे उसी में सफलता मिलेगी। कोई भी नया कार्य आरंभ करना हो अथवा किसी व्यापारिक अनुबंध पर हस्ताक्षर करना हो तो उस दृष्टि से भी समय अनुकूल रहेगा। आर्थिक स्थिति में दिनों दिन सुधार होता रहेगा। परिवार में मांगलिक कार्यों का सुअवसर आएगा। जरूरतमंद और असहाय लोगों की मदद के लिए आगे आएंगे। विदेशी कंपनियों में सर्विस अथवा नागरिकता के लिए किया गया प्रयास भी सफल रहेगा।