डीडी किसान चैनल पर AI एंकर पचास भाषाओं में करेंगे बात,देगा खेती-किसानी की जानकारी

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 देश में किसानों की आमदनी बढ़ाने और उन्हें खेती-किसानी की नई तकनीकों की जानकारी उपलब्ध कराने के लिए सरकार लगातार नई तकनीकों के उपयोग पर जोर दे रही है। इस कड़ी में दूरदर्शन एक और उपलब्धि हासिल करने जा रहा है क्योंकि 9 साल की अपार सफलता के बाद डीडी किसान 26 मई 2024 को एक नए रंग रूप और एक नए अंदाज के साथ, भारत के किसानों के बीच आ रहा है। जहां चैनल की प्रस्तुति एक नए अंदाज में होने जा रही है।

AI का उपयोग करने वाला देश का पहला न्यूज चैनल बनेगा

‘आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस’ (AI) के इस युग में ये देश का पहला सरकारी टीवी चैनल बनने जा रहा है, जहां AI एंकर पर सभी की निगाहें रहेंगी। दूरदर्शन किसान दो AI एंकर AI कृष और AI भूमि लान्च करने जा रहा है। ये न्यूज एंकर एक कंप्यूटर हैं, जो हूबहू इंसान की तरह ही हैं और इंसानों की तरह ही काम कर सकते हैं। ये एंकर बिना रुके या फिर बिना थके 24 घंटे और 365 दिन न्यूज़ पढ़ सकते हैं।

देश के सभी राज्यों में होगा प्रसारण

डीडी किसान चैनल पर किसान इन AI एंकर को कश्मीर से तमिलनाडु और गुजरात से अरुणाचल प्रदेश तक देश के सभी राज्यों में देख सकेंगे। ये AI एंकर देश विदेश में हो रहे कृषि अनुसंधान, अनाज मंडियों में हो रही उठापटक या फिर मौसम की फेरबदल, हर आवश्यक जानकारी किसानों तक पहुंचाएंगे। इन एंकर की एक खास बात यह भी है कि ये देश-विदेश की पचास भाषाओं में बात कर सकते हैं।

किसानों के लिए शुरू किया गया है चैनल

डीडी किसान देश का एक मात्र टीवी चैनल है, जिसकी स्थापना भारत सरकार द्वारा किसानों को समर्पित की गई है। इस चैनल की स्थापना 26 मई 2015 को की गई थी। डीडी किसान चैनल की स्थापना का उद्देश्य था कि वह हमेशा सजग रहते हुए मौसम, वैश्विक बाजारों इत्यादि में होने वाले बदलावों से किसानों को अवगत कराता रहे, ताकि किसान पहले से ही उपयुक्त योजनाएँ बना सकें और समय पर सही निर्णय ले सकें। डीडी किसान चैनल 9 साल से इन मापदंडों पर खरा उतर रहा है।

सरकार की और से जारी प्रेस विज्ञप्ति में बताया गया कि डीडी किसान चैनल प्रगतिशील किसानों के प्रयासों को सभी लोगों के सामने लाने का काम भी कर रहा है, जिसका उद्देश्य देश में कृषि और ग्रामीण समुदाय की सेवा करना तथा उन्हें शिक्षित कर समग्र विकास का वातावरण बनाने की दिशा में काम करना है। डीडी किसान चैनल कृषि की त्रिआयामी अवधारणा जिसमें संतुलित खेती, पशुपालन और वृक्षारोपण शामिल हैं, को मजबूत कर रहा है।