आपका खेत बंजर है या उपजाऊ…ऐसे होती है जांच

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यदि आप अपने खेत में फसल लगा रहे हैं और मुनाफा नहीं दे रही है तो सबसे पहले खेत मिट्टी की जांच करानी चाहिए. क्योंकि मिट्टी की जांच कराने से आपकी किस्मत बदल सकती है. तो आइए जानते हैं कब कैसे जांच कराएं

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इसके बारे में सहायक अनुसंधान पदाधिकारी सलमान अख्तर ने जानकारी देते हुए कहा मिट्टी की जांच तीन चरणों में की जाती है. इसमें सबसे पहले खेतों से मिट्टी के नमूने इकट्ठे किए जाते हैं. इसके लिए किसी भी प्लॉट से जिक जैक आकार से लगभग ढाई फिट गड्ढा खोदते हैं और वहां से मिट्टी सैंपल लेते हैं.

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मिट्टी की जांच के लिए एक प्लॉट पर अलग-अलग जगह से सैंपल लिए जाते हैं. वहां से 500 ग्राम मिट्टी का नमूना प्रयोगशाला में लाया जाता है, जो कृषि समन्वय भेजा जाता है. यहां प्रयोगशाला में आने के बाद उस मिट्टी की प्रोसेसिंग होती है.

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यदि उस मिट्टी में नमी है, तो उसे पहले थोड़ी देर सुखाई जाती है फिर उसे पीसा जाता है. उसके बाद 2.2 एमएम के चलने से उसे चला जाता है.

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जांच के लिए आयी मिट्टी को 12 पैरामीटर पर परखा जाता है. इसमें से मिट्टी का पी. एच., इ.सी, ऑर्गेनिक, कार्बन, फास्फोरस, पोटाश, बोर्न, सल्फर , फास्फोरस, जिंक, कॉपर, आयरन ओर मैंगनीज जांच करने के बाद उसका रिजल्ट सामने आता है.

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इसके बाद सॉफ्टवेयर के माध्यम से उसका सॉइल हेल्थ कार्ड जनरेट किया जाता है. इसमें सारी जानकारी होती है कि आपके खेत के मिट्टी में किन-किन पोषण तत्वों की कितनी मात्रा है और किसकी कितनी जरूरत है. उसी के आधार पर मिट्टी की गुणवत्ता में सुधार किया जाता है. उसी के तहत उसमें फर्टिलाइजर भी उपयोग किया जाता है .