भारत में चीनी उत्पादन बढ़कर 345 लाख टन पहुंचने का अनुमान है जो पिछले सीजन के मुकाबले पांच लाख टन अधिक है।
सबसे अधिक चीनी उत्पादन करने वाले देश ब्राजील में चीनी उत्पादन कम होने के बावजूद इस वर्ष वैश्विक चीनी उत्पादन में खास असर की संभावना नहीं है।
अमेरिकी कृषि विभाग के मुताबिक इस वर्ष वैश्विक चीनी उत्पादन 250 लाख टन बढ़कर 1860 लाख मीट्रिक पहुंचने का अनुमान है जो ब्राजील के कम उत्पादन की भरपाई कर देगा।भारत में चीनी उत्पादन अधिक होने का अनुमान है। खपत के मुकाबले उत्पादन अधिक होने से चीनी कीमतें स्थिर रहने वाली है इसके साथ ही भारतीय उद्योग की निर्यात मांग को मजबूत किया है।
इस साल भारतीय चीनी संगठन देश में चीनी उत्पादन कम रहने का भले ही अनुमान लगा रहे है लेकिन वैश्विक रिपोर्ट भारत में चीनी उत्पादन पिछले साल के अपेक्षा अधिक रहने का अनुमान लगा रही है।अमेरिकी कृषि विभाग (USDA) द्वारा जारी रिपोर्ट के मुताबिक ब्राजील में चीनी उत्पादन में गिरावट की भरपाई दक्षिण पूर्व एशिया में उच्च उत्पादन से हो जाएगी। भारत में चीनी उत्पादन बढ़कर 345 लाख टन पहुंचने का अनुमान है जो पिछले सीजन के मुकाबले पांच लाख टन अधिक है।
थाईलैंड में चीनी उत्पादन 16 फीसदी बढ़कर 102 लाख टन होने की उम्मीद है। ऑस्ट्रेलिया का उत्पादन एक लाख टन बढ़कर 42 लाख टन, चीन में उत्पादन पांच लाख टन बढ़कर 104 लाख टन होने का अनुमान है।इस साल ब्राजील में 15 लाख मीट्रिक टन कम चीनी उत्पादन होने का अनुमान है। पिछले साल वैश्विक चीनी उत्पादन 1835 लाख टन था। जिसमें 455 लाख टन के साथ ब्राजील शीर्ष उत्पादक था, उसके बाद 340 लाख टन के साथ भारत दूसरे स्थान पर था।
रिपोर्ट में कहा गया कि वैश्विक चीनी खपत भी बढ़ रही है, लेकिन वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं में धीमी गति से सुधार के कारण विश्व चीनी बाजार अधिशेष में रहने की संभावना है, जिससे चीनी की कीमतों में बढ़ोतरी होने की संभावना कम है।उद्योग के जानकारों का कहना है कि इस समय देश में चीनी का औसत खुदरा मूल्य लगभग 44.50 रुपये प्रति किलोग्राम है, जबकि औसत पूर्व-मिल मूल्य 3,710-3,810 रुपये प्रति क्विंटल है। वैश्विक और घरेलू स्तर पर पर्याप्त स्टॉक होने की वजह से फिलहाल चीनी की कीमतें स्थिर रहने की उम्मीद है।
भारत में चीनी उद्योग का संगठन इस्मा ने हाल ही में आंकड़े जारी करके कहा कि इस साल देश में में 321.35 लाख टन चीनी उत्पादन का अनुमान है, जो पिछले सीजन के 328.2 लाख टन उत्पादन से करीब ढाई फीसदी कम है। जबकि देश में चीनी की सालाना खपत करी 285 है।
चीनी उत्पादन की स्थिति को देखते हुए इस्मा ने सरकार से 20 लाख टन चीनी निर्यात करने की अनुमति देने की मांग की है। पिछले साल 60 टन चीनी निर्यात करने की अनुमति दी गई थी। पिछले चीनी सीजन में देश में 328.2 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ था।घरेलू खपत के बाद पिछले साल का शुरुआत स्टॉक 56 लाख टन था। जो चालू सीजन की समाप्ति पर करीब 91 लाख टन होगा जो तीन महीने के सामान्य खपत से अधिक है। ऐसे में सरकार को निर्यात करने की अनुमति देनी चाहिए।