मध्य प्रदेश में लगभग 300 रैलियां और रोड शो करने के बाद मुख्यमंत्री मोहन यादव को भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने दूसरे राज्यों में भी पार्टी के लिए प्रचार की जिम्मेदारी सौंपी है।हाल ही में उन्होंने पहले बुंदेलखंड और फिर दिल्ली में रैली करने के बाद नितिन कुमार से विस्तृत बातचीत की। उन्होंने कहा कि भाजपा मध्य प्रदेश में क्लीन स्वीप करने जा रही है और पूरे देश में प्रधानमंत्री मोदी द्वारा दिए गए ‘400 पार’ के लक्ष्य को भी हासिल करेगी। पेश है प्रमुख अंश:
-मध्य प्रदेश में 2024 का लोक सभा चुनाव आपके नेतृत्व में पहली राजनीतिक जंग है। भाजपा ने 2019 के लोक सभा चुनाव में राज्य की 29 में से 28 सीट जीती थीं। इस बार कितनी सीट हासिल करने का लक्ष्य है और इस लक्ष्य को पाने के लिए रणनीति क्या है?
वर्ष 2014 में हमने राज्य की 27 सीट जीती थीं और 2019 में एक सीट और बढ़ गई यानी हमने 28 सीट पर परचम लहराया। इससे पता चलता है कि राज्य में हमारी जड़ें लगातार मजबूत हो रही हैं। इस बार तो हमने और भी कड़ी मेहनत की है। पूरा भरोसा है कि राज्य में हम क्लीन स्वीप करेंगे। हम मतदाताओं के समक्ष राज्य और केंद्र दोनों सरकारों के काम रख रहे हैं। नौकरी, शिक्षा, कौशल विकास, भ्रष्टाचार पर अंकुश और यहां तक कि स्पेस मिशन जैसी वैज्ञानिक उपलब्धियां हमारे खाते में हैं।
पिछले चुनाव में हमारी पकड़ से छूट गई सीट छिंदवाड़ा में इस बार हमने जमीन से जुड़ा प्रत्याशी उतारा है और हम यह संदेश देने में कामयाब हुए हैं कि प्रत्याशी का चयन हमारे लिए कितना महत्त्वपूर्ण है। किसी व्यक्ति या उसके परिवार को ही एक सीट पर हमेशा काबिज नहीं रहना चाहिए।
कांग्रेस नेता और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ छिंदवाड़ा से 9वीं बार चुनाव जीते थे, जबकि उनकी पत्नी और बेटे ने एक-एक बार जीत हासिल की। अब वंशवादी दौर नहीं है। अब जनता जिसे चुनेगी, वह जनप्रतिनिधि बनेगा। हमने इस धारणा को तोड़ दिया है। मतदाताओं ने भी इस संदेश को खूब अच्छी तरह समझा और उस पर प्रतिक्रिया दी है। हम उनके इस सहयोग की सराहना करते हैं।
-प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस चुनाव में ‘400 पार’ सीट जीतने का लक्ष्य दिया है। क्या भाजपा के लिए इतनी सीटें पाना संभव है?
मध्य प्रदेश के अलावा मैं दूसरे राज्यों में भी पार्टी के प्रत्याशियों के लिए प्रचार कर रहा हूं। लोग प्रधानमंत्री मोदी और पिछले 10 वर्षों में भाजपा सरकार द्वारा किए गए कामों से बहुत खुश हैं। मुझे पूरा भरोसा है कि हम ‘400 पार’ का लक्ष्य जरूर हासिल कर लेंगे।
-बीते साल दिसंबर में सत्ता संभालने के बाद 2024 के लोक सभा चुनाव में कामयाबी हासिल करने के लिए आपकी क्या रणनीति रही?
मध्य प्रदेश में आर्थिक वृद्धि और ज्यादा से ज्यादा नौकरियां पैदा करने के लिए हम इसके विविध संसाधनों का उपयोग कर रहे हैं। हमारा लक्ष्य प्रमुख रूप से कृषि, विनिर्माण शिक्षा एवं प्रौद्योगिकी और क्षेत्रीय मजबूती के लिए उद्योगों को बढ़ावा देना है। इनमें संसाधन समृद्ध इलाकों में खनन संबंधी उद्योग एवं घनी आबादी वाले क्षेत्रों में नौकरियां देने वाले उद्योगों की स्थापना करना भी शामिल है।
राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर माल ढुलाई व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए हम रेलवे और विमानन जैसे क्षेत्रों में आधारभूत ढांचा बढ़ाने पर जोर दे रहे हैं। हमने एयर टैक्सी, एयर एम्बुलेंस और विभिन्न क्षेत्रों के लिए हेलीकॉप्टर सेवाओं की शुरुआत की। यही नहीं, हमने स्थानीय जनप्रतिनिधियों के प्रस्ताव शामिल करने के लिए बजट में संशोधन कर दिया है ताकि वे अपने स्तर पर भी विकास कार्यों पर अधिक धनराशि खर्च करने में सक्षम हो सकें। दिसंबर 2023 से 4,000 करोड़ रुपये के प्रस्ताव विधायकों और सांसदों की ओर से भेजे गए हैं। विकास कार्यों में अफसरशाहों के साथ स्थानीय जनप्रतिनिधियों की भागीदारी से राज्य के विकास को गति मिलेगी।
-देश के समक्ष बेरोजगारी बहुत बड़ी चुनौती है। अकेले मध्य प्रदेश में 35 लाख युवाओं के पास नौकरियां नहीं हैं। लोगों को रोजगार के अवसर मुहैया कराने के लिए आपकी सरकार की क्या रणनीति है?
हमारा राज्य मुख्यत: कृषि प्रधान हैं। हमारा जोर कृषि और सेवा समेत सभी क्षेत्रों में श्रम बल की भागीदारी बढ़ाने पर है। किसानों की आय बढ़ाने के लिए हमने फसल विविधता के विकल्पों को अपनाया है। किसानों को सब्सिडी, एमएसपी पर खरीद और बोनस जैसे लाभ दिए जा रहे हैं।
राज्य में दूध उत्पादन आय का बहुत बड़ा स्रोत है। इसे बढ़ावा देने के लिए हम नई योजना विकसित कर रहे हैं। रोजगार के अवसर पैदा करने के लिए हम सेवा और विनिर्माण जैसे क्षेत्रों पर जोर दे रहे हैं।
उदाहरण के लिए स्टार्टअप और उनके इंक्यूबेटर केंद्रों के लिए 100 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। हमारी सरकार ने राज्य के शिक्षा ढांचे में सुधार की भी योजना बनाई है। अब कौशल आधारित व्यावहारिक ज्ञान पर अधिक जोर दिया जाएगा, ताकि नौकरी पाने में युवाओं को दिक्कत पेश न आए। मुझे पूरा भरोसा है कि इस तरह की पहलें बेरोजगारी की समस्या से निपटने में खासी मदद करेंगी।
-वित्त वर्ष 2023 में मध्य प्रदेश का कर्ज भार बढ़ कर 3.3 लाख करोड़ पहुंच गया है। राज्य का वित्तीय घाटा कम करने और सतत आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए आपकी क्या रणनीति है?
जहां तक सतत आर्थिक विकास की बात है तो योजनाओं, नीतियों और सुधारों को लागू करने की दिशा में हम बहुत तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। इसके अलावा राज्य के खर्चों पर न केवल नजर बनाए हुए हैं बल्कि जहां जरूरी लग रहा है, वहां इनमें कटौती भी कर रहे हैं।
उदाहरण के लिए हमने स्वास्थ्य शिक्षा और स्वास्थ्य विभाग को आपस में मिला दिया है ताकि अस्पतालों में श्रम बल का सदुपयोग हो सके। इसी तरह की रणनीति कृषि समेत अन्य क्षेत्रों में भी अपना रहे हैं। एक उदाहरण खदान नीलामी का ले सकते हैं। हमारी सरकार के शुरुआती तीन महीनों में ही मध्य प्रदेश देश में सबसे ज्यादा खदानों की नीलामी के साथ इस मामले में नंबर वन बन गया।
-हाल ही में उज्जैन में आयोजित ‘मध्य प्रदेश में निवेश : क्षेत्रीय उद्योग सम्मेलन’ की बड़ी उपलब्धियां क्या रहीं? क्या सरकार ऐसे और भी आयोजन करने पर विचार कर रही है?
वैश्विक भागीदारी को देखते हुए यह सम्मेलन बहुत ही कामयाब रहा। इसमें लगभग 900 उद्योगों की ओर से एक लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव राज्य को मिले हैं। सरकार क्षेत्रीय एवं जिला स्तर पर ऐसे और भी शिखर सम्मेलन आयोजित करने की योजना पर काम कर रही है।
राज्य के आर्थिक विकास को गति देने के लिए जिलों का परिसीमन करने पर विचार किया जा रहा है, जैसा पुलिस थानों के लिए किया गया था। किसी जिले की आबादी 20 लाख से अधिक हो गई है और किसी-किसी की 5 लाख ही है। राज्य के 55 जिलों में से 30 की आबादी 10 लाख से कम है।