FAIFA ने’भारत के कृषि परिवर्तन’ रिपोर्ट जारी की है. इस रिपोर्ट के अनुसार, पिछले 9 वर्षों में कृषि के लिए बजट आवंटन में लगभग 300% से ज्यादा वृद्धि हुई है. इसके अलावा पीएम किसान योजना से 11 करोड़ से अधिक किसानों ने लाभ उठाया है.
फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया फार्मर एसोसिएशन (FAIFA) ने बुधवार यानी 15 मई 2024 को एक ‘भारत के कृषि परिवर्तन’ रिपोर्ट जारी की है. इस रिपोर्ट के अनुसार, पिछले 9 वर्षों में कृषि के लिए बजट आवंटन में लगभग 300% से ज्यादा वृद्धि हुई है. इसके अलावा पीएम किसान योजना से 11 करोड़ से अधिक किसानों ने लाभ उठाया है. लाखों किसानों और कृषि श्रमिकों का प्रतिनिधित्व करने वाले गैर-लाभकारी संगठन FAIFA ने कहा कि, MSP पर दालों की खरीद में भारी उछाल देखने को मिला है जिससे किसानों को फायदा हुआ है.
‘भारत के कृषि परिवर्तन’ रिपोर्ट
‘भारत के कृषि परिवर्तन’ शीर्षक वाली रिपोर्ट के अनुसार, किसानों की स्थिति में बदलाव लाने में प्रधानमंत्री किसान मानधन योजना, प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि और प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना ने अहम भूमिका निभाई है. इसके अलावा, भारत सरकार ने जैविक खेती को बढ़ावा, महिला किसानों को सशक्त, बुनियादी ढांचा को मजबूत और सेवाओं को डिजिटल बनाने पर रणनीति बनाई है.
रिपोर्ट की अन्य मुख्य बातें –
- वित्तीय वर्ष 2022-23 में 330.5 मिलियन मीट्रिक टन से ज्यादा खाद्यान्न का उत्पादन हुआ है.
- 4.60 लाख से ज्यादा बीज ग्रामों का निर्माण किया गया है और 102 मिलियन मीट्रिक टन बीजों का उत्पादन हुआ है.
- पिछले नौ साल में कृषि और इससे संबंधित क्षेत्रों में स्टार्टअप की संख्या 7,000 , अधिक हुई है.
- पिछले 9 वर्षों में 51 प्रतिशत दूध उत्पादन में वृद्धि, 221.06 मिलियन मीट्रिक टन दूध का उत्पादन किया गया है.
- 2016 से अब तक परम्परागत कृषि विकास योजना (PKVY) के तहत 11 लाख हेक्टेयर से ज्यादा कवरेज और विभिन्न उपलब्धियां, जो देश के किसानों का प्रतिनिधित्व करती है.
दिल्ली में सेमिनार आयोजित
आपको बता दें, बुधवार को कॉन्स्टिट्यूशन क्लब ऑफ इंडिया, नई दिल्ली में एक सेमिनार आयोजित किया गया. “किसानों की आजीविका सुनिश्चित: टिकाऊ कृषि पद्धतियों के माध्यम से किसानों की आय में वृद्धि.” इस सेमिनार में पूर्व सांसद जीवीएल नरसिम्हा राव ने भी हिस्सा लिया. यहां मुख्य वक्ता के रुप में प्रोफेसर एमवी अशोक, वरिष्ठ सलाहकार बीएआईएफ रिसर्च एंड डेवलपमेंट फाउंडेशन पुणे और पूर्व मुख्य महाप्रबंधक, नाबार्ड और डॉ. जेपी टंडन, पूर्व निदेशक, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद मौजूद रहे.