हर ब्लॉक में मिट्टी परीक्षण प्रयोगशाला तो बना दी पर स्टाफ की नहीं हुई पदस्थापना

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अनूपपुर. शासन द्वारा खेती को लाभ का धंधा बनाने के लिए संचालित योजनाओं में लाखों रुपए खर्च किए जा रहे हैं, ताकि किसानों को इसका लाभ लेकर खेती में आत्मनिर्भर बन सकें। साथ ही अपनी आय को बढ़ा सकें। इसके विपरीत जिले में कुछ योजनाओं लाभ किसानों को नहीं मिल रहा है। 

शासन द्वारा खेती को लाभ का धंधा बनाने के लिए संचालित योजनाओं में लाखों रुपए खर्च किए जा रहे हैं, ताकि किसानों को इसका लाभ लेकर खेती में आत्मनिर्भर बन सकें। साथ ही अपनी आय को बढ़ा सकें। इसके विपरीत जिले में कुछ योजनाओं लाभ किसानों को नहीं मिल रहा है। जिले में लाखों रुपए की लागत से सभी विकासखंड में मिट्टी परीक्षण प्रयोगशाला का निर्माण कराया गया है, लेकिन आज तक यहां स्टाफ की पदस्थापना नहीं की गई है। इस कारण ये भवन शो पीस बनकर रह गए हैं। जिला मुख्यालय में कृषि उपज मंडी कार्यालय के बगल से ही मिट्टी परीक्षण प्रयोगशाला भवन का निर्माण कराया गया है। इसी तरह कोतमा, जैतहरी तथा पुष्पराजगढ़ विकासखंड में भी लाखों रुपए की लागत से भवनों का निर्माण विभाग ने कराया है। आज तक विभागीय अधिकारियों द्वारा यहां मिट्टी परीक्षण प्रयोगशाला को संचालित करने के लिए अधिकारियों व कर्मचारियों की नियुक्ति नहीं की गई जिसके कारण यह भवन बेकार ही पड़े हुए हैं। निर्माण के बाद वर्षों से उपयोग के अभाव में भवन जर्जर भी होते जा रहे हैं। मृदा परीक्षण प्रयोगशाला में किसानों की भूमि के नमूने लेते हुए प्रयोगशाला में किसान की भूमि में किन-किन पोषक तत्वों की कमी है तथा कौन से पोषक तत्व उसमें पर्याप्त मात्रा में हैं इसकी जांच की जानी है। इसके अंतर्गत किसान के भूमि में 12 तरह के पोषक तत्वों की जांच की जानी है। पी एच, ई सी, जैविक कार्बन, नाइट्रोजन, फॉस्फोरस, पोटेशियम, सल्फर, जिंक, बोरान, आयरन, मैंगनीज, कॉपर की जांच लैब के माध्यम से करते हुए किसान को यह बताया जाना है कि उसकी भूमि में किन पोषक तत्वों की कमी है और उसे दूर करने के लिए वह क्या उपचार कर सकता है।

टारगेट तक सीमित विभाग की कार्रवाई

प्रत्येक वर्ष कृषि विभाग के अधिकारियों को जिले के किसानों को सॉइल हेल्थ कार्ड वितरित किया जाता है। विभाग की यह महत्वपूर्ण योजना भी अनूपपुर में सिर्फ कोरम पूरा करने तक सीमित रह गई है जहां वास्तव में किसानों की इसकी उपयोगिता तथा इसके लाभ के संबंध में जानकारी देने की बजाय इसकी खानापूर्ति कर ली जाती है। जिले के कोतमा, जैतहरी तथा पुष्पराजगढ़ विकासखंड में मिट्टी परीक्षण प्रयोगशाला भवन का निर्माण तो कर दिया गया लेकिन जांच नहीं हो रही। प्रत्येक कार्यालय में मृदा विशेषज्ञ, लैब टेक्नीशियन, अटेंडेंट,सहायक संचालक मिट्टी परीक्षण, एस ए डी ओ, एवं सहायक टेक्नीशियन की नियुक्ति की जानी थी। जिनके पद अभी तक रिक्त हैं जिसकी वजह से यह कार्यालय भी सूने पड़े हैं।

सिर्फ कृषि उपज मंडी कार्यालय अनूपपुर में संचालित है प्रयोगशाला

वर्तमान में मृदा परीक्षण प्रयोगशाला का संचालन सिर्फ जिले में कृषि उपज मंडी कार्यालय अनूपपुर में किया जा रहा है बाकी विकासखंड स्तर पर लगभग 12 लाख रुपए की लागत से मृदा परीक्षण प्रयोगशाला कार्यालय का निर्माण किया गया है लेकिन आज तक यहां प्रयोगशाला को संचालित करने के लिए संबंधित स्टाफ की नियुक्ति विभाग द्वारा नहीं की गई। जिसकी वजह से विकासखंड स्तर पर कार्यालय होने के बावजूद आज भी जिन किसानों को मृदा परीक्षण करना होता है उनके लिए जिला मुख्यालय तक जाने की मजबूरी बनी रहती है।