कहीं बारिश-ओलावृष्टि से लोग बेहाल तो कहीं अब भी है लू का अलर्ट

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उत्तराखंड में बारिश से जनजीवन तो प्रभावित हुआ ही है फसलों को भी नुकसान पहुँचा है। दक्षिण भारत के कई राज्यों में भी अच्छी बारिश हो रही है। हालाँकि मुंबई में हमेशा की तरह तेज़ बारिश ने शहर की रफ़्तार पर ब्रेक सा लगा दिया है। कई जगह पानी जमा होने से ट्रैफिक पर असर पड़ा है। लेकिन दिल्ली, उत्तर प्रदेश, राजस्थान,मध्य प्रदेश,बिहार और हरियाणा में लोग अब भी गर्मी से बहल है। कई जगहों पर किसानों को बिना वजह लू के दौरान खेत में नहीं जाने की सलाह दी गई है।

मौसम केंद्र लखनऊ के प्रमुख डॉ. मनीष रनाळकर ने गाँव कनेक्शन से कहा कि भारत के लिए इस बार का मानसून बेहतर हो सकता है, लेकिन अगर गर्मी और हीट वेव की बात करें तो इस साल रिकॉर्ड तोड़ गर्मी पड़ने वाली है; ऐसे में उत्तर प्रदेश, बिहार, हरियाणा, पंजाब और मध्य प्रदेश में किसानों को विशेष सावधानी बरतने की ज़रूरत है।

ख़राब मौसम से कितना हुआ नुकसान?

बेमौसम बारिश और बिजली गिरने से गुजरात और दक्षिण के कुछ राज्यों में अधिक नुकसान हुआ है। गुजरात सरकार ने सभी जिला प्रशासन को मौजूदा स्थिति की समीक्षा करने के साथ अलर्ट रहने को कहा है। दक्षिण गुजरात के इलाके में बारिश से फसलों को भारी नुकसान हुआ है। खासकर अनाज, फल और सब्जियों की खेती चौपट हुई है। किसानों ने सरकार से माँग की है कि जल्द नुकसान का सर्वे कराकर उन्हें मुआवजा दिया जाए।

मौसम विभाग ने गुजरात में थंडर स्टॉर्म के साथ बेमौसम बारिश को लेकर येलो अलर्ट जारी किया है। मोरबी, राजकोट, भावनगर, गिर-सोमनाथ, पोरबंदर, द्वारका, अमरेली, नवसारी और डांग के अलावा वलसाड, जूनागढ़ और दादरा नगर हवेली में बेमौसम बारिश की चेतावनी है। गुजरात में बेमौसम बारिश से किसानों की फसल को नुकसान पहुँचा है। जिन किसानों ने आम, तिल, बाजरा और प्याज बोया था उन्हें ज़्यादा नुकसान हुआ है। तमिलनाडु के मदुरै जिले में हो रही भारी बारिश के कारण, चेल्लमपट्टी क्षेत्र के धान किसानों को भारी नुकसान हुआ है। यहाँ 600 एकड़ से अधिक धान की फसल डूब गई है।

ये है मौसम में बदलाव की वजह

मौसम विभाग के मुताबिक पिछले कुछ दिनों से मौसम सामान्य रहा है जिसकी वजह से कभी-कभी बारिश हो रही थी, लेकिन अब जितने भी मैदानी इलाके हैं, वहाँ तापमान बढ़ेगा और 44 डिग्री तक जा सकता है। पूरे गुजरात में अगले 3 दिनों तक बारिश की चेतावनी जारी की गई है। वेस्टर्न डिस्टर्बेंस एक्टिविटी अभी भी बनी हुई है, उससे कश्मीर, हिमाचल जैसी जगहों पर बर्फ़बारी होती रहेगी। लेकिन दिल्ली एनसीआर में फ़िलहाल कोई राहत नहीं मिलेगी यानी गर्मी का सामना कुछ सप्ताह और करना होगा। 16 मई के बाद तापमान 44 डिग्री तक जा सकता है।